पति ने धोखा दिया तो लड़कों की तरह रहने लगी:एक के पिता ने छुड़वा दी थी पढ़ाई; रील देख बचपन की दोस्त ने बनाया एक-दूसरे से शादी करने का प्लान
पति ने धोखा दिया तो लड़कों की तरह रहने लगी:एक के पिता ने छुड़वा दी थी पढ़ाई; रील देख बचपन की दोस्त ने बनाया एक-दूसरे से शादी करने का प्लान

पाली : एक लड़की 20 साल की और एक 25 साल की…। बचपन से दोनों दोस्त..। लेकिन, दो साल पहले दोनों के बीच रिश्ते इतने मजबूत हो गए कि शादी करने की ठान ली।
थाने पहुंची और अपनी इच्छा बताई तो पुलिस अधिकारी भी सुन कर चौंक गए। काउंसिलिंग के लिए सखी सेंटर लाया गया…यहां भी एक ही जिद थी कि दोनों साथ रहेगी और शादी करेगी।
मामला पाली जिले का है। लगातार चली काउंसिलिंग में आखिर दोनों ने एक-दूसरे से अलग रहने का फैसला लिया। लेकिन, जब काउंसिलिंग की गई तो चौंकाने वाले इनकी कहानी सामने आई।
एक का दर्द था कि उसके पति ने शादी के बाद उसे धोखा दिया और इतनी नफरत हो गई कि वह लड़कों की तरह रहने लगी। वहीं दूसरी दोस्त का ये मानना था कि उसके घरवालों ने उसे समझा नहीं। वह पढ़ना चाहती थी लेकिन उसका सपना अधूरा रह गया।
आखिर इन दो सालों में जब दोनों ने अपने सुख-दुख बांटने शुरू किए तो इनकी दोस्ती प्यार में बदल गई। इस बीच सोशल मीडिया पर रील देख पता चला कि दो लड़कियां साथ में रह सकती है तो इन्होंने भी साथ जीने-मरने की कसम खाई।
पढि़ए ये पूरी कहानी…।
पति ने धोखा दिया तो आदमियों से नफरत होने लगी
मेरा नाम पूजा (बदला हुआ नाम-25) है। जब मेरी उम्र 20 साल की थी शादी के बंधन में बंध गई थी। पांच सा पहले मेरी शादी हो गई थी। लेकिन, मुझे पता नहीं था कि मेरी शादी दो दिन से ज्यादा नहीं टिकेगी।
ससुराल गई तो दो दिन बाद ही पता चला कि वह किसी और के प्यार में डूबा हुआ था। मैंने उसका मोबाइल देखा तो वीडियो देख में चौंक गई। मैंने उसे समझाने की भी कोशिश की लेकिन वह सुधरा नहीं।
आखिरी में मुझे उसे छोड़ अपने पीहर आना पड़ा। इस बीच एक साल तक उसे समझाया और दूसरी लड़की से दूर रहने का कहा लेकिन वह माना नहीं। शादी के एक साल बाद ही हमारा रिश्ता टूट गया और मैंने तलाक दे दिया।
इस दिन के बाद से मेरे मन में आदमियों के लिए नफरत पैदा होने लगी। मैंने ठान लिया था कि अब मैं दूसरी शादी नहीं करूंगी।
डर लगता था पहले जैसा नहीं हो जाए, पेंट-शर्ट पहनने लगी
इस बीच मेरे घरवाले बार-बार मुझ पर दूसरी शादी करने का दबाव डालने लगे। वे कई रिश्ते भी लेकर आए लेकिन मेरा मन नहीं माना।
परिवार के लोगों ने भी मुझे समझाने का प्रयास किया लेकिन मुझे डर लगने लगा कि दूसरा पति भी कही पहले पति जैसा नहीं निकल जाए। मैंने परेशान होकर ये ठान लिया कि अब मैं शादी नहीं करूंगी।
फिर लगा कि इस दुनिया में अकेले रहकर कैसे लोगों से लडूंगी। अपने आप को हिम्मत बंधाते हुए मैंने महिलाओं की तरह रहना छोड़ दिया था। औरतों की तरह कपड़े छोड़ मैंने पेंट-शर्ट पहनना शुरू क दिया। आज दिन में मैं आदमियों की तरह रहती हूं।
मैं पढ़ना चाहती थी और घरवाले मेरी शादी जबरदस्ती शादी करवाना चाहते थे
मेरा नाम आराधना (बदला हुआ नाम-20) है। मैं जब अपने पड़ोस के बच्चों को पढ़ते हुए देखती थी तो मैं सोचती थी कि मैं भी पढ़-लिखकर बड़ा नाम करूं।
चार साल पहले मैंने 8वीं पास की थी। मैं आगे पढ़ना चाहती थी लेकिन पिता ने स्कूल तक छुड़वा दिया। जब मैंने पढ़ने के लिए कहा तो कहते थे-पढ़ने की जरूरत नहीं है। जल्द ही तेरी शादी करवा देंगे।
मैंने कई बार मां-बाप को समझाया कि मैं पढ़ना चाहती हूं लेकिन उन्होंने मेरी एक भी नहीं सुनी। मुझे ऐसा लगता था कि वे सुनने के लिए राजी नहीं थे। ऐसे में पिता को लेकर मेरे मन में गलत भाव आने लगे।
मुझे ऐसा लगता था कि जैसे वे मेरे सपना पूरा नहीं करना चाहते और विलेन बने हुए है। आखिर में मेरी एक नहीं सुनी और मैं उनके साथ खेत पर जाने लगी। शादी के लिए कई बार वे कहने लगे लेकिन मैंने साफ मना कर दिया कि शादी नहीं करूंगी।
दो साल में एक-दूसरे के आए नजदीक, शादी करने का फैसला लिया
काउंसिलिंग में सामने आया कि दोनों पड़ोसी है। बचपन की दोस्त भी रही। लेकिन, पिछले दो साल में ये एक-दूसरे के काफी नजदीक आई। दोनों ने अपना दुख दर्द बांटना शुरू किया तो उन्हें लगा कि ये ही एक-दूसरे को समझती है।
जब पूजा और आराधना ने सखी सेंटर की टीम के सामने अपनी-अपनी कहानी बताई तो दोनों रोने लगी। इनको ऐसा लगता था कि परिवार वाले न तो इन्हें समझते हैं और न ही इनका भला चाहते है। इनकी नजरों में घरवाले किसी मूवी के विलेन की तरह थे।
जब भी पूजा और आराधना को समय मिलता तो वे एक-दूसरे का दुख-दर्द बांटने लगे। इसी बीच इनके बीच लव अफेयर होने लगा। इन्हें लगने लगा कि दोनों एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकती। ऐसे में शादी का प्रस्ताव रखा और 16 जून को घरवालों को बिना बताए जैतपुर थाने पहुंच गई। यहां थाने में आकर दोनों ने अपनी कहानी बताई । यहां थाना अधिकारी राजेंद्र सिंह के सामने अपना पक्ष रखते हुए दोनों ने कहा- वे शादी करना चाहते हैं लेकिन घरवाले राजी नहीं है। इसलिए प्लीज शादी करवा दीजिए। वरना दोनों एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकेगी।
रात में 3 घंटे चली काउंसिलिंग, बताया-सोशल मीडिया से भी हुई इंफ्लुएंस
पहले थाना अधिकारी ने दोनों को समझाया। जब वे नहीं मानी तो रविवार की शाम इन्हें लेकर पाली के सखी वन स्टॉप सेंटर भेजा गया। सखी सेंटर प्रभारी देवी बामणिया ने बताया कि जब वे यहां आई थी तो हालात ये थे कि दोनों शादी ही करना चाहती है।
इन दोनों के इस रिश्ते में कहीं न कहीं सोशल मीडिया का भी प्रभाव रहा। इंस्टग्राम और दूसरे प्लेटफॉर्म से उन्होंने ऐसे रिश्तों के बारे में पढ़ा और देखा तो इंफ्लुएंस हुई।
रविवार रात में शुरू हुई काउंसिलिंग देर रात तक चली। 3 घंटे काउंसिलिंग के बाद भी दोनों आपस में शादी करने के लिए अड़ी री। दोनों का कहना था-घरवाले उन्हें समझते नहीं है। वे एक-दूसरे को बहुत अच्छी तरह से समझती है इसलिए एक साथ रहकर एक-दूसरे का सहारा बनना चाहती है।
जब वे नहीं मानी तो केस वर्कर सोनिया जोशी, कुंती बाला, गीता देवी ने दोनों के साथ सोमवार सुबह तीन-तीन राउंड में समझाइश की। उन्हें सामाजिक और कानूनी स्तर पर जब समझाया गया तो आखिर दोनों ने एक-दूसरे से अलग होने का निर्णय लिया।
हालांकि दोनों को घरवालों के साथ रवाना कर दिया गया है। लेकिन, इससे पहले सहमति बनी की वे दोनों शादी नहीं करेगी। यहां तक की दोनों ने किसी ओर से भी शादी नहीं करने का फैसला समिति के सामने रखा।