जयपुर. करौली में 10 वर्षीय मूक बधिर बालिका की जलने से मौत नहीं हुई थी, बल्कि एसएमएस अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उसकी जहर देकर हत्या की गई थी।
बालिका के निकट परिजन पर पुलिस को शक है, जो अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान बालिका के पास आता-जाता रहता था। अब पुलिस उस संदिग्ध निकट परिजन की पहचान करने में जुटी है। सूत्रों के अनुसार किसी ने इलाज के दौरान उसको जहर दे दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। यह सनसनीखेज खुलासा जयपुर एसएमएस अस्पताल के पोस्टमार्टम करने वाले मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट से हुआ है, जिसकी प्रति पत्रिका के पास उपलब्ध है।
आरोपी के खिलाफ नहीं मिले सबूत: सूत्रों के अनुसार घटना के बाद परिजन ने संदेह के आधार पर बालिका को (जिसके खेत में जलाने की घटना हुई) ललित शर्मा का फोटो दिखाया, लेकिन उसने पहचानने से इनकार कर दिया। जबकि चार दिन बाद अनुवादक ने ललित शर्मा की फोटो दिखाई तो बालिका ने पहचान की। परिजन ने सोशल मीडिया से ललित शर्मा का 9 वर्ष पुराना फोटो लिया था। घटना स्थल के नजदीक लगे सीसीटीवी कैमरों में आरोपी नजर नहीं आया।
आरोपी के मोबाइल की लोकेशन दूसरी जगह थी और उससे उसके परिचितों से बातचीत होना सामने आया। इसके चलते अब आरोपी का पॉलीग्राफी व नार्को टेस्ट करवाया जाएगा।
इन जांचों में बलात्कार की नहीं पुष्टि
- करौली में 9 मई 2024 को घटना के बाद राजकीय हॉस्पिटल हिण्डौनसिटी के मेडिकल बोर्ड ने बलात्कार नहीं होना बताया
- अनुवादक आसिफा खान के समक्ष 14 मई को दिए बयान में बालिका ने खुद के साथ बलात्कार नहीं होना बताया
- एसएमएस अस्पताल में मृत्यु के बाद 15 मई को मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम में बलात्कार मुआयना के लिए गए सैम्पल की एफएसएल डीएनए जांच रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है।