इलाज के दौरान प्रसूता की मौत का मामला:30 घंटे बाद धरना समाप्त,45 मिनट तक टंकी की सीढ़ियों पर रहे लोग
इलाज के दौरान प्रसूता की मौत का मामला:30 घंटे बाद धरना समाप्त,45 मिनट तक टंकी की सीढ़ियों पर रहे लोग

सीकर : इलाज के दौरान प्रसूता की मौत के मामले में 30 घंटे बाद धरना समाप्त हुआ। 15 दिन में कमेटी द्वारा जांच की जाएगी। इस बात पर सहमति होने के बाद धरना समाप्त किया। घटना के विरोध में परिजन सहित अन्य कई संगठनों के पदाधिकारी अस्पताल के बाहर करीब 30 घंटे से धरने पर बैठे हुए थे। वही इस धरने के विरोध में आज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले सीकर में प्राइवेट डॉक्टर्स ने भी कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया था।

आपको बता दे कि 10 जून को सीकर के बसंत विहार स्थित सरोज हॉस्पिटल में दांतारामगढ़ की रहने वाली सुमन ने बच्ची को जन्म दिया। 2 दिन तक वह अस्पताल में रही। 13 जून की सुबह उसे यूरिन पास बंद होने पर सीकर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में रैफर किया गया। जहां से उसे जयपुर में भेज दिया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

इस मामले में परिजनों का कहना था कि सरोज हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने इलाज में लापरवाही बरती जिसके चलते प्रसूता की मौत हो गई। हालांकि उसकी बच्ची को जनाना हॉस्पिटल में शिफ्ट किया है। परिजन मुआवजे सहित अन्य संगठनों के पदाधिकारी बच्ची के नाम 50 लाख के मुआवजे, अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई सहित अन्य मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे। इस मामले में अस्पताल के डॉ.रोहिताश ने कहा था कि इलाज में किसी भी तरह की कोई लापरवाही नहीं हुई। महिला को ऑपरेशन से पहले ही इंफेक्शन था जिसके चलते उसका यूरिन पास होना बंद हो गया।
डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ. रामदेव चौधरी का कहना है यदि परिवार को कोई कानूनी लड़ाई लड़नी है तो वह कोर्ट में लड़ सकते हैं। इस तरह से अस्पताल के बाहर धरना देने का क्या औचित्य है। डॉक्टर्स यह तय भी कर चुके हैं कि बच्ची की पढ़ाई और मेडिकल खर्च भी हमारे द्वारा वहन किया जाएगा। जब तक अस्पताल के बाहर धरना खत्म नहीं होता तब तक हमारा कार्य बहिष्कार जारी रहेगा।

45 मिनट तक टंकी की सीढ़ियों पर रहे, धक्कामुक्की भी हुई
सीकर में धरने के दौरान आज कुछ लोग पास में स्थित पानी की टंकी की सीढ़ियों पर चढ़ गए। इस दौरान 45 मिनट तक वह सीढ़ियों पर ही रहे। उद्योग नगर थाना अधिकारी सुरेंद्र देगड़ा ने अन्य पुलिसकर्मियों के साथ टंकी की सीढ़ियों पर चढ़कर उन्हे उतारने का प्रयास किया। इस दौरान वहां मधुमक्खियां आ गई। ऐसे में उन्होंने बचाव करते हुए सभी को नीचे उतारा। हालांकि इस दौरान पुलिस और टंकी पर चढ़े लोगों के बीच धक्का मुक्की हुई। धरने पर बैठे लोगों ने पुलिस और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।

15 दिन में कमेटी करेगी जांच
मुआवजे सहित अन्य मांगों को लेकर कल दोपहर में धरना शुरू हुआ था। इसके बाद आज रात करीब 8 बजे धरना समाप्त हुआ। जिसमें समझौता हुआ कि मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। जो 15 दिन में जांच करेगी। इस कमेटी में एक प्रशासनिक अधिकारी और एक पुलिस अधिकारी होगा। वहीं अस्पताल की व्यवस्था जांचने के लिए वीडियोग्राफी भी करवाई गई।
दोपहर से काफी लोग धरने पर लोग बैठे रहे। शाम 4 बजे बाद सीकर एसडीएम जय कौशिक को धरने पर बैठे लोगों द्वारा ज्ञापन दिया गया। इसके बाद अचानक जैसे ही धरने पर बैठे लोग टंकी की सीढ़ियों पर चढ़ने लगे तो एक बार माहौल गर्म हुआ। मौके पर एसपी ऑफिस और शहर कोतवाली एवं सदर थाने का जाब्ता भी बुलाया गया। 6:30 बजे बाद सांसद अमराराम धरना स्थल पर पहुंचे। यहां उनके पहुंचने के बाद एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से मिलने पहुंचा जिसके बाद सहमति बनी और 8 से 8:30 बजे के बीच धरना समाप्त हुआ।