कोटा में स्टूडेंट ने 9वीं मंजिल से कूदकर जान दी:आत्महत्या रोकने में विफल पुलिस की धमकी- फुटेज चलाया तो केस दर्ज करेंगे
कोटा में स्टूडेंट ने 9वीं मंजिल से कूदकर जान दी:आत्महत्या रोकने में विफल पुलिस की धमकी- फुटेज चलाया तो केस दर्ज करेंगे

कोटा : कोटा में NEET की तैयारी कर रही MP के रीवा की छात्रा ने अपॉर्टमेंट की 9वीं मंजिल से कूदकर जान दे दी। पड़ोस के फ्लैट में रहने वाली महिला ने उसे गैलरी से कूदते हुए देखा। महिला कुछ समझ पाती, उससे पहले ही छात्रा ने छलांग लगा दी। उसका एक दिन पहले ही NEET का रिजल्ट आया था। कम मार्क्स आने से वो डिप्रेशन में चल रही थी। वह बुधवार दोपहर डाउट क्लियर करने क्लास भी गई थी। मामला कोटा (राजस्थान) के जवाहर नगर इलाके का बुधवार शाम 4 बजे का है।
घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इसमें छात्रा छलांग लगाती हुई दिख रही है। एक महिला जैसे ही फ्लैट से निकलकर उसे देखती है, बगिशा छलांग लगा देती है।
एसपी की धमकी- वीडियो चलाया तो केस दर्ज करेंगे
इधर, कोटा में छात्रों की आत्महत्या रोकने में नाकाम पुलिस प्रशासन अब घटना का सीसीटीवी फुटेज चलाने से रोकने का प्रयास कर रही है। कोटा की एसपी अमृता दुहन ने वॉट्सऐप ग्रुप पर धमकी दी है कि घटना के वीडियो से आइडिया लेकर किसी अन्य ने आत्महत्या की तो सीसीटीवी चलाने वालों पर आपराधिक केस दर्ज किया जाएगा।

मां और भाई के साथ फ्लैट में रहती थी
जवाहर नगर थानाधिकारी हरिमोहन शर्मा ने बताया- बगिशा तिवारी (18) रीवा मध्यप्रदेश के गुढ़ (अनंतपुर) की रहने वाली थी। वह कोटा के जवाहर नगर इलाके की पुखराज एलिमेंट बिल्डिंग की 9वीं मंजिल के फ्लैट नं. 503 में रहती थी। साथ में मां व छोटा भाई भी रहते थे। बगिशा 3 साल से नीट की तैयारी कर रही थी। उसका भाई 11वीं में पढ़ता है। वो भी JEE की तैयारी कर रहा है। छात्रा का एक दिन पहले ही नीट का रिजल्ट आया था।

CCTV फुटेज खंगाल रही पुलिस
थानाधिकारी ने बताया- छात्रा के नीचे गिरते ही मौके पर भीड़ जमा हो गई थी। बिल्डिंग के सुरक्षा गार्ड सहित आस-पास के दुकानदार व राहगीर भाग कर आए। घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। उसे प्राइवेट हॉस्पिटल लेकर आए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस बिल्डिंग के आसपास के CCTV कैमरे भी खंगाल रही है।

मां से कहा था- आकर खाना खाऊंगी
बगिशा के भाई पार्थ ने बताया- बुधवार सुबह हम दोनों कोचिंग गए थे। दोपहर 12 बजे वापस घर आ गए थे। दोपहर 2 बजे बगिशा डाउट क्लास गई थी। उसने मां से कोचिंग से आकर खाना खाने की बात कही थी। दोपहर करीब 3.45 बजे उसे मैसेज करके पूछा था कि कितनी देर में आ रही है। उसने कहा- क्लास में हूं कुछ देर में आ जाऊंगी। मुझे भी डाउट क्लास में जाना था। मैं भी तैयार हो रहा था। मां खाना बनाने में लग गईं। कुछ देर बाद पड़ोस के लोगों ने आकर बताया कि बगिशा बिल्डिंग के नीचे गिरी हुई है।

नीट में 720 में आए थे 320 नंबर
पिता विनोद तिवारी रीवा में PWD में इंजीनियर हैं। वे सुबह 7 बजे कोटा पहुंचे थे। उन्होंने बताया- 4 जून को NEET का रिजल्ट आया था। इसमें बगिशा के 720 में से 320 नंबर आए थे। वह नीट की परीक्षा क्लियर नहीं कर पाई थी। उसके बाद 4 जून की रात को उससे बात हुई थी। मैंने उसे कहा- नंबर कम आए हैं तो कोई बात नहीं किसी प्राइवेट कॉलेज में दाखिला दिला देंगे।
बगिशा ने कहा था, मैं 1 साल और तैयारी करना चाहती हूं। पता नहीं ऐसा कैसे कर लिया। वह तो हमेशा बताती थी कि कोटा में सुसाइड के केस आते रहते हैं। बड़ी धार्मिक थी। पूजा-पाठ करती रहती थी। मैंने तो कहा था- चिंता मत करना मेरे पास बहुत पैसा है। पता नहीं ऐसा कदम कैसे उठा लिया।
इस साल कोटा में अब तक 10 सुसाइड
- 5 मई रीवा (मध्य प्रदेश) की रहने वाली नीट स्टूडेंट बगिशा तिवारी ने बिल्डिंग की गैलरी से कूदकर सुसाइड कर लिया।
- 30 अप्रैल धौलपुर के रहने वाले नीट स्टूडेंट भरत राजपूत ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया।
- 28 अप्रैल रोहतक (हरियाणा) के रहने वाले नीट स्टूडेंट सुमित फंदे से लटका मिला।
- 24 मार्च कन्नौज (यूपी) के रहने वाले नीट स्टूडेंट उरूज ने सुसाइड कर लिया था।
- 6 मार्च भागलपुर (बिहार) के रहने वाले जेईई स्टूडेंट अभिषेक ने सल्फास खाकर सुसाइड कर लिया था।
- 20 फरवरी राजगढ़ (मध्यप्रदेश) के रहने वाले जेईई स्टूडेंट रचित का शव जंगल में मिला था।
- 13 फरवरी छत्तीसगढ़ के रहने वाले जेईई स्टूडेंट शुभ कुमार चौधरी ने सुसाइड किया था।
- 2 फरवरी गोंडा (यूपी) के रहने वाले नूर मोहम्मद ने सुसाइड किया था। वह कोटा में ऑनलाइन पढ़ाई करता था।
- 31 जनवरी जेईई स्टूडेंट निहारिका ने सुसाइड किया था।
- 24 जनवरी मुरादाबाद (यूपी) का रहने वाला नीट स्टूडेंट मोहम्मद जैद हॉस्टल में फंदे पर लटका मिला था।
सुसाइड केसेज में कोटा का 45 वां नंबर
एनसीआरबी के अनुसार, देश के पांच बड़े राज्यों में 49.3 प्रतिशत सुसाइड होते हैं। इनमें राजस्थान नहीं है। पिछले 6 साल में देश में 69058 स्टूडेंटस ने सुसाइड किए। देश में आत्महत्या दर सर्वाधिक युवाओं में 15 से 29 वर्ष आयु वर्ग का है। देश के 10 लाख से ज्यादा आबादी के टॉप 53 शहरों में होने वाले सुसाइड केसेज में कोटा 45वें नंबर पर है।
सुसाइड के 6 सबसे बड़े कारण
- एकेडमिक कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ाई का तनाव होता है। दूसरे शहरों से यहां आए कई स्टूडेंट स्टडी कवर नहीं कर पाते। पढ़ाई में दूसरे बच्चों की तुलना में कमजोर रह जाते हैं। टेस्ट में नंबर कम लाते हैं। एग्जाम में सलेक्शन नहीं हो पाता। इससे सुसाइड टेंडेसी बढ़ती है।
- फिजिकल कोचिंग लेने वाले अधिकांश स्टूडेंट की उम्र 16 से 18 साल होती है। इस उम्र में शरीर और सोच में बदलाव आते हैं। बच्चा इन्हें समझ नहीं पाता। कोटा में वह अकेला हो जाता है। उसे समझाने वाला भी कोई नहीं रहता। इसकी वजह से तनाव बढ़ता है।
- साइकोलॉजिकल कुछ बच्चे मानसिक तनाव ले लेते हैं। इसका कारण प्रेम प्रसंग हो सकता है, परिवार की ओर से बच्चे पर दबाव या कोचिंग का दबाव हो सकता है।
- फैमिली 16-17 साल माता-पिता और परिवार के साथ रहा बच्चा अचानक अकेला हो जाता है। उस पर पढ़ाई का भारी प्रेशर आ जाता है। परिवार से इमोशनली अटैच कुछ बच्चे इस दूरी को झेल नहीं पाते। इसका असर पढ़ाई पर और फिर दिमाग पर पड़ता है। परिवार से दूर रहकर न खाना अच्छा मिलता है, न केयर मिलती है।
- मेजर लाइफ इवेंट बच्चे के जीवन में अगर ऐसी कोई घटना घटी हो, जिसने उसके दिल दिमाग पर गहरा असर डाला हो, तो स्थिति खतरनाक हो जाती है। या फिर अचानक कुछ ऐसा हो जाए जो बच्चे के दिमाग पर गहरा असर डाले। जैसे किसी खास सदस्य से दूर हो जाना, मौत या ब्रेकअप हो जाना। ये हालात बच्चे को दिमागी तौर पर तोड़ देते हैं।
- सोशल इकोनॉमिक कोचिंग स्टूडेंट्स के पेरेंट्स आर्थिक रूप से संपन्न हों, जरूरी नहीं। सामान्य या गरीब वर्ग के बच्चे कोटा में सम्पन्न परिवारों के बच्चों को रहन-सहन देखते हैं। वे खुद को आर्थिक रूप से कमजोर समझने लगते हैं। यह तनाव का कारण बन जाता है।