राजेंद्र शर्मा झेरलीवाला पिलानी, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक
झुंझुनूं : भजनलाल शर्मा सरकार की आमजन की समस्यायों को लेकर कितनी संवेदनशील है उसका अंदाजा उनकी सरकार के जलदाय विभाग के मंत्री के उस बयान से लगाया जा सकता है जो पीने के पानी को लेकर त्राहि-त्राहि जनता के ज़ख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है । विदित हो शेखावाटी अंचल खासकर पिलानी विधानसभा क्षेत्र का आवाम पीने के पानी के लिए हाहाकार कर रहा है । इस समस्या को लेकर लोकसभा चुनावों में भावी सांसद ने यमुना जल समझोते को लेकर बहुत उत्साहित नजर आ रहे थे और उन्होंने यमुना जल का पानी शेखावाटी को जल्द ही दिलवाने का वादा किया था । लेकिन उनके ही मंत्री का बयान विरोधाभास लिए है और उनके बयान से यह झलक मिलती है कि वह समझोता एक ढिंढोरा था । इस भंयकर गर्मी के मौसम में पीने के पानी को लेकर जनमानस का पारा चढ़ा हुआ है । प्रशासन केवल कागजों में जमा खर्च करके समस्या का समाधान निकालने में लगा हुआ है । एक समाचार के अनुसार पिलानी की 73 प्रतिशत समस्या का समाधान कागजों मे कर दिया है । पानी को लेकर जनता में आक्रोश है व सड़कों पर प्रदर्शन को मजबूर हैं सरकार की तरफ से ऐसे बयान आना उस आक्रोश रूपी आग में घी का काम कर रहे हैं । क्या सरकार इस जन आक्रोश के ज्वालामुखी के फटने का इंतजार कर रही है ? सरकार में बैठे नुमाइंदे को सोचना चाहिए कि जन आक्रोश से सियासत की चूले हिलने में समय नहीं लगता है ।
सवाल सता से ही किए जाते रहे हैं और भविष्य में भी सता किसी की भी हो उसी से किये जायेंगे । आयुष अंतिमा हिन्दी समाचार पत्र ने इस ज्वलंत मुद्दे को लेकर तत्कालीन विधायक जेपी चंदेलिया के झूठ का पर्दाफाश किया था कि कुंभाराम लिफ्ट परियोजना को लेकर टेंडर प्रक्रिया हो चुकी है व कुंभाराम लिफ्ट परियोजना का पानी जल्द ही पिलानी विधानसभा को मिलेगा । इस मुद्दे को लेकर जिला कलेक्टर का कार्य सराहनीय है जो इस मानवीय मुद्दे पर संवेदनशील है लेकिन अधिकारियों की अकर्मण्यता व भ्रष्टाचार ने उनके मिशन पर ब्रेक लगाने का काम किया है । इसका प्रमाण है कि जलदाय विभाग के दो अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है । क्या कारण बताओ नोटिस इस समस्या का समाधान है ? जब सरकार में बैठे नुमाइंदे इस तरह के गैर जिम्मेदाराना बयान देते हैं तो अधिकारियों की क्या बात करें क्योंकि यह अधिकारी भी उन्हीं की मेहरबानी से टिके हुए हैं ।
भजनलाल शर्मा सरकार यदि इस मानवीय मुद्दे पर संवेदनशील है तो चुनावी मोड से बाहर निकल कर कुंभाराम लिफ्ट परियोजना को लेकर युद्ध स्तर पर कार्रवाई करें क्योंकि पिलानी विधानसभा के लिए इस समस्या का समाधान केवल और केवल कुंभाराम लिफ्ट परियोजना ही है । यमुना जल की मृग मरीचिका में आवाम को न भटकाएं ।