जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका
झुंझुनूं : भागवत के चतुर्थ दिवस मे नाम महिमा का वर्णन करते हुऐ कथा व्यास ज्ञाममूर्ति पं दिवाकर शास्त्री ने अजामिलो पाण्याम सुनाया उन्होंने कहा कि अजामिल जीवन भर पाप किया था परन्तु अंतिम समय पुत्र मोह में पड कर नारायण नाम पुकारा और भगवान के पार्षद उसको लेगे आ गये। उन्होंने कहा कि भगवान का किसी भी प्रकार से नाम लिया जाय वह कल्याण कारी है कलिकाल में प्रभु को प्राप्त करने का सबसे सरल साधन है भगवान का नाम किसी भी समय लिया जा सकता है प्रयास करता अहर्मित हमारे मुख से भगवान का नाम निकलता रहे। भगवान के भजन के लिए बुढ़ापे के प्रतीक्षा नही करनी चाहिए प्रहलाद चरित्र सुनाते हुए कहा कि प्रहलाद जी कुमारावस्था मे भगवान का भजन किए और भगवत प्राप्ति किये । कथा में कृष्ण जन्म का वर्णन होने पर समूचा पांडाल खुशी से झूम उठा। मौजूद श्रद्धालु भगवान कृष्ण कि जजकार के साथ झूमकर कृष्ण जन्म की खुशियां मनाई। आज बड़े ही धूमधाम से ननदोत्सव मनाया गया नंद के घर आनंद भयो बधाई गाई गई।
इस अवसर पर श्रोतागण भावबिभोर हो गये। इस अवसर पर गिरधर गोपाल, सुमित, रोहित, मोहित, गौरी शंकर, कृपा शंकर, विजय कुमार, राकेश, कपिल, नीलेश, रश्मि, अंजू, मंजुलता, मंजु, पुष्पा, नीलम समस्त बावलिया परिवार सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं।