पिता ने रूढ़िवादी परंपराओं को किया दरकिनार, धूमधाम से निकाली अपनी लाडो की बिंदोरी
राजस्थान के नीमकाथाना जिले में पिता कैलाश ने बड़े ही धूमधाम से अपनी बेटी मोनिका की घोड़ी पर बैठाकर बिंदोरी निकाली और समाज को बेटा-बेटी को एक समान मानने का संदेश दिया.

नीमकाथाना : नीमकाथाना जिले में पिता ने अपनी लाडो की घोड़ी पर बिठाकर बिंदोरी निकाल कर बेटा-बेटी एक समान होने का संदेश दिया. कस्बे के जाखड़ कॉलोनी में चार बेटियों के पिता कैलाश ने अपनी बेटी मोनिका की घोड़ी पर बैठाकर डीजे पर बिंदोरी निकालकर समाज को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का संदेश दिया. पिता कैलाश ने बेटी मोनिका की घोड़ी पर बैठक मुख्य मार्गो से होती हुई बिंदोरी निकाली और परिवार के लोगों ने जमकर डांस किया.
बेटा और बेटी में भेदभाव न करने का दिया संदेश
मोनिका के पिता कैलाश ने बताया कि बेटी बेटो से कम नहीं होती, इसलिए बेटियों को भी बेटों की तरह समान मानना चाहिए. उन्होंने बताया कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो बेटियां बेटों से अधिक नाम कमा रही है. वहीं. हर एक क्षेत्र में कदम से कदम मिलाकर देश की उन्नति में योगदान दे रही है. बेटा सफल होने पर एक ही परिवार का नाम रोशन करता है, जबकि बेटियां सफल होने पर दो परिवारों का नाम रोशन करती है. इसलिए बेटा और बेटी में भेदभाव न करने और समानता का दर्जा देने का संदेश दिया गया.