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फ्लाइओवर निर्माण में मानकों की हो रही अनदेखी:मिट्टी की जगह सड़क का मलबा व डामर डाल रहे, घटिया सीमेंट से पिलर टूटने लगे


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फ्लाइओवर निर्माण में मानकों की हो रही अनदेखी:मिट्टी की जगह सड़क का मलबा व डामर डाल रहे, घटिया सीमेंट से पिलर टूटने लगे

फ्लाइओवर निर्माण में मानकों की हो रही अनदेखी:मिट्टी की जगह सड़क का मलबा व डामर डाल रहे, घटिया सीमेंट से पिलर टूटने लगे

जयपुर : एनएचएआई की ओर से लोगों की सुविधा के लिए बन रहे भांकरोटा और कमला नेहरू नगर फ्लाइओवर में घटिया सामग्री लगाने का मामला सामने आया है। फ्लाइओवर की दाेनाें तरफ की दीवार तैयार हाेने के बाद अब मिट्टी भरने का काम किया जा रहा है। भांकरोटा फ्लाइओवर में मिट्टी की जगह पुरानी सड़क काे खाेद कर डामर का मलबा और कंक्रीट के बड़े-बड़े ब्लाॅक डाले जा रहे हैं।

वहीं, कमला नेहरू फ्लाइओवर पर मिट्टी काे राेकने के लिए लगाए जा रहे ब्लाॅक और पिलर के काेने टूटे हुए हैं। इस वजह से मिट्टी नहीं रुक रही है। हालात ये हैं कि माैके पर फ्लाइओवर की जांच के लिए एनएचएआई के इंजीनियर तक नहीं जा रहे हैं। इस वजह से मिट्टी संतुलित नहीं हाे रही है। अगर इसी तरह की स्थिति रही ताे बारिश में फ्लाइओवर के धंसने की संभावना बढ़ जाएगी। वहीं, घटिया सीमेंट की वजह से कई जगह पिलर टूट गए हैं।

37 कराेड़ की लागत से बनेंगे दाेनाें फ्लाइओवर
भांकरोटा और कमला नेहरू नगर फ्लाइओवर का निर्माण 37 कराेड की लागत से किया जा रहा है। इसमें 25 कराेड़ रुपए भांकरोटा और 12 कराेड़ रुपए कमला नेहरू नगर पुलिया पर खर्च हाेंगे। दाेनाें फ्लाइओवर का 60 प्रतिशत काम पूरा हाे चुका है।

अभी यह हो रहा
मिट्टी की जगह पुलिया पर सड़क की पुरानी डामर को खोद कर डाला जा रहा है। इतना ही नहीं, एक साथ 3.4 फीट मिट्टी डाली जा रही है। इस वजह से पुलिया के धंसने की संभावना बढ़ गई है।

यह होना चाहिए
इंजीनियरों के मुताबिक पुलिया पर डाली जानी वाली मिट्टी की पहले टेस्टिंग होती है। इसके बाद 8 इंच मिट्टी की परत पड़ती है। इसके बाद पानी डालकर रोलिंग की जाती है, ताकि मिट्टी के धंसने की संभावना नहीं रहे। ये सब हाेने के बाद जिओ ग्रिड की लेयर डालनी हाेती है। जिओ ग्रिड महंगी हाेने की वजह से ठेकेदार इसका यूज नहीं कर रहा है। इसके बाद वापस से मिट्टी की लेयर डाली जानी हाेती है।

भांकरोटा; 24 घंटे में गुजरते हैं 75 हजार वाहन, आए ​दिन जाम
भांकरोटा पर फ्लाइओवर बनने पर शहर की करीब 150 से अधिक कॉलोनियों को फायदा होगा। इस चौराह से 24 घंटे में 75 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। इस वजह से आए दिन ट्रैफिक जाम रहता है। फ्लाइओवर बनने के बाद अजमेर-किशनगढ़ जाने वाले वाहन सीधे निकल सकेंगे। अभी सुबह 8 से 12 बजे और शाम 5 से रात 10 बजे तक तक दोनों तरफ हाईवे पर वाहनों की 3 किमी तक लंबी लाइनें लगती है।

कमला नेहरू; 90 हजार वाहनों की आवाजाही
हीरापुरा चौराहा पर दिल्ली की तरफ से आने वाले वाहनों के लिए तो फ्लाइओवर बना हुआ है, लेकिन एक्सप्रेस हाईवे की तरफ जाने वाले वाहन सर्विस लेने से गुजरते हैं। यहां पर हर दिन करीब 90 हजार वाहन गुजरते हैं। फ्लाइओवर बनने के बाद ये वाहन सीधे निकल सकेंगे।

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