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‘अब यह धाकड़ परिवार की नहीं, समाज की लड़ाई है’:बैरिकेडिंग पर चढ़े पूर्व MLA विवेक धाकड़ के पिता; बोले- बेटे की मौत की जिम्मेदार बहू


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‘अब यह धाकड़ परिवार की नहीं, समाज की लड़ाई है’:बैरिकेडिंग पर चढ़े पूर्व MLA विवेक धाकड़ के पिता; बोले- बेटे की मौत की जिम्मेदार बहू

'अब यह धाकड़ परिवार की नहीं, समाज की लड़ाई है':बैरिकेडिंग पर चढ़े पूर्व MLA विवेक धाकड़ के पिता; बोले- बेटे की मौत की जिम्मेदार बहू

भीलवाड़ा : भीलवाड़ा से मांडलगढ़ से विधायक रहे विवेक धाकड़ की मौत के बाद परिवार आपसी विवाद में उलझा है। गुरुवार को धाकड़ के पिता कन्हैयालाल और बहन दीपशिक्षा ज्ञापन देने जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां विवेक के पिता पूर्व जिला प्रमुख कन्हैयालाल धाकड़ बैरिकेडिंग पर चढ़ गए। धाकड़ परिवार ने कलेक्ट्रेट पर अपनी ताकत दिखाई। सुबह 11 बजे बड़ी संख्या में लोगों ने कलेक्ट्रेट की तरफ मूव किया। पुलिस को जिला कलेक्ट्रेट परिसर के चारों तरफ बैरिकेडिंग की। लोगों ने कलेक्ट्रेट को घेर लिया। बड़ी संख्या में महिलाएं भी थीं।

गुरुवार को मांडलगढ़, बिजोलिया और कोटा क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग मोदी ग्राउंड में जुटे। यहां से एक रैली के रूप में जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन किया। दोपहर 2 बजे तक विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी होती रही। कलेक्टर व एसपी से मुलाकात कर परिवार ने ज्ञापन दिया।

पूर्व विधायक विवेक धाकड़ के पिता कन्हैयालाल और बहन दीपशिखा कलेक्ट्रेट के बाहर।
पूर्व विधायक विवेक धाकड़ के पिता कन्हैयालाल और बहन दीपशिखा कलेक्ट्रेट के बाहर।

धाकड़ के पिता और बहन समेत 5 लोगों को अंदर जाने की अनुमति दी गई। इस दौरान बहन दीपशिखा ने कहा- हम भीलवाड़ा एसपी और कलेक्टर को ज्ञापन देने आए हैं। हमने एक महीने पहले भाई (दिवंगत पूर्व विधायक विवेक धाकड़) की पत्नी पद्मिनी और उसके सहयोगियों के खिलाफ 1 महीने पहले शिकायत दी थी। हम मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं। पुलिस और प्रशासन जल्द अपराधी पद्मिनी व अन्य के खिलाफ कार्रवाई करे।

गुरुवार को जिला कलेक्ट्रेट भीलवाड़ा के बाहर बैरिकेड पर चढ़े कन्हैयालाल धाकड़।
गुरुवार को जिला कलेक्ट्रेट भीलवाड़ा के बाहर बैरिकेड पर चढ़े कन्हैयालाल धाकड़।

विवेक धाकड़ के पिता कन्हैयालाल पर उनकी पोती अवनी ने मां-बेटी को पीटकर घर से निकालने के आरोप को लेकर दीपशिखा ने कहा- कोई भी दादा अपने परिवार को घर से नहीं निकालता। पद्मिनी और उनकी बहनों ने बदतमीजी की थी।

पद्मिनी ने बेटी अवनी को हथियार बनाया। वीडियो सोशल मीडिया पर डाला। यह दुखद है। भाई विवेक के जाने के बाद यह घर की लड़ाई नहीं रही है। यह समाज की लड़ाई हो गई है। घर की लड़ाई होती तो घर में रहती। पद्मिनी इसे सड़क पर ले आई हैं।

उन्होंने कहा था कि धाकड़ समाज की औकात नहीं है। मेरे पिता का कोई मान-सम्मान नहीं है। वे मेरे भाई के निधन के लिए मेरे पिता को दोष दे रही हैं।

ज्ञापन देने कलेक्ट्रेट पहुंचे कन्हैयालाल धाकड़ ने कहा- पूरे मामले का पर्दाफाश होना चाहिए। अपराधियों (पद्मिनी और सहयोगियों) को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। इससे समाज में सकारात्मक संदेश जाएगा।

गुरुवार को बड़ी संख्या में धाकड़ फैमिली के साथ उनके समर्थक कलेक्ट्रेट का घेराव करने पहुंचे।
गुरुवार को बड़ी संख्या में धाकड़ फैमिली के साथ उनके समर्थक कलेक्ट्रेट का घेराव करने पहुंचे।

कन्हैयालला ने कहा- मेरे बेटे ने हमेशा न्याय की लड़ाई लड़ी। मैं भी न्याय की लड़ाई लड़ रहा हूं । मुझे न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। मेरे बेटे को न्याय मिलेगा।

धाकड़ परिवार ने बताया कि विवेक धाकड़ की मौत 4 अप्रैल को हुई थी। एसपी राजन दुष्यंत को 25 अप्रैल को लिखित में शिकायत दी थी। 5 मई को मांडलगढ़ थाने में भी शिकायत दी। इसके बाद भी अब तक मामले में कुछ भी खुलासा नहीं हुआ है। गुरुवार को नाराज धाकड़ समाज ने जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया है।

क्या लिखा धाकड़ परिवार ने ज्ञापन में

विवेक धाकड़ को आत्महत्या के लिए मानसिक तथा अन्य प्रकार से लगातार प्रताड़ना दी गई। उन्हें मजबूर करने वाली दोषी उनकी पत्नी पद्मिनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सजा दी जाए। पद्मिनी तथा उनके परिजन किसी भी प्रकार की सामाजिक रीति रिवाज तथा पारिवारिक रस्मों में शामिल नहीं हुए।

वे परिवारजन तथा अन्य रिश्तेदारों के कार्यक्रमों में रीति रिवाज के अनुसार होने वाले कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेते थे। उन्होंने सामाजिक रीति रिवाज का उल्लंघन किया है। पद्मिनी व उसके सहयोगियों ने स्व. विवेक धाकड़ तथा उनके परिजनों की समाज की नजर में प्रतिष्ठा गिरने का काम किया है।

मांडलगढ़ से पूर्व विधायक विवेक धाकड़ 4 अप्रैल को भीलवाड़ा में अपने आवास पर मृत पाए गए थे।
मांडलगढ़ से पूर्व विधायक विवेक धाकड़ 4 अप्रैल को भीलवाड़ा में अपने आवास पर मृत पाए गए थे।

विवेक धाकड़ के पिता कन्हैयालाल धाकड़ ने वर्ष 2010 में जिला परिषद के वार्ड नंबर 17 से जिला परिषद सदस्य का उम्मीदवार बनाकर पद्मिनी धाकड़ को चुनाव लड़वाया था। इस दौरान पद्मिनी अपने क्षेत्र में जनसंपर्क के लिए नहीं गई थी, पूरी मेहनत जिला प्रमुख कन्हैयालाल धाकड़ तथा विवेक धाकड़ ने की। उन्हें भारी मतों से चुनाव जितवाया और राजनीति में अपने साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का अवसर दिया।

पद्मिनी ने सरकारी नौकरी करने की इच्छा व्यक्त की तो विवेक धाकड़ व कन्हैयालाल धाकड़ ने रीट की परीक्षा दिलवाई। पद्मिनी की सफलता में पूरा सहयोग किया। पद्मिनी की नीयत विवेक धाकड़ की पूरी संपत्ति और राजनीतिक विरासत पर खराब थी। वह हथियाना चाहती थी। उसने पति को रास्ते से हटाने के लिए साजिश की।

विवेक धाकड़ की पत्नी पद्मिनी और बेटी अवनी ने भी पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की थी और ससुर कन्हैयालाल के खिलाफ घर से निकालने के आरोप लगाए थे।
विवेक धाकड़ की पत्नी पद्मिनी और बेटी अवनी ने भी पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की थी और ससुर कन्हैयालाल के खिलाफ घर से निकालने के आरोप लगाए थे।

वह पति विवेक धाकड़ को मानसिक रूप से प्रताड़ित करती थी। विवेक समाज में प्रतिष्ठा और बेटी की तरफ देखते हुए 16 साल तक प्रताड़ना झेलते रहे। पद्मिनी ने अपना गलत व्यवहार जारी रखा। विवेक ने करोड़ों की संपत्ति पद्मिनी के नाम की, यह बैंक खातों और रेवेन्यू में दर्ज रिकॉर्ड है।

पद्मिनी की प्रताड़ना से परेशान होकर विवेक ने आत्महत्या की। इसके लिए पद्मिनी जिम्मेदार है। बेटे की मौत के बाद भीलवाड़ा निवास पर 11 दिन की शोक सभा रखी थी। उसमें पद्मिनी या उनका परिवार एक भी दिन शामिल नहीं हुआ।

बारहवें के दिन एक दिन के लिए अपने पैतृक गांव माझीवास का खेड़ा (भीलवाड़ा) में सामाजिक रीति रिवाज के लिए जाना था, लेकिन वहां भी पद्मिनी जाने को तैयार नहीं हुई। बारहवें की रस्मों में भी शामिल न होने उनकी गैर जिम्मेदार हरकतों को दिखाता है।

विवेक धाकड़ मांडलगढ़ से कांग्रेस विधायक रहे थे। चुनाव में लगातार मिली हार से वे आहत थे।
विवेक धाकड़ मांडलगढ़ से कांग्रेस विधायक रहे थे। चुनाव में लगातार मिली हार से वे आहत थे।

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