धड़ल्ले से बिक रही है कोडिन युक्त नशीली दवा, चिकित्सा विभाग मौन
युवा हो रहे है नशीली दवा के शिकार, खेतड़ी क्षेत्र में धड़ल्ले से बिक रही है कोडिन युक्त नशीली दवा, चिकित्सा विभाग बना हुआ है मुकदर्शक, युवा हो रहे है नशे का शिकार, पड़ोसी राज्य हरियाणा से हो रही है नशीली दवा की तस्करी

जनमानस शेखावाटी ब्यूरो चीफ : आज़ाद अहमद खान
खेतड़ी नगर : क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के चलते मेडिकल स्टोंरो पर प्रतिबंध के बावजूद नशीली दवाइयों की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है। दवाई की आड़ में नशीली दवाओं को खुले आम बेचकर मेडिकल स्टोर वाले संचालक अधिक मुनाफा कमा मालामाल हो रहे है। गौरतलब है कि शराब की किमत अधिक होने के कारण लोगों ने तरह तरह के नशे अपनाने शुरू कर दिये हैं। ऐसे में बाजार में बिकने वाली प्रतिबंधित दवाओं का सेवन आम बात हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने जिस दवा में कोडिन फॉस्फेट की मात्रा होती है उस पर प्रतिबंध लगा रखा है, इसी के कारण कॉरेक्स में कोडिन फॉस्फेट होने के कारण कॉरेक्स कप शिरप पर प्रतबंध लगा रखा है जिसके बावजूद भी मेडिकल की दुकानों पर धड़ल्ले से बिक रही है, COREX पर प्रतिबंध लगा देने के बाद दवा बनाने वाली कंपनियों ने COREX की जगह CORX दवा का नाम बदल कर धड़ल्ले से बेच रहे है। जिसका दवा दुकानदार भरपूर फायदा उठा रहे हैं। कुछ दवा दुकानदारों की दुकानदारी तो मात्र इसी पर निर्भर है।

सरकारी अस्पताल में दवाई मुफ्त मिलने से मंदी की मार झेल रहे दवा कारोबारियों ने इसे मुनाफे का धंधा समझ कर अपना लिया। नशे के शौकीन लोग खूब अपना रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की शिथिलता के चलते मेडिकल की दुकानों पर प्रभावी कार्यवाही नही होने से नशीला दवाओं का कारोबार दिनों दिन बढता जा रहा है। नशीली दवा चिकित्सकों की पर्ची के बगैर नही दे सकते, लेकिन बिना चिकित्सकों की पर्ची के दवा धड़ल्ले से बिक रही नशीली दवाइयों का प्रभाव आमजन सहित युवा वर्ग पर अधिक हो रहा है। दवा दुकानों पर खुले आम चल रहे नशीली दवाओं के कारोबार को रोकने में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग मूकदर्शक बना हुआ है। पिछले दिनों खेतड़ी नगर पुलिस ने राजस्थान रोड़वेज बस में 300 एपकोर्स कफ सिरप की शीशी बरामद कर एक युवक को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जिसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग हरकत में नही आया। क्षेत्र में प्रतिबंध नशीली दवाइयों को बरामद करने से साबित होता है कि क्षेत्र के दवा दुकानों पर नशीली दवाइयों की बिक्री हो रही है। अगर समय रहते इस पर रोक नहीं लगाया गया तो नशे की लत से युवा पीढ़ी की जिंदगियां बर्बाद होती रहेगी।
कार्रवाई नहीं होने के कारण बढ़ रहा है कारोबार
दुकानों पर कार्यवाही नहीं होने से नशीली दवाओं का कारोबार दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। इतना ही नहीं इस तरह की नशीली दवा चिकित्सकों की पर्ची के बिना धड़ल्ले से बेची जा रही हैं। नशीली दवाइयों का प्रभाव आमजन सहित युवा वर्ग पर अधिक हो रहा है। दवा दुकानों पर खुले आम चल रहे नशीली दवाओं के कारोबार को रोकने में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग मूकदर्शक बना हुआ है। पिछले दिनों खेतड़ी नगर पुलिस ने राजस्थान रोडवेज बस में 300 एपकोर्स कफ सिरप की शीशी बरामद कर एक युवक को गिरफ्तार किया था। लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग हरकत में नहीं आया।
हरियाणा से आ रही है नशीली दवा
नशीला दवा पर प्रतिबंध होने के कारण दवा दुकानदार हरीयाणा से लाकर धड़ल्ले से बेच रहे है। मेडिकल स्टोर वाले ने अपना नाम नही प्रकाशित करने पर बताया कि प्रतिबंधित नशीली दवा डाक्टर की पर्ची पर ही दी जाती है, प्रतिबंधित दवा देने के बाद कागज कार्यवाही पुरी करनी होती है, दवा देने के बाद दवाई का नंबर, किस चिकित्सक की पर्ची पर किस को दवा दी गई है आदि अपडेट करना होता है। दुकानदान इन सब लफड़ों से बचने के लिए हरीयाणा सहित अन्य राज्यों से नशीली दवाई मंगवाई जाति है।
इनका कहना है
मेडिकल स्टोर पर प्रतिबंधित नशीले पदार्थ बेचने की जानकारी आपके माध्यम से मिली है। नीमकाथाना में अभी ड्रग इंस्पेक्टर नहीं है। झुंझुनूं ड्रग इंस्पेक्टर को अवगत करवा कर उक्त दवा दुकानदारों के खिलाफ कारवाई करने एवं संबधित जानकारी स्वयं को देने के लिए निर्देशित किया जायेगा। जल्द ही टीम बना कर कार्रवाई की जाएगी। ~~डॉ विनय गहलोत, सीएमएचओ नीमकाथाना