जयपुर : कोटा में रविवार को एक और कोचिंग छात्र ने फंदे से लटक कर अपनी जान दे दी। कोटा में इस साल अब तक आठ कोचिंग स्टूडेंट सुसाइड कर चुके हैं। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का कहना है कि स्टूडेंट के सुसाइड में एक ही पक्ष (कोचिंग) को दोषी ठहराना ठीक नहीं है।
सिविल लाइंस स्थित अपने आवास पर दिलावर ने मीडिया से कहा- हर मामले में कोचिंग सेंटर ही दोषी हो, ऐसा नहीं है। कुछ प्रतिशत मामलों में ऐसा हो सकता है। सुसाइड के पीछे अन्य कारण भी हो सकते हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा- स्टूडेंट्स के सुसाइड में मां-बाप भी दोषी हैं। स्टूडेंट की संगत भी दोषी है। कई बार गलत संगत में पड़ जाते हैं। प्यार में विफल होना भी एक कारण हो सकता है। सब सुसाइड का कारण कोचिंग ही है, यह मैं नहीं मानता हूं।
माता-पिता क्षमता से ज्यादा अपेक्षा करते हैं
दिलावर ने कहा- माता-पिता बच्चे की पढ़ने की क्षमता से ज्यादा उससे अपेक्षा करते हैं। उसके कारण से बच्चा डिप्रेशन में चला जाता है। उसकी इतनी कैपेसिटी ही नहीं होती है। वह कहता है कि पेरेंट्स मुझसे बार-बार पूछते हैं, मैं कहां से रैंक लाऊं। कई बार देखा गया है कि जान देने से पहले बच्चे सुसाइड नोट लिखकर जाते हैं कि मम्मी-पापा मैं आपकी इच्छा पूरी नहीं कर पाया। जो आपने लक्ष्य दिया, उसे पूरा नहीं कर पाया। इसलिए मैं जा रहा हूं। ऐसे कई मामले आते हैं।