अलवर : 10 साल के रोहित ने अपने भाई के साथ मिलकर मोहल्ले वालों की मदद से 10-10, 20-20 रुपए इकट्ठे कर अपनी मां का अंतिम संस्कार करवाया। 17 अप्रैल को कैंसर की बीमारी से पीड़ित प्रेम देवी (44) का अस्पताल में निधन हो गया था। 19 अप्रैल को अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद रोहित को बाल गृह में रखवाया गया। अब वहां से वापस आकर बड़े भाई पवन के साथ सोमवार को श्मशान से मां की अस्थियां लेकर आए।
6 दिन चले इस घटनाक्रम में अख़बारो में रोहित की कहानी सामने आने के बाद मदद के लिए जगह-जगह से उसके पास फोन आ रहे हैं। पूर्व विधायक और रिटायर्ड अफसरों ने उसकी मदद की है। कई ऐसे भी लोग हैं जो उसकी मदद करना चाहते हैं लेकिन ऑनलाइन अकाउंट ना होने के कारण मदद नहीं हो पा रही है।
20 दिन से घर में खाना नहीं बना था
बीते 6 दिन रोहित के लिए किसी त्रासदी के कम नहीं थे। मां का साया उठ जाने के बाद रोहित 2 दिन तक तो अस्पताल में ही घूमता रहा। वो हॉस्टल या शिशु गृह में नहीं जाना चाहता था। वार्ड में उसकी मां के पास ही भर्ती एक परिवार के साथ जाने को तैयार था। हमारे मीडिया कर्मी जब रोहित के घर पहुंचा तो मालूम चला प्रेम देवी की मौत होने से 20 दिन पहले ही घर में खाना बनना बंद हो गया था। राशन खत्म हो चुका था और कच्ची रसोई में रखे सारे डिब्बे खाली थे। पड़ोसियों के घर से जो आ गया वहीं खाकर काम चलाया। आखिर में मां गंभीर बीमार हो गई। अस्पताल में 10 साल का बेटा 9 दिन तक रुका। आखिर में मां ने उसके सामने दम तोड़ दिया।
पूर्व विधायक ने उठाया जिम्मा
बहरोड़ के पूर्व एमएलए बलजीत यादव पहले नवादा के बाल गृह पहुंचे उसके बाद रोहित के घर पहुंचे। हालात देख अचंभित रह गए। आसपास मालूम किया तो पता चला कि कई दिनों से खाना नहीं बन रहा था। पडोसी की मदद कर रहे थे। उन्होंने तुरंत 1 लाख रुपए की मदद की और बड़े भाई पवन को उनकी होटल में नौकरी देने की बात कही। साथ ही रोहित की पढ़ाई का खर्चा उठाने का फैसला लिया। रोहित की दर्द भरी कहानी को लाखों लोगों ने अखबार में पढा। अलवर नगर निगम के पूर्व कमिश्नर मनीष फौजदार ने तुरंत 10 हजार रुपए अपने कर्मचारी के हाथ भिजवाए।
ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा मिले तो देशभर से मिलेगी मदद
अलवर के अलावा, जयपुर, अजमेर, ब्यावर, बिहार, दिल्ली सहित कई जगहों से सीधी मदद करने वालों के फोन आए। लेकिन इनके पास कोई फोन पे या डिजिटल पेमेंट का विकल्प नहीं था। ऐसे में मददगार सीधे तौर पर मदद नहीं कर पा रहे हैं। प्रेम देवी का बैंक अकाउंट नंबर भी जारी किया गया था। लेकिन, अकाउंट ऑनलाइन एक्टिव ना हो पाने के कारण मदद में देरी हो रही है। व्यापार संघ के प्रतिनिधि रवि जुनेजा रोहित के घर राशन-कपड़े लेकर आए। मकान मालिक को किराया भी देने की बात कही। वहीं पूर्व पार्षद सुरजीत भमलोत मासूम या उसके भाई का खाता खुलवाने के प्रयास में लगे हैं। ताकि डिजिटल पेमेंट के जरिए मदद करने वालों को विकल्प मिल सके।