जयपुर की अनिता खीचड़ 2024 पैरालिंपिक के लिये हुई सेलेक्ट:28 अगस्त से पेरिस में होने पैरालिंपिक में नौकायान में दिखायेंगी अपना दम -खम, एशियन पैरा गेम्स 2023 में जीत चुकीं है सिल्वर मेडल
जयपुर की अनिता खीचड़ 2024 पैरालिंपिक के लिये हुई सेलेक्ट:28 अगस्त से पेरिस में होने पैरालिंपिक में नौकायान में दिखायेंगी अपना दम -खम, एशियन पैरा गेम्स 2023 में जीत चुकीं है सिल्वर मेडल

जयपुर : जयपुर की अनिता खीचड़ ने एक बार फिर राजस्थान का नाम रौशन किया है । वो पैरालिंपिक के लिये सिलेक्ट हो चुकी हैं। अनिता खीचड़ नोकायान ( रोइंग ) खेल के जरिए देश -विदेश में अपना और अपने परिवार का नाम रोशन कर चुकी हैं। गौरतलब है की उनका एक पैर मात्र 18 साल की आयु में डॉक्टर्स का काटना पड़ा था ,एक एक्सीडेंट के दौरान अनिता भले ही अपना एक पैर खो चुकी थी, लेकिन आर्टिफिशियल पैर के सहारे भी उन्होंने अपने सपनों की ऊंची उड़ान भरी और उसमें सफलता भी प्राप्त की । 28 अगस्त से पेरिस में होने वाले पैरालिंपिक में अनीता खीचड़ भारत को रिप्रजेंट करेंगीं। खीचड़ यहां उनके सहयोगी पार्टनर नारायण के साथ विभिन्न देशों के खिलाड़ियों को चुनौती देंगी । चाइना और साउथ कोरिया में टफ ट्रेनिंग के बाद अनिता का सिलेक्शन 21 अप्रैल को घोषित किया गया ।

अनिता खीचड़ ने 2023 एशियन पैरा गेम्स में सिल्वर मेडल हासिल किया था । अनिता ने चीन के हांगझाऊ में हुए एशियन गेम में ‘रोईग (नोकायान) पीआर 3 मिक्स्ड डबल’ कॉम्पिटिशन में जीत हासिल की थी । इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी हौसला अफज़ाही की कर चुके हैं । अनिता ने अपनी खुशी दैनिक भास्कर के साथ साझा की और बताया कि वो 23 अप्रैल को भारत वापस लौटेंगी । उन्होंने कहा कि पैरालिंपिक तक पहुंचना उनके जीवन का सबसे बड़ा सपना और लक्ष्य था । जिसके वो अब करीब होती दिख रही हैं ,वो देश के लिए मेडल जीतना चाहती हैं । अनिता ने बताया कि पैरालिंपिक तक पहुंचने के लिए वो उन्हें काफी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा है जिसमें एक महीने तक चलने वाली ट्रेनिंग शामिल रही है । उन्होंने बताया कि सिलेक्शन प्रोसेस के लिए चाइना में लगे कैंप लगाये गए थे जिसकी शुरुआत 11 मार्च से हो चुकी थी ,लेकिन उनका वीजा न लगने के कारण वो उस वक्त चाइना नहीं पहुंच पाई थी ।

अनिता ने कहा कि जब सही वक्त पर वीजा नहीं लगा तो एक बार घबराहट भी हुई की क्या मैं अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाऊंगी ? आखिरकार वीजा लगा और मैं अपनी टीम के साथ 24 मार्च को चाइना जा पहुंची । वहां मैं और मेरे पार्टनर नारायण कोंगंपल्ले ने लगातार हार्ड वर्क किया और अच्छा प्रदर्शन राउंड क्लियर कर 14 अप्रैल को हम साउथ कोरिया पहुंच गए । औत अफ्रीका में भी कड़ी चुनौतियों का सामना कर हम आखिरकार पैरा ओलिंपिक के लिए चुन लिए गए । यहां हमारी काफी टफ ट्रेनिंग हुई ,कई बार तो डर भी लगा की मैं ये कर पाऊंगी या नहीं ।

सुबह शाम की टफ ट्रेनिंग के दौरान जब पानी में लहरें उठ करती थी उस वक्त रोविंग ( नोकायान ) करने में परेशानी महसूस होती थी ,वेव के दौरान नोकायान के लिए खुद का बैलेंस बनाना कई बार मुश्किल सा लगता था । अनिता कहती हैं अपने सपनों को पूरा करने के लिए मैं दिन -रात कड़ी मेहनत करती हूं , रोईंग के लगातार अभ्यास के साथ साथ खुद को मजबूत बनाये रखने के लिए और जिम में 3 से 5 घंटे मेहनत करती हूं। मेरे कोच बजरंग लाल ठक्कर ने हमेशा मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया है । 2022 में पुणे में आर्मी रोविंग नोड जॉइन की थी। सिर्फ 8 महीने की ट्रेनिंग के बाद ही 2023 में जीत हासिल की। अब उनका लक्ष्य पैरालिंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना है।