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गुजरात में ब्रिज टूटा, 60 लोगों की मौत:मृतकों में 25 से ज्यादा बच्चे; रेस्क्यू के लिए वायुसेना के गरुड़ कमांडो रवाना


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गुजरात में ब्रिज टूटा, 60 लोगों की मौत:मृतकों में 25 से ज्यादा बच्चे; रेस्क्यू के लिए वायुसेना के गरुड़ कमांडो रवाना

गुजरात के मोरबी शहर में शाम बड़ा हादसा हो गया है. जहां मच्छु नदी में बना केबल ब्रिज अचानक टूट जाने से कई लोग नदी में गिर गए.

गुजरात :  गुजरात के मोरबी जिले में मणि मंदिर के पास मच्छु नदी पर बना केबल ब्रिज टूट गया है. अचानक पुल (हैंगिंग ब्रिज) के टूटने से बड़ी संख्या में उस पर मौजूद लोग पानी में गिर गए. टीवी-9 मराठी के मुताबिक जिस वक्त पुल गिरा उस समय उस पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. इस हादसे में अभी तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है. पुल टूटने से नदी में सैंकड़ो लोगों के गिरने की जानकारी सामने आई है. पुल के गिरने के बाद तुरंत मौके पर पुलिस और जिला प्रशासन के लोग रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गए. गांधीनगर से मोरबी के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें रवाना हो गई हैं. वहीं, राजकोट से भी एसडीआरएफ की टीम भेजी जा रही है. वहीं, खुद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौके पर पहुंच रहे हैं.इस पुल को चार दिन पहले मरम्मत के बाद खोला गया था. गुजरात सरकार ने इस दुर्घटना की जिम्मेदारी ली है.

बता दें कि यह पुल पिछले 6 महीने से बंद था। हाल ही में करीब 2 करोड़ रुपए की लागत से इसके मरम्मत का काम पूरा किया गया था। दिवाली के एक दिन बाद यानी 25 अक्टूबर को इसे आम लोगों के लिए खोला गया था। जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर (02822243300) जारी किया है। इसके अलावा घायलों के इलाज के लिए मोरबी और राजकोट हॉस्पिटल में इमरजेंसी वार्ड बनाया गया है।

हादसे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राज्य के अधिकारियों से बात की है. उन्होंने बचाव अभियान के लिए टीमों को तत्काल भेजे जाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने स्थिति की बारीकी से निगरानी करने और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद देने को कहा है. मोरबी के विधायक और गुजरात सरकार में मंत्री ब्रजेश मेरजा ने बताया कि इस हादसे में अभी तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है.

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘मोरबी में हुए हादसे से अत्यंत दुखी हूं. गुजरात के गृह राज्य मंत्री व अन्य अधिकारियों से बात की. स्थानीय प्रशासन पूरी तत्परता से राहत कार्य में लगा है, NDRF भी शीघ्र घटनास्थल पर पहुंच रही है. घायलों के तुरंत उपचार के निर्देश दिए हैं.’

क्या बोलीं राष्ट्रपति?

राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने ट्वीट किया, ‘गुजरात के मोरबी में हुई त्रासदी ने मुझे चिंतित कर दिया है. मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं प्रभावित लोगों के साथ हैं. राहत और बचाव के प्रयासों से पीड़ितों को राहत मिलेगी.’

हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मोरबी में हुए हादसे से बेहद दुखी हूं. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से मैंने बात की. राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है. प्रभावितों को सभी जरूरी सहायता दी जा रही है.

मुआवजे का ऐलान

मुख्यमंत्री पटेल ने कहा, ‘मैं मोरबी की त्रासदी में जान गंवाने वाले नागरिकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं. राज्य सरकार प्रत्येक मृतक के परिवार को 4 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये देगी.’स्थानीय विधायक एवं राज्य मंत्री बृजेश मेरजा ने कहा, पुल टूटने से कई लोग नदी में गिर गए. बचाव अभियान जारी है. ऐसी जानकारी है कि इसमें कई लोग घायल हुए हैं. उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा है.

स्थानीय विधायक और राज्य मंत्री बृजेश मेरजा ने कहा, ‘पुल टूटने से कई लोग नदी में गिर गए. बचाव अभियान जारी है. ऐसी जानकारी है कि इसमें कई लोग घायल हुए हैं. उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा है.’

प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या कहा?

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा है कि पुल जिस समय टूटा उस समय उस पर कई महिलाएं और बच्चे थे. इस संबंध में और जानकारी की प्रतीक्षा है.

स्थानीय लोग मदद के लिए नदी में उतरे

घटना की सूचना पाकर स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे हैं. युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. घटना के विस्तृत ब्यौरे की प्रतीक्षा है. कई लोग नदी में उतरे हैं. लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है. पुलिस की कई टीमें और प्रोफेशनल गोताखोर भी मौके पर पहुंचे हैं.

हाल ही में हुई थी पुल की मरम्मत

दिवाली से कुछ दिन पहले इस पुल की मरम्मत हुई थी. इसे दिवाली के कुछ दिनों बाद ही दोबारा खोला गया था. करीब 7 महीने तक इस पुल की मरम्मत चल रही थी इसलिए इस पर आवागमन को रोक दिया गया था. यह पुल करीब 140 साल पुराना है.

पुल टूटने से कई लोग पानी में गिरे

दरअसल, मच्छु नदी में बना केबल ब्रिज अचानक टूट जाने से कई लोग नदी में गिर गए. जहां लोगों को नदी से निकालने के लिए पुलिस टीम द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. वीडियों में नजर आ रहा है कि ब्रिज टूटने के बाद कई लोग बीच में भी फंस गए, जो टूटे हुए ब्रिज की रस्सी को पकड़कर किसी तरह बचने की कोशिश करते दिखे.

2 करोड़ की लागत से हुआ था पुल का निर्माण

बताया जा रहा है कि नए साल के मौके पर मोरबी का केबल ब्रिज दर्शकों के लिए खोल दिया गया था. वहीं, 2 करोड़ रुपए की लागत से इसका जीर्णोद्धार किया गया था. हालांकि, रिनोवेशन के बाद भी इतना बड़ा हादसा होने पर अब कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.

 

गुजरात के मोरबी में पुल के टूटने के बाद रस्सी पर लटके दिखे बेबस लोग

अमित शाह ने कहा है कि, NDRF भी शीघ्र घटनास्थल पर पहुंच रहा है. प्रशासन को घायलों को तुरंत उपचार देने के निर्देश दिए हैं.

भारत जोड़ो यात्रा के तहत पदयात्रा कर रहे कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने मोरबी की घटना पर दुख जताया है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मोरबी हादसे पर दुख व्यक्त किया है.

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा ने मोरबी की घटना को लेकर दुख जताया है.

राघव चड्ढा ने कहा कि, गुजरात के मोरबी में ब्रिज टूटने की खबर से मन बेहद दुखी है. प्रभु से सभी पीड़ितों के लिए प्रार्थना कर रहा हूं.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोरबी हादसे को लेकर पार्टी के गुजरात प्रभारी डॉ रघु शर्मा, गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक दल के नेता से बात की.

एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल ने कहा है कि गुजरात के मोरबी शहर में हुई दुर्घटना के बाद बचाव अभियान में सहायता के लिए एनडीआरएफ की 3 टीमों को भेजा गया है. दो टीमें गांधीनगर से और एक बड़ौदा से भेजी गई है.

वायुसेना के गरुड़ कमांडो रवाना हुए
देरशाम रेस्क्यू के लिए जामनगर से वायुसेना के 50 गरुड़ कमांडो रवाना हो गए हैं। उनके साथ 50 रेस्क्यू बोट भी भेजे गए हैं। ये गरुड़ कमांडो रात में करेंगे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाएंगे।

जानिए केबल ब्रिज का क्या है इतिहास?

वहीं, केबल ब्रिज के इतिहास पर नजर डालें तो इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी, 1879 को मुंबई के गवर्नर श्री रिचर्ड टेम्पल ने किया था. यह उस समय लगभग 3.5 लाख की लागत से 1880 में बनकर तैयार हुआ था. इस समय पुल बनाने का सामान इंग्लैंड से आया था. यह पुल दरबारगढ़ को नजरबाग से जोड़ने के लिए बनाया गया था.

मोरबी के राजा इसी पुल से दरबार जाते थे
ब्रिज का निर्माण मोरबी के राजा प्रजावत्स्ल्य सर वाघजी ठाकोर की रियासत के दौरान हुआ था। उस समय राजा राजमहल से राज दरबार तक जाने के लिए इसी पुल का इस्तेमाल करते थे। राजशाही खत्म होने के बाद इस पुल की जिम्मेदारी मोरबी नगर पालिका को सौंप दी गई थी। लकड़ी और तारों से बना यह पुल 233 मीटर लंबा और 4.6 फीट चौड़ा है।

ब्रिज पर क्षमता से ज्यादा लोग, यही हादसे की वजह
ब्रिज की क्षमता करीब 100 लोगों की थी, लेकिन रविवार को छुट्टी होने के चलते इस पर करीब 500 लोग जमा थे। यही हादसे की वजह बना। भास्कर को मोरबी के भाजपा सांसद मोहन कुंडारिया ने बताया कि ब्रिज टूटने से जहां लोग गिरे, वहां 15 फीट तक पानी था। कुछ लोग तैरकर बाहर निकल आए, लेकिन कई लोग झूले पर अटके रहे। इन्हें बाहर निकाला जा रहा है

140 साल से भी ज्यादा पुराना है ब्रिज
मोरबी का यह सस्पेंशन ब्रिज 140 साल से भी ज्यादा पुराना है और इसकी लंबाई करीब 765 फीट है। यह सस्पेंशन ब्रिज गुजरात के मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर है। इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। यह उस समय लगभग 3.5 लाख की लागत से बनकर तैयार हुआ था। उस समय इस पुल को बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही मंगाया गया था। इसके बाद इस पुल का कई बार रेनोवेशन किया जा चुका है। हाल ही में दिवाली से पहले इसके मरम्मत का काम 2 करोड़ की लागत से किया गया था।

7 से 8 एंबुलेंस भी मौके पर पहुंच गई है। तैराक भी बड़ी संख्या में पानी में उतर रहे हैं और लोगों को बाहर निकाल रहे हैं।
7 से 8 एंबुलेंस भी मौके पर पहुंच गई है। तैराक भी बड़ी संख्या में पानी में उतर रहे हैं और लोगों को बाहर निकाल रहे हैं।

100 लोगों की कैपेसिटी वाले ब्रिज पर जमा थे 400-500 लोग
सड़क एवं भवन विभाग मंत्री जगदीश पांचाल ने भास्कर से हुई बातचीत में कहा कि यह पुल नगर निगम के स्वामित्व में है। निगम के अधिकारियों ने बताया कि ब्रिज की क्षमता करीब 100 लोगों की है। लेकिन, रविवार की छुट्टी होने के चलते हादसे के वक्त ब्रिज पर 400 से 500 लोग जमा थे। इसी के चलते ब्रिज बीच से टूट गया।

यह पुल छह महीने से बंद था। रेनोवेशन के बाद 25 अक्टूबर को इसे खोला गया था।
यह पुल छह महीने से बंद था। रेनोवेशन के बाद 25 अक्टूबर को इसे खोला गया था।

ओरेवा ग्रुप के पास है मेंटेनेंस का काम
ब्रिज के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप के पास है। इस ग्रुप ने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए मोरबी नगर पालिका के साथ एक समझौता किया है। ग्रुप के पास ब्रिज की सुरक्षा, सफाई, रखरखाव, टोल वसूलने, स्टाफ का प्रबंधन है।

 

यह पुल छह महीने से बंद था। रेनोवेशन के बाद 25 अक्टूबर को इसे खोला गया था।
कांग्रेस ने भाजपा को घेरा
इधर, हादसे पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने कहा कि चुनाव की जल्दबाजी में भाजपा ने पुल को लोगों के लिए जल्दी खोल दिया। राहुल गांधी ने घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा- गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे की खबर बेहद दुःखद है। ऐसे मुश्किल समय में मैं सभी शोकाकुल परिवारों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की हर संभव सहायता करें और लापता लोगों की तलाश में मदद करें। इसके अलावा दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने भी घटना को दुखद बताया।

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