फर्जीवाड़े से किसी को पटवारी, किसी को थानेदार बनवाया:एसओजी गिरफ्तार करने पहुंची तो स्कूलवाले बोले- नौकरी चाहिए तो ‘रोशनलाल’ से मिलो
फर्जीवाड़े से किसी को पटवारी, किसी को थानेदार बनवाया:एसओजी गिरफ्तार करने पहुंची तो स्कूलवाले बोले- नौकरी चाहिए तो 'रोशनलाल' से मिलो

जयपुर : एसओजी ने डमी कैंडिडेट बनकर प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने के मामले में रोशनलाल मीणा को बुधवार को गिरफ्तार किया था। वह दौसा का रहने वाला है। ये इतना शातिर है कि पहली बार कोई डमी कैंडिडेट RPSC में इंटरव्यू देने तक पहुंच गया और सबको धोखा देकर पास भी हो गया था। रोशनलाल ने न जाने कितने अभ्यर्थियों को पटवारी और थानेदार बना दिया।
एसओजी की टीम उसके स्कूल में गिरफ्तार करने के लिए सिविल ड्रेस में गई थी। जैसे ही उन्होंने टीचर्स, हेल्पर और बच्चों से रोशनलाल के बारे में पूछा तो सामने से सवाल आया- ‘नौकरी लगवाने आए हो क्या? प्रिंसिपल मैडम के रूम में मिलेंगे रोशनलालजी।’
कुछ अध्यापकों ने पूछा- ‘कौन सी परीक्षा में बैठाना है रोशन सर को। इन के पास आने वाला कोई भी व्यक्ति खाली हाथ नहीं जाता। इनको बस साम-दाम-दंड-भेद किसी से भी मना लो। आपकी नौकरी पक्की है।’ एसओजी की टीम ये सब सुनकर हैरान रह गई कि स्कूल के टीचर्स और यहां तक स्टूडेंट्स को भी रोशनलाल के कारनामों के बारे में पता था, लेकिन कभी किसी ने शिकायत नहीं की।
पहला मामला : RPSC के इंटरव्यू में भी पास हो गया डमी कैंडिडेट
एडीजी वीके सिंह ने बताया कि पेपर लीक को लेकर पिछले 5 महीने से एसओजी हर विषय पर काम कर रही है। इतना शातिर आरोपी आज तक नहीं मिला जो डमी कैंडिडेट होने के बाद भी आरपीएससी के इंट्व्यू तक पहुंच गया। वहां भी उसने पैनल के सामने सारे सवालों के जवाब दे दिए। यही कारण रहा कि वह इंटरव्यू में भी पास हो गया और मनीष मीणा (जिसकी जगह उनसे इंटरव्यू दिया था) राजस्थान पुलिस में एसआई बन गया। इस पूरी प्रक्रिया को मनीष और रोशनलाल अच्छी तरह से समझ चुके थे। इसके बाद इन लोगों ने एक के बाद एक 6 परीक्षा में रोशनलाल को डमी कैंडिडेट के रूप में बिठाया।
बोला- ऐसा कोई सवाल नहीं जो मुझे नहीं आता
एसओजी की टीम ने रोशनलाल मीणा की नॉलेज को जांचने के लिए उससे साइंस, मैथमैटिक्स, जीके, पॉलिटिकल साइंस से जुड़े कई सवाल पूछे। रोशन ने बिना किसी परेशानी के सभी सवालों के जवाब दे दिए। रोशन से एसओजी ने आईपीसी-सीआरपीसी-एविडेंस एक्ट के बारे में पूछताछ शुरू की तो उसने यह तक बता दिया कि एसओजी ने उसे किस एक्ट में पकड़ा है और उसे क्या सजा हो सकती है।
इतने लोगों से पैसे लिए कि खुद ही भूल गया
एसओजी ने रोशनलाल मीणा के बैंक खातों की जांच शुरू कर दी है। आरोपी ने एसओजी को बताया कि उसे याद नहीं है कि उसने डमी अभ्यर्थी बनने के लिए किससे कितना पैसा लिया था। हालांकि एसओजी की जांच में सामने आया है कि मनीष मीणा ने रोशनलाल मीणा को 5 लाख रुपए दिए थे। दूसरे लोगों से कितने रुपए वसूल चुका है, इसका पता अभी तक नहीं चल पाया है। एसओजी ने आरोपी के बैंक से पिछले 5 साल के ट्रांजेक्शन की जानकारी मांगी है, ताकि पता चल सके कि रोशनलाल ने किस-किस से कितने रुपए लिए थे।
वीडियोग्राफी, सिग्नेचर की रिपोर्ट मांगी आरपीएससी से
एसओजी ने आरोपी रोशनलाल मीणा, एसआई मनीष मीणा के दस्तावेज आरपीएससी से मांगे हैं। रोशन ने जब इंटरव्यू दिया था तो उसकी भी वीडियोग्राफी कराई गई थी। वो भी एसओजी ने मांगी है। वहीं जिन सरकारी कर्मचारियों के लिए आरोपी ने पेपर दिए उनके भी दस्तावेज विभाग से मांगे गए हैं। एसओजी को शक है कि इन लोगों ने फर्जी सर्टिफिकेट देकर नौकरी हासिल की है।

केंद्र और राज्य सरकार की परीक्षा में बैठा डमी कैंडिडेट
डीआईजी परिस देशमुख ने बताया कि दौसा निवासी सरकारी टीचर रोशनलाल मीणा साल 2017 से सरकारी टीचर है। फिलहाल सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूल, प्यारीवास (दौसा) में ग्रेड थर्ड टीचर है। वह राज्य सरकार की 16 और भारत सरकार की 4 परीक्षा में बैठा है।
सरकारी टीचर लगने से पहले से वह डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा में बैठ रहा था। राजस्थान पुलिस की आईबी यूनिट में तैनात साल 2018 बैच के एसआई मनीष मीणा, उसके सगे भाई दिनेश मीणा के लिए भी आरोपी ने डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा दी थी। दिनेश मीणा अभी एलडीसी के पद पर तैनात है। रोशनलाल ने साल 2021 में भी मनीष मीणा के भाई दीपक मीणा के लिए एसआई भर्ती परीक्षा डमी कैंडिडेट के रूप में दी थी। दीपक मीणा लिखित परीक्षा में पास हो गया, लेकिन फिजिकल में फेल हो गया था।
फोन पर आए एक मैसेज से हुआ खुलासा
एडीजी वीके सिंह ने बताया कि उनके फोन पर एक मैसेज आरोपी एसआई मनीष मीणा को लेकर आया था। मैसेज में लिखा था कि मनीष मीणा ने डमी कैडिंडेट बिठाकर परीक्षा पास की थी। मैसेज की जांच के तहत एसओजी ने आरपीएससी के चेयरमैन से मनीष की डिटेल मांगी। जांच की तो पता चला कि रोशनलाल मीणा ने मनीष की जगह पेपर दिया। जिसके बाद एसओजी ने रोशन की तलाश शुरू की। रोशन की गिरफ्तारी की सूचना जैसे ही फैली, उससे जुड़े आरोपी फरार हो गए। इसमें वो सारे युवक हैं, जिनकी जगह पर डमी कैंडिडेट बनकर रोशनलाल ने परीक्षा दी थी। इनकी तलाश की जा रही है।