कुम्हार के घर से मिट्टी लाकर विवाहिताओं ने बनाई ईसर-गणगौर की प्रतिमा

खेतड़ी नगर : नवविवाहिता मंगल गीत गाते हुए सोमवार सुबह से ही कुम्हार के घर से मिट्टी के ईसर (शिवजी), गणगौर (पार्वती माता), मालन, माली, विमल दास को नाचते-गाते घर लेकर पहुंची। कुम्हार के घर से लाई मिट्टी से ईसर-गणगौर बना कर नवविवाहिताओं ने सुहाग के दीर्घायु व युवतियों ने अच्छे वर की कामना करते हुए पूजा की। इस दौरान नवविवाहिताओं ने म्हारे दादोजी र मांडी गणगौर.., दादसरा घड़ायो रंगरो झुमकड़ो…, सहित कई राजस्थानी लोकगीत गाएं। अनीता व ऋतु ने बताया कि नवविवाहिता होली के दुसरे दिन से 16 दिन तक सुहाग के दीर्घायु के लिए व युवतियां अच्छे वर की कामना को लेकर गणगौर की पूजा करती है। इस दौरान गणगौर को पानी पिलाने और घर-घर में बनौरा निकाला जाता है।