बलरिया अंडरपास में कार में लगी आग में फौजी के जलने की पूरी सच्चाई
हादसा नहीं हत्या थी; फौजी ने बीमा क्लेम के डेढ़ करोड़ लेने के लिए मजदूर महेश को मार कार में शव जलाया, ताकि खुद की मौत लगे

झुंझुनूं : होली की रात मुकुंदगढ़ थाना इलाके के डूंडलोद में बलरिया अंडरपास में कार में आग लगने से जलने वाला फौजी विकास भास्कर नहीं, बल्कि उनके खेत में मजदूरी करने वाला डूंडलोद का महेश मेघवाल था। उसकी हत्या कर शव को कार में जलाया गया था। इस षड्यंत्र की वजह डेढ़ माह पहले करवाई गई डेढ़ करोड़ की बीमा पॉलिसी है। ताकि षड्यंत्रकर्ता हादसे में खुद की मौत बता क्लेम उठा सके।
यह खुलासा पैरेलल इन्वेस्टिगेशन में सामने आया है। इसके लिए हमारे रिपोर्टर ने एफएसएल टीम, डीएनए लैब से जुड़े सूत्र व अनुसंधान में जुटे पुलिस अधिकारियों से बातचीत की तो सामने आया कि फौजी विकास ने दो दिन पहले शुक्रवार को अपने ममेरे भाई को फोन कर रुपए मांगे थे। इससे यह साबित हो गया कि वह जिंदा है और कार में जिसका शव जलाया गया था वह महेश मेघवाल का है। जलाने से पहले ही उसकी हत्या कर दी गई थी। बाद में इसे हादसे का रूप देने का प्रयास किया गया। हालांकि अभी पुलिस की जांच चल रही है। इसलिए मीडिया जानबूझकर षड्यंत्रकर्ता का नाम प्रकाशित नहीं कर रहा है।
पैरेलल इंवेस्टिगेशन : फौजी ने 2 दिन पहले रेवाड़ी से फोन कर ममेरे भाई से मांगे थे रुपए
घटना के बाद 24 मार्च को ही फौजी विकास दिल्ली चला गया। लेकिन चार दिन बाद 29 मार्च को वह ट्रेन से वापस झुंझुनूं आ रहा था। इस दौरान उसने ट्रेन में मिले मेहरादासी के एक युवक से फोन मांगकर अपने ममेरे भाई को कॉल किया और उससे उसी नंबर पर कुछ रुपए फोन पे करने के लिए बोला। लेकिन ममेरे भाई ने मना कर दिया। इधर, परिजनों पर पुलिस का शिकंजा बढ़ता देख ममेरे भाई ने यह बात पुलिस को बता दी। इसके बाद पुलिस ने उस नंबर की लोकेशन निकलवाई और उस युवक से पूछताछ की। उसे फौजी विकास का फोटो दिखाया तो उसने अपने फोन से उसे बात करवाने की पुष्टि कर दी। इसके बाद पुलिस ने सभी रेलवे स्टेशनों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इनमें उसके नवलगढ़ तक पहुंचने की बात सामने आ रही है। हालांकि पुलिस अभी इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रही है। लेकिन महेश के परिजनों की और से उपलब्ध करवाए गए सीसीटीवी फुटेज के बाद पुलिस ने हादसे की अन्य एंगल से जांच शुरू की। तब पुलिस का शक का दायरा बढ़ता गया। इसके बाद एसपी ने 13 अफसरों की विशेष टीम बनाई जो दिन रात इसमें जुटी हुई है।
कार की ड्राइवर सीट स्लीपिंग मोड में झुकी मिली
इस जांच में जुटी टीम को कार में महेश का ही शव होने से जुड़े कुछ अहम सबूत मिले हैं। पहला-कार में महेश का जला हुआ मोबाइल मिला है जबकि फौजी विकास का मोबाइल घटनास्थल से करीब 7 मीटर र दूर टूटा हुआ मिला। कार की ड्राइवर सीट स्लीपिंग मोड में पीछे की तरफ झुकाई हुई मिली। कार में गाड़ी की चाबी भी नहीं मिली। घटना वाले दिन दोनों साथ में थे। फौजी ने बीदसर ठेके पर ले जाकर महेश को शराब दिलवाई थी। वहां के सीसीटीवी फुटेज में दोनों कैद हैं।
अंडरपास में कार के टकराने के निशान नहीं मिले
हादसा अंडरपास से टकरा कर कार में आग लगना बताया गया। जबकि मीडिया की पड़ताल में सामने आया कि अंडरपास में कार के सामने से टकराने के कोई निशान नहीं थे। कार के हैंडब्रेक लगा हुआ था। मौके पर कार के टायरों के घसीटने के निशान थे। लेकिन कार की बॉडी पर किसी तरह के निशान नहीं मिले। यानी कार को रोककर शव को ड्राइवर सीट पर पटक कर आग लगाने का अंदेशा जताया जा रहा है। पुलिस इसी एंगल से आगे बढ़ रही है।
ऑनलाइन ट्रेडिंग में लगा था घाटा, पिछले माह कराया था बीमा
जिले के सबसे चर्चित मामले की पड़ताल में सामने आया कि फौजी विकास 7 साल पहले सेना में भर्ती हुआ था। वह ऑनलाइन ट्रेडिंग करता था। जिसमें उसको घाटा हो गया। इसको चुकाने के लिए उसने पिछले महीने डेढ़ करोड़ रुपए का बीमा कराया था। संभवतया वह खुद की हादसे में मौत बताकर यह क्लेम उठाना चाहता है। विकास श्रीनगर में पोस्टेड था। बेटा होने की खुशी में वह एक महीने पहले छुट्टी लेकर गांव आया था और 24 मार्च को वापस ड्यूटी पर लौट रहा था। इस दौरान रविवार रात 10.30 बजे अंडरपास में हादसा हो गया।
डीएनए रिपोर्ट के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंच सकेंगे : एसपी
फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता। जब तक डीएनए रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक कुछ भी नहीं कहा जा सकता। हत्या है या हादसा है, इसकी जांच के लिए सारे एंगल से जांच कर रहे हैं। 13 लोगों की विशेष टीम बनाई गई है। अगले दो तीन दिन में सबकुछ क्लियर हो जाएगा। – राजर्षि राज वर्मा, एसपी