सरकार ने पांचों मांगें मानी:अस्थाई श्रमिकों को भर्ती में प्राथमिकता, प्राइवेट फर्मों का अनुभव पत्र लगाने वाले 5 लाख सफाई भर्ती से बाहर होंगे
सरकार ने पांचों मांगें मानी:अस्थाई श्रमिकों को भर्ती में प्राथमिकता, प्राइवेट फर्मों का अनुभव पत्र लगाने वाले 5 लाख सफाई भर्ती से बाहर होंगे

सफाई कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त; सरकार ने भर्ती नियमों में संशोधन करते हुए स्पष्ट किया…नगर निकायों में कार्य का अनुभव पत्र लगाने पर ही आवेदक पात्र होगा
सफाई कर्मियों की हड़ताल शनिवार को समाप्त हो गई। सफाई व्यवस्था बिगड़ती देख राज्य सरकार ने दखल दिया और आंदोलन कर रहे वाल्मीकि समाज के नेताओं को मना लिया। सफाई कर्मचारियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज के अभ्यर्थियों और वर्तमान में जो अस्थाई श्रमिक के रूप में काम कर रहे हैं उन्हें ही प्राथमिकता दी जाएगी। जो लोग निगम व निकायों में काम कर रहे हैं, उन्हें ही भर्ती में प्राथमिकता देगी।
यानी वे लोग भर्ती से स्वत: ही बाहर हो जाएंगे, जिन्होंने प्राइवेट फर्म अथवा दुकानों व घरों में कार्य करने का अनुभव प्रमाण पत्र लगाया है। ऐसे में 5 लाख आवेदक बताए जा रहे हैं, जिन्होंने निगम के सक्षम अधिकारियों द्वारा जारी किए गए प्रमाण पत्र नहीं लगाए हैं।
निगम व निकायों के सक्षम अधिकारियों व सफाई कार्य कर चुकी फर्मों के अनुभव पर आवेदन करने वालों को वरीयता दी जाएगी। कोई प्रमाण पत्र फर्जी पाया तो उस फर्म व आवेदक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। -सुरेश ओला, निदेशक व संयुक्त सचिव, स्वायत्त शासन विभाग
प्रमाण पत्र फर्जी मिला तो फर्म और आवेदक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी डीएलबी
सरकार ने शुक्रवार देर रात को भर्ती नियमों में संशोधन करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि नगर निकायों में कार्य का अनुभव प्रमाण पत्र लगाने पर ही आवेदक भर्ती का पात्र होगा। अब सिर्फ नगर निगम व निकायों के सक्षम अधिकारियों व सफाई कार्य कर चुकी फर्मों के अनुभव पर आवेदन करने वालों को दिया जाएगा। साथ ही कोई प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया तो उस फर्म व आवेदक के खिलाफ डीएलबी कानूनी कार्रवाई करेगा। जिनका कोर्ट चल रहा है उन्हें शिथिलता दिए जाने के लिए डीएलबी ने नियुक्ति की स्वीकृति के लिए राज्य सरकार को पत्र भेजा है। हालांकि, पूर्व में भी प्रथम वरीयता नगर निगम व निकायों के सक्षम अधिकारियों द्वारा जारी अनुभव प्रमाण पत्र को दी गई थी, दूसरी वरीयता नगर निगम के सफाई ठेकेदारों द्वारा दिए गए अनुभव प्रमाण पत्रों को दी गई थी और तृतीय वरीयता प्राइवेट व निजी फर्मों के अनुभव प्रमाण पत्रों को दी गई थी।
24797 पदों पर कुल भर्ती होनी है
- 3670 पद ग्रेटर 707 हेरिटेज में रिक्त
- 9 लाख आवेदन आए,
- 24 मार्च अंतिम तिथि
- 27 मार्च से 4 अप्रैल तक अनुभव प्रमाण व अन्य दस्तावेजों को बदलवाने की छूट
4700 मीट्रिक टन कचरा जमा, आज 1700 ही उठेगा
सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होने के साथ ही सफाई कर्मचारियों ने दोपहर बाद हड़ताल समाप्त कर दी। राज्य सरकार से हुई वार्ता में 5 बिन्दुओं पर सहमति बनने के बाद हड़ताल से लौटने का फैसला लिया। इसके बाद नाइट स्वीपिंग की व्यवस्था शुरू की गई है। सफाई कर्मचारियों के काम पर लौटने के बाद रविवार से शहर की सफाई व्यवस्था बहाल होगी। हड़ताल के चलते पिछले 6 दिन में शहर में करीब 4700 मीट्रिक टन कचरा जमा है, जिसे साफ करने में करीब 3 दिन लग सकते हैं। आज 1700 मीट्रिक टन कचरा ही उठ सकेगा।
कोर्ट में विचाराधीन मामले के लिए पत्र लिखेंगे
नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय पर स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक सुरेश कुमार ओला की मौजूदगी में नगर निगम अधिकारियों और सफाई कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों की बैठक हुई। इसमें पांच अहम बिंदु संगठन की तरफ से रखे गए। जिन पांच बिंदुओं पर सहमति बनी उसमें सबसे पहले कर्मचारियों की भर्ती के आधार पर करने की थी, लेकिन सरकार ने इस बात को न मानते हुए भर्ती में वाल्मीकि समाज के अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देने की बात कही। इसी तरह जिन अभ्यर्थियों के मामले कोर्ट में विचाराधीन है उन पर सरकार सहानुभूति पूर्वक नीतिगत निर्णय लेने के लिए सरकार को पत्र लिखा जाएगा।
आचार संहिता में भर्ती पर रोक नहीं
संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने बताया कि यह भी तय हुआ है कि भर्ती को आचार संहिता की आड़ में नहीं रोकी जाएगी। सरकार ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, ऐसे में आचार संहिता का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। जिन अभ्यर्थियों ने नगर निगम या निकायों के अधिकारियों से अपने अनुभव प्रमाणित करवाए हैं, उनको बिना लॉटरी में शामिल किए प्रेक्टिकल में शामिल किया जाए। इस पर सरकार ने कहा कि हम भर्ती में वाल्मीकि व हैला समाज के अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देंगे। इसके अलावा हड़ताल के दौरान किसी भी कर्मचारी पर नगर निगम की ओर से कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं की जाएगी। इन सभी बिन्दुओं पर सहमति बनने के बाद डीएलबी अधिकारियों और संगठन के पदाधिकारियों से सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए।