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झुंझुनूं : झुंझुनूं में कुत्तों ने 6 माह में 10 को मारा:पालतू कुत्ते भी जानलेवा, डेढ़ साल में 4 हजार से ज्यादा लोगों पर हमला


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झुंझुनूं : झुंझुनूं में कुत्तों ने 6 माह में 10 को मारा:पालतू कुत्ते भी जानलेवा, डेढ़ साल में 4 हजार से ज्यादा लोगों पर हमला

झुंझुनूं में कुत्तों ने 6 माह में 10 को मारा:पालतू कुत्ते भी जानलेवा, डेढ़ साल में 4 हजार से ज्यादा लोगों पर हमला

झुंझुनूं : जिले में बीते 6 महीने में कुत्तों के काटने से जिले में 10 लोगों की मौत हो चुकी है। डेढ़ साल में 4658 लोग जानवरों के काटने के कारण अस्पताल पहुंचे। जिनमें 90 फीसदी से ऊपर मरीज कुत्तों के काटने के है। जिले में डॉग बाइट के बाद इलाज में भी कई मामले में लापरवाही सामने आई है। डॉक्टरों की लापरवाही के कारण भी लोगों को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा है।

बीडीके अस्पताल में 1 जनवरी 2021 से 31 सितम्बर 2022 के बीच जानवरों के काटने के 4658 मरीज आए। कुत्तों ने 4373 लोगों पर हमला किया। वहीं बंदर के काटने से 35, बिल्ली के काटने से 137, अन्य जानवरों के काटने से 111 लोग इलाज कराने अस्पताल पहुंचे।

1552 बच्चों पर कुत्तों ने किए हमले
बीडीके अस्पताल में आए मरीजों में से 90 फीसदी कुत्तों के काटने की घटनाएं हैं। कुत्तों ने जिले में डेढ़ साल में 1552 बच्चों नोच डाला। इसी तरह से कुत्तों के हमले से 2060 पुरुष घायल हुए। वहीं 761 महिलाएं घायल हुई।

2150 लोग हुए गंभीर घायल
कुत्तों के काटने से 2150 लोग गंभीर घायल हुए। इन्हें उच्च स्तरीय इलाज की आवश्यकता पड़ी। कुत्तों के काटने से सेकंड कैटेगरी बाइट के 2513 मरीज थे और थर्ड कैटेगरी बाइट के 2150 मरीज थे। बीडीके अस्पताल में जानवरों के काटने का इलाज कराने वाले 4658 मरीजों में से दस फीसदी मरीज अन्य जानवरों के काटने से आए है। इसमें 283 मरीजों को बिल्ली, बंदर और अन्य जानवरों ने काटा।

झुंझुनूं में आवारा कुत्तों का आतंक है। घर के बाहर बच्चे सेफ नहीं हैं। डॉग बाइट की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
झुंझुनूं में आवारा कुत्तों का आतंक है। घर के बाहर बच्चे सेफ नहीं हैं। डॉग बाइट की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

नगर परिषद के इंतजाम नाकाफी
लगातार बढ़ रही डॉग बाइड के घटना के बाद नगर परिषद की ओर से अब तक पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए है, शहर में जगह जगह कुत्तों का झुण्ड नजर आ जाएगा। कुछ समय पहले बैठक में नगर परिषद की ओर से प्रभावी कदम उठाने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक नगर परिषद की ओर से ठोस कदम नहीं उठाए गए है।

शहर में बढ़ा कुत्तों से डर
शहर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है, जगह जगह दर्जनो कुत्तों का झुण्ड नजर आ जाएगा। इनसे अक्सर डॉग बाइट के मामले भी सामने आते रहते है। जिसके कारण लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। शहर में सबसे ज्यादा बस रोडवेज डिपो के पीछे दर्जनों कुत्तों का झुण्ड देखने को मिल जाएगा। इसी तरह से इदगाह, कमरुद्दीन शाह की दरगाह आदि स्थानों से निकलने वाले राहगीरों पर आवारा कुत्ते हमला कर रहे है। इन कुत्तों को पकडऩे के लिए लोग कई बार गुहार लगा चुके है, लेकिन फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। इसके अलावा शहर के कई इलाकों में कुत्तों के दर्जन झुंड घूमते नजर आ जाएंगे।

स्टरलाइजेशन के बाद छोड़े जाएंगे कुत्ते
नगर परिषद के आयुक्त दिलीप पूनिया ने बताया की आवारा कुत्तों को लेकर कार्य योजना तैयार की जा रही है, कुत्तों का स्टरलाइजेशन करने के बाद इन्हे छोड़ दिया जाएगा, ताकि इनकी तादाद में वृद्धि न हो सके। शहर में कुत्तों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखने में आ रही है। इसकी शिकायत प्रशासन व परिषद के पास पहुंच रही हैं। ऐसे में नगर परिषद भी जल्द से जल्द तैयार करने में जुटी हुई है।

तुरंत अस्पताल पहुंच, रैबीज का इंजेक्शन लगवाए
बीडीके अस्पताल के फिजिशियन डॉ. कैलाश राहड ने बताया कि जिले में डॉग बाइट के घटनाओं में इजाफा हुआ है, डॉग बाइट के बाद समय पर उपचार जरूरी है, नजदीकी अस्पताल में पहुंचकर समय पर इलाज कराएं, बीडीके अस्पताल में 24 घंटे वैक्सीनेशन उपलब्ध है। अस्पताल में पहुंचने से पहले प्राथमिक उपचार जरूरी है। घाव को साबुन के पानी से अच्छी तरह से धोएं।

रेबीज क्लिनिक प्रभारी डा. राजेन्द्र गजराज ने बताया कि कुत्ता, बंदर, नेवला व बिल्ली काटने पर सरकारी अस्पतालों में इलाज व निशुल्क टीके की सुविधा उपलब्ध है। काटने पर नजदीक के किसी भी अस्पताल में तुरंत इलाज करवाना चाहिए।

बच्चों पर कुत्तों के हमले
कुछ दिन पहले शहर के इंदिरा नगर में घर के बाहर खेल बच्चों पर कुत्ते ने हमला कर दिया था। बच्चे को बुरी तरह नोच दिया था। इंदिरा नगर निवासी फरहान की गर्दन, दोनों हाथ, पेट और पैरों पर घाव हो गए थे। इस दौरान इस कुत्ते ने कई लोगों को घायल कर दिया था। बच्चे को बचाने आए पड़ोसी पर भी कुत्ते ने हमला कर दिया था, इसके अलावा डॉग ने आस पड़ोस में 5 लोगों को काटा था।

जिले के चनाना गांव में आवारा कुत्ते ने घर में खेल रहे एक साल 6 साल के बच्चे पर हमला कर दिया था। बच्चे को कुत्ते ने जगह जगह से नोच लिया था, बच्चे को परिजन गंभीर हालात में झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल लेकर पहुंचे थे, प्राथमिक उपचार के बाद जयपुर रेफर करना पड़ा था। वहीं ​​​​​​​​​​​​​​सूरजगढ़ के खेदडों की ढाणी में 28 सितम्बर को तीन साल की बच्ची को पालतू जर्मन शेफर्ड कुत्ते ने आंख के नीचे बाइट कर लिया था, जिसकी वजह से खून आने लग गया। चेहरे पर सूजन भी आ गई थी। परिजनों की ओर से बच्ची के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में बच्ची को सही इलाज दिलवाया गया था।

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