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Rishi Sunak Life Story: जानें, कौन हैं ऋषि सुनक जो बन सकते हैं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री


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Rishi Sunak Life Story: जानें, कौन हैं ऋषि सुनक जो बन सकते हैं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री

ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को साउथेम्प्टन हैम्पशायर दक्षिण पूर्व इंग्लैंड में भारतीय माता-पिता यशवीर और उषा सनक के घर में हुआ था। उनके पिता एक सामान्य चिकित्सक थे जबकि उनकी मां एक फार्मासिस्ट थीं जो एक स्थानीय फार्मेसी चलाती थीं।

भारतीय मूल के सांसद ऋषि सुनक (Rishi Sunak), जो कंजरवेटिव पार्टी के 100 सांसदों के समर्थन का दावा करते हैं, ने रविवार को यूके के प्रधानमंत्री पद के लिए आधिकारिक तौर पर अपना अभियान शुरू किया है. ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने एक ट्वीट में कहा, “यूनाइटेड किंगडम एक महान देश है लेकिन हम एक गहरे आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. इसलिए मैं कंजरवेटिव पार्टी का नेता और आपका अगला प्रधानमंत्री बनने के लिए खड़ा हूं.” उन्होंने कहा, “मैं अपनी अर्थव्यवस्था को ठीक करना चाहता हूं, अपनी पार्टी को एकजुट करना चाहता हूं और अपने देश के लिए काम करना चाहता हूं.”

“नहीं, बिल्कुल नहीं. प्रधानमंत्री को जिस तरह के काम करने पड़ते हैं, मेरे लिए वो सब करना बहुत मुश्किल है.”

देश भर में कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों द्वारा आयोजित चुनाव हारने के बाद सितंबर में बोरिस जॉनसन को बदलने की दौड़ में ऋषि सुनक (Rishi Sunak) को ट्रस ने हराया था. ऋषि सुनक (Rishi Sunak) के अलावा, पेनी मोर्डंट एकमात्र अन्य कंजर्वेटिव पार्टी नेता हैं जिन्होंने आधिकारिक तौर पर अपना अभियान शुरू किया है. यदि सोमवार तक सांसदों की ओर से 100 से अधिक नामांकन के साथ केवल एक उम्मीदवार होता है, तो उस व्यक्ति को विजेता घोषित किया जाएगा. लेकिन नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, ऋषि सुनक (Rishi Sunak) और पूर्व प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन दोनों ने 100 सांसदों का समर्थन किया है.

यदि पेनी मोर्डौंट को भी 100 सांसदों का समर्थन प्राप्त होता है, तो कंजरवेटिव पार्टी के सांसदों का एक वोट एक उम्मीदवार (सबसे कम वोटों के साथ) को समाप्त कर देगा, पार्टी के सांसदों ने अपनी वरीयता का संकेत देने के लिए मतदान किया. फिर कंजर्वेटिव पार्टी के प्रतिनिधि अपने नए नेताओं का चुनाव करने के लिए ऑनलाइन वोट करेंगे. लेकिन सदस्यों के वोट की आवश्यकता वाला नियम केवल तभी लागू होता है जब दो उम्मीदवार शेष हों. यहां तक ​​कि अगर दो उम्मीदवार पीएम की दौड़ में सामने आते हैं, तो संभव है कि अगर कोई उम्मीदवार बाहर हो जाता है तो सदस्यों को फाइनल नहीं मिलेगा.

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी के सदस्यों के बीच मतदान बंद होने से पहले, उम्मीद है कि दोनों उम्मीदवार एक टेलीविजन बहस में हिस्सा लेंगे. यदि उस मतपत्र में दो उम्मीदवार हैं, तो यह सांकेतिक होगा. यानी इससे पता चलेगा कि सांसदों में किसे सबसे ज्यादा समर्थन है. उम्मीद है कि यूके को 28 अक्टूबर तक अपना नया पीएम मिल जाएगा, और आने वाले पीएम के पास देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का भी काम होगा, जो मंदी की चपेट में है.

भारतीय मूल के ब्रिटिश नेता ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने मंगलवार को वित्त मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सुनक ने चिट्ठी लिखकर बोरिस जानसन सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए हैं। चलिए जानते हैं ऋषि सुनक की जिन्दगी से जुड़ी कुछ महत्वपूण बातें–

ऋषि सुनक का जन्म

ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को साउथेम्प्टन, हैम्पशायर, दक्षिण पूर्व इंग्लैंड में भारतीय माता-पिता यशवीर और उषा सनक के घर में हुआ था। उनके पिता एक सामान्य चिकित्सक थे, जबकि उनकी मां एक फार्मासिस्ट थीं, जो एक स्थानीय फार्मेसी चलाती थीं। सनक के दादा-दादी पंजाब प्रांत, (ब्रिटिश भारत) में पैदा हुए थे और 1960 के दशक में पूर्वी अफ्रीका से ब्रिटेन में आकर बस गए थे। तीन भाई-बहनों में सुनक सबसे बड़े हैं। उनके भाई संजय एक मनोवैज्ञानिक हैं और उनकी बहन राखी विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय में मानवीय, शांति निर्माण, संयुक्त राष्ट्र के फंड और कार्यक्रमों के प्रमुख के रूप में काम करती हैं।

ऋषि सुनक की पढ़ाई-लिखाई

सुनक विनचेस्टर कालेज, लिंकन कालेज, आक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं।

ऋषि सुनक का व्यवसाय करियर

उन्होंने विश्वविद्यालय में अपने समय के दौरान रूढ़िवादी अभियान मुख्यालय में इंटर्नशिप की। 2001 से 2004 तक उन्होंने एक निवेश बैंक गोल्डमैन सैच्स में एक विश्लेषक के रूप में काम किया। उन्होंने द चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड मैनेजमेंट (TCI) में शामिल होने के लिए नौकरी छोड़ दी और सितंबर 2006 में एक भागीदार बन गए। वह 2009 में एक अन्य हेज फंड फर्म थेलेम पार्टनर्स में शामिल हो गए। उन्होंने अपने ससुर और व्यवसायी एन. आर. नारायण मूर्ति के स्वामित्व वाली निवेश फर्म कटमरैन वेंचर्स (Catamaran Ventures) के निदेशक के रूप में भी काम किया।

ऋषि सुनक का राजनीतिक सफर

सुनक को 2014 में, रिचमंड (यार्क) के लिए कंजर्वेटिव उम्मीदवार के रूप में चुना गया था। बता दें कि इस सीट पर कंजरवेटिव पार्टी का कब्जा 100 साल से अधिक समय से है। उस साल, उन्होंने पालिसी एक्सचेंज की ब्लैक एंड माइनॉरिटी एथनिक (BME) रिसर्च यूनिट का नेतृत्व किया और यूनाइटेड किंगडम में बीएमइ (BME) समुदायों पर एक रिपोर्ट का सह-लेखन किया।

2015 के आम चुनाव में उन्हें रिचमंड (यार्क) से सांसद के रूप में चुना गया था। 2015 से 2017 तक, उन्होंने पर्यावरण, खाद्य और ग्रामीण मामलों की चयन समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया। उन्होंने 2016 में यूरोपीय संघ के जनमत संग्रह का समर्थन किया। उन्होंने ब्रेक्सिट के बाद मुक्त बंदरगाहों की स्थापना का समर्थन करने वाले सेंटर फार पालिसी स्टडीज के लिए एक रिपोर्ट भी लिखी और अगले वर्ष एसएमई के लिए एक खुदरा बांड बाजार के निर्माण की वकालत करते हुए एक रिपोर्ट लिखी। 2017 के आम चुनाव में उन्हें उसी सीट से सांसद के रूप में फिर से चुना गया था। उन्होंने जनवरी 2018 से जुलाई 2019 तक संसदीय अवर सचिव के रूप में कार्य किया। उन्होंने 2019 कंजर्वेटिव पार्टी नेतृत्व चुनाव में पीएम बोरिस जानसन का समर्थन किया और यहां तक ​​कि जून 2019 में अभियान के दौरान जानसन की वकालत करने के लिए एक ब्रिटिश राष्ट्रीय दैनिक में एक लेख भी लिखा।

सनक को 2019 के आम चुनाव में फिर से चुना गया और जुलाई 2019 में प्रधान मंत्री बोरिस जानसन द्वारा ट्रेजरी का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया और चांसलर साजिद जाविद के अधीन कार्य किया। वह 25 जुलाई 2019 को प्रिवी काउंसिल के सदस्य बने। इसके फरवरी 2020 में कैबिनेट फेरबदल के बाद सनक को राजकोष के चांसलर के रूप में पदोन्नत किया गया था। कोरोना महामारी के बीच सुनक ने अपना पहला बजट 11 मार्च 2020 को पेश किया।

ऋषि सुनक की पत्नी

ऋषि सनक ने अगस्त 2009 में अक्षता मूर्ति के साथ शादी के बंधन में बंध गए। दंपति की दो बेटियां हैं। उनकी पत्नी भारतीय अरबपति एन.आर. नारायण मूर्ति की बेटी हैं। वह कटमरैन वेंचर्स में निदेशक के रूप में कार्य करती हैं। वह अपना खुद का फैशन लेबल भी चलाती हैं और ब्रिटेन की सबसे धनी महिलाओं में से हैं।

जॉनसन की आलोचना’

जिन मंत्रियों ने इस्तीफा दिया था, उनमें ऋषि सुनक भी शामिल रहे. सुनक भारतीय मूल के ब्रिटेन के पहले वित्त मंत्री रहे. ऋषि सुनक कंजर्वेटिव पार्टी और देश की राजनीति में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं.

वापस से अक्टूबर 2020 में चलते हैं. सुनक को जॉनसन कैबिनेट का हिस्सा बने आठ महीने ही हुए थे. उन्होंने पीएम पद के लिए महत्वकांक्षा होने की खबरों का भी खंडन कर दिया था. सुनक शुरू से ही ब्रेग्जिट पर बोरिस की हां में हां मिलाते रहे थे. ब्रेग्जिट के सपोर्ट में उन्होंने मीडिया से कहा था,

“अपनी मां की छोटी सी केमिस्ट शॉप में काम करने से लेकर बड़ा बिजनेस चलाने तक, मैंने ये समझा है कि हमें एंटरप्राइज और इनोवेशन पर एक मुक्त माहौल देना चाहिए ताकि ब्रिटेन का भविष्य मजबूत हो सके.”

फिर जब यूनाइटेड किंगडम में पार्टीगेट स्कैंडल सामने आया और बोरिस जॉनसन की चौतरफा आलोचना हुई, तो खबरें आईं कि कंजर्वेटिव पार्टी का एस्टेब्लिशमेंट ऋषि सुनक को पार्टी के नए लीडर और देश के नए प्रधानमंत्री के तौर पर पेश कर सकता है. सुनक ने भी इन कयासों का खंडन नहीं किया. उल्टा सधे हुए तरीके से बोरिस जॉनसन की आलोचना कर इन कयासों को हवा दे दी. सुनक ने कहा,

“प्रधानमंत्री ने माफी मांगकर सही किया है. मैं उनकी इस अपील से भी सहमत हूं कि इस मामले की जांच पूरी होने तक सबको धैर्य रखना चाहिए.”

राजनीति से पहले बिजनेस में सफलता

यूके के नए प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में शामिल हुए ऋषि सुनक का जन्म 12 मई को 1980 को यूनाइडेट किंगडम के साउथम्पैटन में हुआ. उनके दादा-दादी का जन्म अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था. वो बाद में पूर्वी अफ्रीका चले गए थे. बाद में अपने बच्चों के साथ यूनाइडेट किंगडम आ गए. ऋषि सुनक के पिता यशवीर डॉक्टर थे और मां एक छोटा सा मेडिकल स्टोर चलाती थीं. पहली बार ब्रिटिश संसद में पहुंचने के बाद सुनक ने अपने परिवार के बारे में बताया था. उन्होंने कहा था,

“जब वो यूनाइटेड किंगडम आए थे, उनके पास कुछ भी नहीं था.”

सुनक की शुरुआती पढ़ाई साउथम्पैटन में ही हुई. फिर उन्होंने विंचेस्टर कॉलेज से राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की. आगे प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र, राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में फर्स्ट क्लास डिग्री हासिल की. आगे और पढ़ाई की. कैलिफोर्निया स्थित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से 2006 में MBA की डिग्री हासिल की. इस दौरान वो फुलब्राइट स्कॉलरशिप पर रहे. इसी दौरान उनकी मुलाकात इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई. बाद में दोनों ने शादी कर ली.

राजनीति में आने से पहले सुनक ने बिजनेस में हाथ आजमाया और सफल रहे. वो एक इनवेस्टमेंट फर्म के को-फाउंडर रहे. इस फर्म ने सिलिकॉन वैली और बेंगलुरु में बिजनेस किया. साथ ही साथ ब्रिटेन में छोटे-छोटे बिजनेस को फंड दिया. ग्रेजुएशन के बाद सुनक ने गोल्डमैन साक्स के साथ भी काम किया था.

सुनक बने सरकार का चेहरा

साल 2015 में सुनक ने राजनीति में कदम रखा. उन्होंने यॉर्कशर की रिकमंड सीट से चुनाव जीता और यूनाइटेड किंगडम की संसद में पहुंचे. रिकमंड सीट कंजर्वेटिव पार्टी का गढ़ रही है. सुनक ने साल 2017 और 2019 में भी इस सीट से चुनाव जीता.

बोरिस जॉनसन ने यूनाइटेड किंगडम का प्रधानमंत्री बनने के बाद फरवरी 2020 में अपना पहला कैबिनेट विस्तार किया. इसी दौरान उन्होंने सुनक को वित्त मंत्रालय का पोर्टफोलियो दिया था. सुनक ने इतिहास रच दिया. बताया जाता है कि इस पोर्टफोलियो को पाने से पहले सुनक की ज्यादा चर्चा नहीं होती थी. फिर कोरोना वायरस महामारी के दौरान उन्होंने देश के लिए कई पैकेज तैयार किए. जिनकी पूरी दुनिया में चर्चा हुई. सुनक नियमित तौर पर न्यूज चैनलों पर नजर आने लगे. एक तरीके से यूनाइटेड किंगडम सरकार का चेहरा बन गए.

इसी दौरान पार्टीगेट स्कैंडल में भी उनका नाम आया. इस संबंध में उन्हें पेनल्टी नोटिस भी जारी किया गया. फिर अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति के टैक्स स्टेटस को लेकर आलोचना का शिकार हुए. ब्रिटेन के लोगों के कोस्ट लिविंग स्टेटस पर भी उन्हें आलोचना झेलनी पड़ी. इस बात पर भी उनकी किरकिरी हुई कि यूनाइटेड किंगडम सरकार में इतने बड़े पद पर होने के बाद भी उनके पास अमेरिका का ग्रीन कार्ड है और उन्होंने इसे लौटाया नहीं है.

यूनाइडेट किंगडम के वित्त मंत्री के तौर पर काम करने से पहले ऋषि सुनक ने पूर्व प्रधानमंत्री टेरिसा मे की कैबिनेट में जूनियर मिनिस्टर के तौर पर काम किया था. हाल के दिनों में भले ही 42 साल के ऋषि सुनक अलग-अलग मुद्दों पर आलोचनाओं का शिकार रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी वो प्रभावशाली तरीके से यूनाइटेड किंगडम के नए प्रधानमंत्री की दौड़ में शामिल हुए थे.

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