उदयपुर : सैन्य सम्मान से हुई शहीद मुस्तफा की अंतिम विदाई:ताबूत से लिपट गई मां, रात करीब 10:30 बजे पार्थिव देह को सुपुर्द ए खाक किया गया
सैन्य सम्मान से हुई शहीद मुस्तफा की अंतिम विदाई:ताबूत से लिपट गई मां, रात करीब 10:30 बजे पार्थिव देह को सुपुर्द ए खाक किया गया

उदयपुर : अरुणाचल में शहीद हुए पायलट मेजर मुस्तफा जकीउद्दीन बोहरा की पार्थिव देह रविवार शाम 6 बजे उदयपुर पहुंचा। उन्हें रात करीब 10:30 बजे सुपुर्द ए खाक कर अंतिम विदाई दी गई।। इससे पहले डबोक एयरपोर्ट पर शहीद का पार्थिव देह पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया। शहीद की देह को सेना के ट्रक में ही लाया गया। मां ने अंतिम बार अपने बेटे के चेहरे को देखा तो ताबूत से लिपट गईं। उधर नीचे खड़ी मंगेतर इतनी बेसुध हो गईं कि मुंह से आवाज भी नहीं निकल पाई। इशारों में सेना के जवानों से बस एक बार देख लेने की जिद करती रहीं। जब अपने बेटे का चेहरा देख मां नीचे उतरीं तो उनसे लिपटकर रोने लगीं।

एयरपोर्ट पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी, वल्लभनगर विधायक प्रीति शक्तावत के साथ कई लोगों ने मुस्तफा बोहरा अमर रहे के नारों के साथ विदा किया।

भाई की तस्वीर छाती पर लगाए बहन पूछती रही, भाई कहां है मेरा
पार्थिव देह को सीधे खांजीपीर कब्रिस्तान स्थित सेना के ट्रक में ही लाया गया। पहले पार्थिव देह को पास मस्जिद में ले जाया गया। यहां बहन एलेफिया का अपने भाई की तस्वीर छाती पर लगाए रो-रोकर बुरा हाल था। वह आर्मी के जवानों से बार-बार पूछ रही थी, मेरा भाई कहां है, मेरे भाई से मिला दो। कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक करने से पहले शहीद की पार्थिव देह को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। फिर शहीद को कलेक्टर ताराचंद मीणा, एसपी विकास कुमार, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सहित परिवारजनों ने पुष्प अर्पित कर नमन किया। फिर तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह को लेकर जनाजे की नमाज अदा की गई। इसके बाद करीब रात 10:30 पार्थिव देह को सुपुर्द ए खाक शहीद को अंतिम विदाई दी गई।
बता दें, अरुणाचल प्रदेश के तूतिंग हैडक्वार्टर से 25 किमी दूर उनका एडवांस्ड लाइट आर्मी हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें देश के 4 जवान शहीद हो गए थे। हेलिकॉप्टर में झुंझुंनूं के रोहिताश और हनुमानगढ़ के मेजर विकास भी थे। बता दें, कि मेजर मुस्तफा मूल रूप से उदयपुर के वल्लभनगर तहसील में खेरोदा गांव के रहने वाले हैं। हालांकि परिवार शहर में हाथीपोल चौराहा के पास रहता है।

होनहार स्टूडेंट रहे मुस्तफा, किताबों में बहुत रुचि रखते थे
मुस्तफा के पिता जलीउद्दीन बोहरा कुवैत में प्रिंटिंग से जुड़ी जॉब करते हैं। वे सूचना मिलने पर शनिवार को उदयपुर पहुंच गए थे। उनका परिवार पिछले 7 सालों से उदयपुर की अजंता गली में एक मकान में किराए पर रह रहा है। मुस्तफा की मां फातिमा बोहरा हाउस वाइफ हैं। छोटी बहन एलेफिया डेन्टिस्ट की पढ़ाई कर रही हैं। मुस्तफा के बड़े पापा आबिद अली के अनुसार मुस्तफा बचपन से होनहार स्टूडेंट रहे थे। उन्हें किताबों में बहुत रुचि थी। सेना में भर्ती होने के लिए उन्होंने रात-दिन तैयारी की। 9 साल पहले एनडीए एग्जाम के जरिए मुस्तफा का सिलेक्शन हुआ था। इसके बाद उन्हें आर्मी में ज्वाइनिंग मिली थी।
NDA के जरिए हुआ था सिलेक्शन
9 साल पहले NDA एग्जाम के जरिए मुस्तफा का सिलेक्शन हुआ था। इसके बाद उन्हें आर्मी में जॉइनिंग मिली थी। उन्हें आर्मी वर्दी से बहुत ज्यादा लगाव था। मुस्तफा अपनी बटालियन के साथ पहले जोधपुर में पोस्टेड थे। करीब 1 साल पहले उनकी बटालियन जोधपुर से शिफ्ट हुई थी। उनके साथ उदयपुरवाटी के रहने वाले को-पायलट रोहिताश्व भी मौजूद थे। जनवरी में ही मुस्तफा की सगाई हुई थी। मंगेतर पुणे में रहकर एमबीए कर रही हैं। उदयपुर के साइफन इलाके में उनका घर बन रहा है। खेरोदा गांव के उदय शिक्षा मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय से मुस्तफा की शुरुआती पढ़ाई हुई है। इसके बाद वे उदयपुर के सेंट पॉल स्कूल में पढ़े। कुछ समय पहले परिवार में हुई एक शादी में मुस्तफा खेरोदा गए थे। आबिद अली ने बताया कि शुक्रवार शाम को उन्हें मुस्तफा के हेलिकॉप्टर क्रैश होने की जानकारी मिली। मुस्तफा उनके परिवार का रियल हीरो था। खेरोदा गांव ही नहीं बल्कि पूरा बोहरा समाज को उनके बेटे पर गर्व था।
सबसे पहले मां और बहन को मिली थी सूचना
मूल रूप से मुस्तफा उदयपुर के खेरोदा गांव के हैं जहां उदय शिक्षा मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय से उन्होंने शुरुआती पढ़ाई की थी। मुस्तफा के हेलिकॉप्टर क्रैश होने की जानकारी सबसे पहले उनकी मां औरर छोटी बहन को फोन पर मिली थी। इसके बाद मां सदमे में है। उनका रो-रोकर बुरा हाल है। जनवरी में मुस्तफा की सगाई हुई थी मंगेतर पुणे में रहकर एमबीए कर रही है।