बानसूर : बाजार जा रही 9 साल की मासूम को 8-10 कुत्तों ने घेरकर करीब 40 जगह नोच डाला। बच्ची बचाने के लिए चिल्ला रही थी। तभी वहां से गुजर रहे उसके चाचा और गांव के एक शख्स की नजर पड़ी तो उन्होंने दौड़कर कुत्तों को भगाया। लहूलुहान हालत में बच्ची को अस्पताल लेकर गए। इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई।
घटना रविवार शाम 4 बजे अलवर के बानसूर की श्यामपुरा की ढाणी बगावली की है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजन को सौंप दिया।
सुनसान जगह बच्ची पर कुत्तों ने किया हमला
बच्ची के पिता अशोक कुमावत ने बताया- शाम 4 बजे मेरी बेटी मोनिका (9) श्यामपुरा गांव के बाजार में सामान लेने जा रही थी। हमारी ढाणी से गांव 500 मीटर की दूरी पर है। मोनिका आधे रास्ते में ही पहुंची थी कि 8-10 आवारा कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया। वो सुनसान जगह थी। कुत्तों ने बच्ची को जमीन पर गिरा दिया और उस पर टूट पड़े। इसी दौरान वहां से कुएं की मोटर सुधारने वाला मिस्त्री सुरेश और मेरा छोटा भाई महिपाल अपनी-अपनी बाइक से गुजर रहे थे।
सुरेश और महिपाल ने जैसे-तैसे शोर मचाकर बच्ची को छुड़वाया। मोनिका उस समय जिंदा थी। वह खून से लथपथ थी। कुत्तों ने उसे जगह-जगह से काट लिया था। दोनों मोनिका को बानसूर उप जिला अस्पताल ले गए। अस्पताल पहुंचने के बाद महिपाल ने मुझे कॉल किया। जब मैं हॉस्पिटल पहुंचा तो डॉक्टर ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया।
श्वास नली भी हो गई थी डैमेज
बानसूर उप जिला अस्पताल के डॉक्टर मोमकेश ने बताया- बच्ची के पूरे शरीर पर कुत्तों ने काट लिया। बच्ची के गले पर गहरा घाव था। कुत्तों ने बच्ची की श्वास नली के रिंग्स को डैमेज कर दिया था। जिसकी वजह से बच्ची की मौत हो गई। बच्ची के शरीर पर 40 जगह काटने के निशान थे। उसके दोनों पैरों, पेट और गले पर काटने के निशान मिले।
श्यामपुरा सरपंच विक्रम यादव ने बताया कि मामले को लेकर उपखंड अधिकारी को घटना से अवगत कराया जाएगा और आवारा कुत्तों को पकड़ा जाएगा। पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दिलाई जाएगी।
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया- बच्ची चीख रही थी
मिस्त्री सुरेश ने बताया- मैं श्यामपुरा की ढाणी बगावली के आगे चांदावाली ढाणी में मोटर सुधारने जा रहा था। इसी दौरान मैंने देखा कि एक बच्ची पर लगभग 10 कुत्ते झपट रहे थे। उसे नीचे गिरा रखा था और काट रहे थे। बच्ची चीख रही थी और जगह-जगह से खून निकल रहा था। मैंने लकड़ी और पत्थर मारकर कुत्तों को भगाया। इसी दौरान बच्ची का चाचा महिपाल बाइक से ढाणी की तरफ से आ रहा था। महिपाल ने अपनी भतीजी को पहचान लिया। बच्ची के एक बड़ी बहन और एक छोटा भाई है। बच्ची के पिता अशोक कुमावत किसान हैं।