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वकील 27 दिन बाद काम पर लौटे:बोले- हाईकोर्ट का सर्कुलर बेबुनियाद था, जज को अपनी गलती का अहसास हुआ


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वकील 27 दिन बाद काम पर लौटे:बोले- हाईकोर्ट का सर्कुलर बेबुनियाद था, जज को अपनी गलती का अहसास हुआ

वकील 27 दिन बाद काम पर लौटे:बोले- हाईकोर्ट का सर्कुलर बेबुनियाद था, जज को अपनी गलती का अहसास हुआ

सीकर : सीकर में 27 दिन के कार्य बहिष्कार के बाद वकील काम पर लौट आए। सीकर बार संघ एसोसिएशन के एडवोकेट्स राजस्थान हाई कोर्ट बेंच, जयपुर व लक्ष्मणगढ़ बार संघ के अध्यक्ष प्यारेलाल को नोटिस दिए जाने के प्रकरण में हड़ताल पर थे।

राज्य स्तरीय अधिवक्ता संघर्ष समिति के संयोजक एडवोकेट सूरजभान सिंह ने बताया कि लक्ष्मणगढ़ बार संघ के अध्यक्ष प्यारेलाल को हाईकोर्ट ने साथी एडवोकेट की मौत पर कार्य स्थगित करने पर नोटिस दिया था। जिसके विरोध में 7 फरवरी से राजस्थान के एडवोकेट्स कार्य बहिष्कार कर रहे थे।

बार संघ ने सोमवार को हुई सुनवाई में तर्क दिया कि हाईकोर्ट की ओर से कार्य स्थगन के संबंध में 2002 और 2015 में जारी किए गए सर्कुलर की बार संघ को जानकारी नहीं थी। जिसके बाद हाई कोर्ट ने बार संघ के तर्क को स्वीकार करते हुए कार्रवाई को ड्रॉप कर दिया।

सूरजभान सिंह ने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट के जज को पहले ही सोच लेना चाहिए था कि ऐसा सर्कुलर जारी करना ही बेबुनियाद है। इस सर्कुलर का कोई आधार नहीं था। जिस सर्कुलर की बात जज कर रहे थे वह सर्कुलर अव्यवहारिक था। एडवोकेट्स ने बड़ी जीत हासिल की है। राजस्थान हाई कोर्ट के जज को भी अपनी गलती का अहसास हुआ है।

सूरजभान ने कहा कि कोर्ट के सर्कुलर वापस लेने के फैसले से प्रदेश भर के एडवोकेट्स खुश है। इस मौके पर एडवोकेट बनवारी लाल बरवड़, सीकर बार संघ अध्यक्ष जगदीश गठाला, भोमाराम गुर्जर सहित अनेक एडवोकेट्स मौजूद रहे।

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