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अरुणाचल प्रदेश : शहादत को सलाम, सेना का हेलीकॉप्टर क्रैश, उदयपुर के मेजर मुस्तफा जकीउद्दीन सहित चार जवान शहीद


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अरुणाचल प्रदेश : शहादत को सलाम, सेना का हेलीकॉप्टर क्रैश, उदयपुर के मेजर मुस्तफा जकीउद्दीन सहित चार जवान शहीद

शहादत को सलाम, सेना का हेलीकॉप्टर क्रैश, उदयपुर के मेजर मुस्तफा जकीउद्दीन सहित चार जवान शहीद

अरुणाचल प्रदेश : अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में शुक्रवार को सेना का हेलिकॉप्टर रुद्र क्रैश होने से उदयपुर के मेजर सहित चार जवान शहीद हो गए। जिले के मूलत: खेरोदा निवासी 27 वर्षीय मेजर मुस्तफा जकीउद्दीन के शहीद होने की खबर जैसे ही परिजनों व समाजजनों को मिली चारों ओर शोक छा गया। मेजर मुस्तफा के शहीद होने की सूचना अरुणाचल प्रदेश यूनिट से परिजन अली अजगर को फोन से दी गई। अली अजगर ने बताया कि फिलहाल प्राथमिक सूचना दी गई है। पूरी जानकारी शनिवार को यूनिट से दी जाएगी। हेलिकॉप्टर जहां क्रेश हुआ, उस क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी है। शहीद मेजर का शव रविवार सुबह आने की जानकारी मिली है।

कुछ माह बाद होना था निकाह

मेजर मुस्तफा के पिता जकीउद्दीन कुवैत में काम करते हैं, माता फातिमा है। उनकी बहन डॉ. अलफिया डेंटिंस्ट है। जैसै ही यह जानकारी पिता को दी गई तो पिता कुवैत से उदयपुर के लिए रवाना हो गए। पिता शनिवार दोपहर उदयपुर पहुंचेंगे। उन्हें लेने के लिए उदयपुर से परिजन अहमदाबाद रवाना हो गए हैं। जानकारी के अनुसार मेजर मुस्तफा का कुछ दिनों में निकाह होना था, उनकी मंगनी उदयपुर की ही फातिमा से कुछ समय पहले हुई है। फातिमा फिलहाल पुणे में है, जो उदयपुर आने के लिए वहां से रवाना हो चुकी है।

अरुणाचल प्रदेश के ट्विंग क्षेत्र में थे पदस्थापित

मेजर मुस्तफा अरुणाचल प्रदेश के ट्विंग क्षेत्र में पदस्थापित थे। वह एनडीए से उत्तीर्ण होकर करीब छह वर्ष पूर्व सेना में लेफ़्टिनेंट लगे थे, जो बाद में कैप्टन बने और फिलहाल बतौर मेजर कार्यरत थे। उनकी शुरुआती पढ़ाई सेन्ट पॉल स्कूल उदयपुर से हुई थी। उदयपुर के हाथीपोल क्षेत्र के अजन्ता गली में उनका घर है। कई साल पहले उनका परिवार खेरोदा से उदयपुर आ गया था।

मंत्री ने किया ट्विट

भारत के कानून और न्याय मंत्री किरन रिजिजू ने ट्विट कर इस दुर्घटना की जानकारी शेयर की थी। उन्होंने उल्लेख किया है कि अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में भारतीय सेना के हेलिकॉप्टर क्रैश होने की बहुत परेशान करने वाली खबर मिली है। उन्होंने इस हादसे पर गहरी संवेदना जताई है।

उदयपुर का बेटा शहीद, जिसने सुना उसकी छलक गई आंख
उसे बड़ी नाज़ो से पाला था। हर काम पूरी ईमानदारी से करना और पढ़ाई में खूब मेहनत कर हर मुकाम पाने वाला उदयपुर का बेटा मेजर मुस्तफा अपना कर्त्तव्य निभाते हुए दुनिया से रुखसत हो गया। भारतीय सेना में जाने का सपना लिए कठिन परिश्रम कर मेजर मुस्तफा ने कम उम्र में सेना में बड़ी जगह बना ली थी। शुक्रवार को जैसे ही उनके शहीद होने का समाचार उदयपुर पहुंचा तो जैसे हर किसी का मन ठहर गया। जिसने ये खबर सुनी वह द्रवित हो उठा। इस मर्मस्पर्शी सूचना ने हर आंख नम कर दी। हाल में बोहरा समाज के धर्मगुरु सैयदना साहब के उदयपुर आगमन की खुशी पलभर में काफूर हो गई।

जिसने सुना दौड़ पड़ा अजन्ता गली

जैसे-जैसे मेजर के शहीद होने की सूचना परिजनों, समाजजनों व आम लोगों तक पहुंची तो वे दौड़कर अजन्ता गली की ओर दौड़ पडे़। हर किसी की जुबान पर एक ही बात थी कि ये कैसे हो गया….।

मां व बहन ही है अभी घर, परिजन नहीं दे रहे पूरी जानकारीशहीद मेजर के पिता उदयपुर आने के लिए कुवैत से निकल पडे़ हैं, लेकिन अभी मेजर की मां और बहन ही उनके घर हैं। किसी ने पूरी जानकारी उन्हें नहीं दी है। हालांकि जैसे-जैसे लोग उनके घर पहुंच रहे हैं वे स्तब्ध है कि ये सब क्या हो रहा है। परिजनों ने पत्रिका को बताया कि सेना से पूरी जानकारी शनिवार को दी जाएगी। अभी प्रारंभिक सूचना दी गई है।
खेरोदा कस्बे में शोक

जैसे ही मेजर के शहीद होने की सूचना उनके पैतृक गांव खेरोदा में पहुंची तो पूरे कस्बे में शोक की लहर छा गई। बोहरावाड़ह सहित पूरे गांव एवं सहपाठी गम में डूब गए। अचानक हुए हादसे से हर कोई सन्न था। कुछ ही देर में मुस्तफा के बचपन के साथी व परिजन उदयपुर पहुंचने लगे। मेजर ने प्राथमिक शिक्षा उदय शिक्षा मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय से ली थी। वे जब भी उदयपुर आते थे, तो समय निकाल कर खेरोदा भी पहुंचते थे। वह कुछ दिनों पहले ही परिवार के निकाह में खेरोदा आए थे।

पिता करीब 30 साल से कुवैत मेंमुस्तफा के पिता करीब 30 साल से कुवैत में काम कर रहे हैं। माता फातिमा बोहरा गृहिणी है। परिवार करीब 15 सालों से उदयपुर के हाथीपोल में निवासरत है। खेरोदा के तायर अली बोहरा ने बताया की उनकी बेटी की छह माह पूर्व शादी में मुस्तफा बोहरा व उसका पूरा परिवार आया था। उदय शिक्षा मंदिर के संस्थापक नाना लाल मेनारिया ने बताया की मुस्तफा पढ़ाई में मेधावी छात्र था। उसकी प्रारंभिक शिक्षा उसी स्कूल में हुई। सम्पूर्ण हुई साथ ही शुरू से ही उसका सेना में जाने का सपना था।

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