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जयपुर : कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के साथ दिवाली मनाएंगे सीएम गहलोत, 200 से ज्यादा बच्चों को किया आमंत्रित


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जयपुर : कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के साथ दिवाली मनाएंगे सीएम गहलोत, 200 से ज्यादा बच्चों को किया आमंत्रित

प्रदेश भर से 200 से ज्यादा बच्चों को सीएम हाउस में किया गया आमंत्रित, बच्चों के साथ लंच करके उनका हालचाल भी जानेंगे सीएम

जयपुर। कोरोना काल के दौरान अपने माता-पिता को खोने वाले अनाथ बच्चों के साथ इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिवाली मनाएंगे और उनके साथ समय बिताएंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश भर से करीब 200 से अनाथ बच्चों को शुक्रवार को जयपुर बुलाया है, जहां शुक्रवार दोपहर 12:30 बजे से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अनाथ बच्चों के साथ दिवाली मनाएंगे और उनके साथ लंच करेंगे। साथ ही उनसे बातचीत करके उनके हालचाल भी जानेंगे।

इस दौरान सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली, महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश, खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, बाल आयोग के चेयरमैन संगीता बेनीवाल और महिला आयोग की चेयरमैन रेहाना रियाज सहित कई अन्य नेता भी मौजूद रहेंगे।

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना काल के दौरान सामूहिक रूप से दिवाली नहीं मना पाए थे लेकिन इस बार कोरोना की क पहली दूसरी और तीसरी लहर में अनाथ हुए बच्चों के साथ दिवाली मनाने का फैसला लिया है।

मुख्यमंत्री गहलोत बच्चों के साथ दिवाली मनाएंगे और मिठाई और गिफ्ट भी देंगे। इस दौरान सीएम अनाथ हुए बच्चों से उनकी पढ़ाई- लिखाई के बारे में भी जानेंगे। बताया जाता है कि सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग की ओर से तमाम जिलों के कलेक्टर्स को पहले ही इस बारे में निर्देश दिए गए थे कि वो अपने-अपने जिलों में अनाथ हुए बच्चों को मुख्यमंत्री के साथ दिवाली कार्यक्रम में शरीक होने के लिए आमंत्रित करें, इसके साथ ही बच्चों के केयरटेकर को भी दिवाली कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है।

अनाथ हुए बच्चों के पढ़ाई लिखाई का खर्च उठा रही सरकार
कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्चा भी गहलोत सरकार उठा रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से मुख्यमंत्री बाल कल्याण योजना चलाई गई है। योजना के तहत बच्चों के बालिग होने तक उन्हें प्रति में 2500 रुपए प्रतिमाह की सहायता की जाती है। साथ 12वीं तक की शिक्षा आवासीय विद्यालय या छात्रावास के जरिए दी जा रही है।

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