जनमानस शेखावाटी संवाददाता : सुभाष चंद्र चौबदार
झुंझुनूं : शेखावाटी में शादी हो और बेटा-बेटी एक समान का संदेश देने वाली तस्वीर सामने ना आए ऐसा अब नहीं हो सकता. बेटियों को बराबर का दर्जा देने में हमेशा अग्रणी रहने वाले झुंझुनूं की बेटी का एक बार फिर सपना पूरा हुआ है. यह बेटी बलवंतपुरा गांव की कोमल है. जिसके सपने पूरे करने में परिवार ने हमेशा साथ दिया.
कोमल का सपना था कि वह शादी के वक्त बेटों की तरह घोड़ी पर बैठे तो यह सपना भी कोमल की मां सुमित्रा देवी ने पूरा किया है. कोमल की जब बिन्दौरी निकाली गई तो डीजे पर परिवार के सदस्य भी अपने आपको रोक नहीं पाए. सभी ने जमकर डांस किया. घोड़ी पर बैठी कोमल ने भी ठुमके लगाए. कोमल ने कहा कि बचपन से लेकर आज तक उसके परिवार ने उसके हर सपने को पूरा करवाया है.
कोमल ने कहा कि आज बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है. झुंझुनूं समेत शेखावाटी में बेटियों की बिन्दौरी से पूरा देश जान गया है कि शेखावाटी में बेटा-बेटी एक समान है. बेटी को घोड़ी पर बिंदौरी निकालने पर सुमित्रा देवी ने बताया कि शिक्षित समाज में बेटा और बेटी एक समान है.
उन्होंने कहा कि आज के वर्तमान समय में बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं होना चाहिए. विशेषकर झुंझुनूं जिले में जहां लाखों लोगों ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शपथ ली हो वहां पर बेटी की घोड़ी पर बिंदौरी निकालना सबसे बड़ा कार्य है.