बूंदी : एक कलयुगी मामा ने रिश्तों को शर्मसार करते हुए अपनी ही नाबालिग भांजी को हवस का शिकार बना दिया। नाबालिग के प्रेग्नेंट होने पर उसको गर्भ निरोधक गोलियां खिला दी। इससे ज्यादा ब्लीडिंग होने और तबीयत बिगड़ने पर नाबालिग को अस्पताल में भर्ती कराया तब मामले का खुलासा हुआ। मामला बूंदी जिले के बसोली थाना क्षेत्र के एक गांव का है। फिलहाल पीड़िता बाल कल्याण समिति की देखरेख में है, जबकि आरोपी मामा फरार है।
बसोली थानाधिकारी घनश्याम जाट ने बताया कि थाना क्षेत्र के एक गांव में रिश्तों को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। बचपन से ननिहाल में रह रही एक 14 वर्षीय भांजी से कलयुगी मामा द्वारा दुष्कर्म किया जा रहा था। बच्ची के गर्भवती हो जाने के बाद यह सच्चाई सामने आई है। नाबालिग के प्रेग्नेंट होने पर गर्भ निरोधक गोली देने की बात सामने आई है। इससे उसके ज्यादा ब्लीडिंग शुरू हो गई। इस पर परिजनों ने उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल मे भर्ती करवाया था। तब वह दो माह के गर्भ से थी।
इस पर अस्पताल प्रशासन ने इसकी सूचना बसोली पुलिस और बूंदी बाल कल्याण समिति को दी। पुलिस और बाल कल्याण समिति की टीम ने पीड़िता से घटना के संबंध में जानकारी ली है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़िता द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर मुकदमा दर्ज किया है। घटना के खुलासे के बाद से आरोपी मामा फरार हो गया उसकी तलाश की जा रही है।
आरोपी मामा का होने वाला था विवाह
थानाधिकारी घनश्याम जाट के अनुसार नाबालिग भीलवाड़ा जिले की रहने वाली है, लेकिन वह तीन वर्ष की आयु से अपने ननिहाल में रह रही थी। इसी बीच वह कुंवारे आरोपी मामा की हवस का शिकार हो गई। आरोपी मामा का भी विवाह होना वाला था। परिजनों ने आटा साटा प्रथा के तहत रिश्ता कर दिया था। जिस परिवार में मामा की शादी होनी थी, उसी परिवार में पीड़िता की भी शादी की बात चल रही थी। इससे पहले ही आरोपी मामा ने रिश्तों को तार-तार कर अपनी नाबालिग भांजी को हवस का शिकार बना दिया।
गर्भ निरोधक दवा से बिगड़ी तबीयत
पीड़िता का इलाज कर रहे डॉक्टर ने बताया कि आरोपी ने पीड़िता को गर्भ निरोधक गोलियां खिलाई थी। इसके कारण उसकी तबीयत बिगड़ गई। पेट दर्द के साथ ही ब्लीडिंग होने लगी। डॉक्टर के अनुसार कुछ देर और हो जाती तो फिर पीड़िता की जान पर संकट खड़ा हो सकता था। पीड़िता की हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल लाए थे। यहां उसका इलाज किया जा रहा है।
पीड़िता की सेहत पर फोकस
बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सीमा पोद्दार ने बताया कि अभी हमारा फोकस पीड़िता के इलाज पर है। उसे ब्लीडिंग ज्यादा हो रही थी। इसलिए उसका इलाज जरूरी था। पीड़िता अभी डरी हुई है। उसकी मां भीलवाड़ा जिले से आई है उसने भी ज्यादा कुछ कहने से मना कर दिया है। कुछ सैंपल डीएनए टेस्ट के लिए भेजे हैं। जांच आने पर ही पूरे मामले का खुलासा होगा। प्रथम दृष्टया मामला मामा द्वारा ही पीड़िता को हवस का शिकार बनाने का सामने आया है।
मामा के खिलाफ मामला दर्ज
हिंडोली सीईओ सज्जन सिंह ने बताया कि पीड़िता का ननिहाल बसौली थाना क्षेत्र में है, जबकि वह मूल रूप से भीलवाड़ा जिले की रहने वाली है। शनिवार को हॉस्पिटल में एडमिट हुई थी तब मामले का खुलासा हुआ। इस सूचना के आधार पर बसोली पुलिस अस्पताल में पहुंची और पीड़िता के बयान के आधार पर ननिहाल पक्ष के एक सदस्य (मामा) के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। पीड़िता का मेडिकल करवाया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।