लाखों रुपयों की कीमत अबरार का ईमान ना खरीद पाई । बीस हजार अमरीकी डॉलर लौटाकर दिया ईमानदारी का परिचय ।
पैसों के सामने बड़े-बड़ों का ईमान डोल जाता है लेकिन सऊदी अरब में मक्का शहर में एक लॉन्ड्री में कार्यरत भारतीय कर्मचारी अबरार खोकर ने ईमानदारी की मिसाल कायम कर विदेश में भारत का मान बढ़ाया है।
UAE : हम आए दिन ईमानदारी की गाथा सुनते रहते हैं , इसी कड़ी में महनसर (झुंझुनूं) निवासी अबरार ने भी एक ईमानदारी की मिसाल कायम करके दिखाई है। पैसों के सामने बड़े-बड़ों का ईमान डोल जाता है लेकिन सऊदी अरब में मक्का शहर में एक अल-राहदेन लॉन्ड्री कंपनी में कार्यरत भारतीय कर्मचारी अबरार खोकर ने ईमानदारी की मिसाल कायम कर विदेश में भारत का मान बढ़ाया है। अबरार ने ग्राहक के कपड़ों के साथ आए करीब 17 लाख रुपए लौटा दिए। लॉन्ड्री कंपनी के मालिक ने अबरार को पुरस्कृत करते हुए कंपनी की सभी 89 शाखाओं में उसकी ईमानदारी की कहानी को नोटिस बोर्ड पर लगवाया।
दरअसल अबरार पिछले 19 साल से मक्का शहर की एक लॉन्ड्री कंपनी में कैशियर के पद पर कार्य कर रहा है। 12 फरवरी को लॉन्ड्री में सऊदी अरब के वल हसन मुतवल्ली हिजाजी ने कपड़े धुलाई के लिए दिए। अबरार ने धुलाई के कपड़ों को थैले में से निकाला तो वह देखकर हैरान रह गया। ग्राहक के कपड़ों के थैले में 20000 हजार अमीरकन डॉलर (भारतीय मुद्रा में 16,62000 रुपए) थे। अबरार ने यह रुपए अपने पास रख लिए और शाम तक ग्राहक का इंतजार किया। इसके बाद कंपनी के मालिक को रुपए की जानकारी दी। इस पर कंपनी मालिक ने ग्राहक को बुलाया और उसके 20,000 यूएस डॉलर वापस सौंप दिए। ग्राहक हिजाजी ने भी चॉकलेट और मिठाई देकर अबरार का शुक्रिया अदा किया।
भारतीय श्रमिकों की सबसे अलग छवि
अबरार ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि जब हम विदेश में होते हैं तो हमारे हर अच्छे-बुरे काम का असर केवल हम पर ही नहीं हमारे देश की साख पर भी पड़ता है। देश से बाहर नौकरी के दौरान ईमानदारी और वफादारी जरूरी है। यही कारण है कि सऊदी अरब में भारतीय श्रमिकों और प्रोफेशनल्स की छवि बेहतर है।
89 ब्रांचों में हुई ईमानदारी की तारीफ
सऊदी अरब के प्रमुख शहरों में कंपनी की 89 ब्रांच हैं। सभी शाखाओं मे जब इसकी जानकारी मिली तो वहां के अधिकारियों और कर्मचारियों ने अबरार खोकर की तारीफ करते हुए कहा कि हमें फक्र है कि अबरार जैसे ईमानदार कर्मचारियों कंपनी में काम करते हैं।