झुंझुंनू : झुंझुनूं में यमुना नहर के मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है। किसानां के द्वारा जिलेभर में एक दर्जन से अधिक गांवो में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। शुक्रवार को सुल्ताना, किढ़वाना, शिमला, लालचौक समेत कई गांवों में धरना देकर विरोध जताया गया। यमुना जल महासंघर्ष समिति के प्रवक्ता रामचंद्र कुल्हरि ने बताया कि 1994 में यमुना नहर लाने के लिए समझौता हुआ था, परंतु आज तक पानी नही मिल पाया। कांग्रेस और बीजेपी सरकार ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते हुए 30 साल निकाल दिए। 1994 ये मुद्दा अटका हुआ है। जिले में पानी की भारी किल्लत है, पीने के पानी का टोटा है, अब दोनां जगह भाजपा की सरकार है। इसलिए जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए ये कर्तव्य बनता है कि यमुना नहर जल समझौते को जल्द से जल्द लागू किया जाए। उन्हांने कहा यमुना नहर के पानी को लेकर 5 फरवरी को ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। 12 फरवरी को झुंझुंनू में मुख्यालय पर विशाल सभा तथा प्रदर्शन किया जाएगा।
शुक्रवार को धरने में मोहर सिंह सोलाना, राजवीर, राजपाल शेखावत, बनवारीलाल, सतपाल चाहर, घीसाराम, अनिल, दलीप, बनवारी झाबर, कल्याण सिंह, शीशराम सैनी, महेश चाहर, सौरभ करण, जयसिंह, महेन्द्र,कपिल, प्रभु, गुगनराम, पूर्णाराम, दडकां, सावित्री, गोमती, जगराम समेत बड़ी संख्या में किसान धरना प्रदर्शन शामिल हुए।