30 दिन बाद भी किसानों की नहीं टूटी आश, यमुना नहर के पानी की मांग को लेकर दे रहे धरना
जिले को यमुना नहर का पानी दिलवाने की मांग को लेकर लाल चौक बस स्टैंड पर 2 जनवरी से किसानों द्वारा धरना दिया जा रहा है. 30 दिन बीत जाने के बाद भी किसानों की उम्मीद अभी भी नहर के पानी पर टिकी हुई है.

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : आज़ाद अहमद खान
झुंझुनूं : जिले को यमुना नहर का पानी दिलवाने की मांग को लेकर सिंघाना रोड स्थित लाल चौक बस स्टैंड पर ग्रामीण किसान बीत 30 दिनों से धरना दे रहे हैं. जिले के अधिकतर ग्रामीण अपने जीवन व्यापन के लिए खेती पर ही निर्भर है. ऐसे में यदि जिले को यमुना नहर का पानी नहीं दिया गया, तो काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
धरने पर बैठे ग्रामीण और किसानों ने बताया कि 1994 के जल समझौते के मुताबिक ताजा वाला हैड से शेखावाटी भूभाग सहित झुंझुनूं जिले को उसके हक का पानी नहीं मिलने के बाद अब किसान यमुना नहर के पानी की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. उन्होंने बताया कि जिले में लगातार भूजल स्तर गिरता जा रहा है. गिरते भूजल स्तर के कारण किसानों की आय का जरिया खेती अब खत्म होने लगी है. ऐसे में उनकी उम्मीद अब नहर के पानी पर ही टिकी हुई है. उन्होंने कहा कि अगर जिले को जल्द नहर का पानी नहीं मिलता है, तो किसानों को पलायन करना पड़ेगा. ऐसे में किसानों ने राज्य सरकार से जल्द यमुना नहर का पानी दिलवाने की मांग की है.
तीन दशको से सझौते को लेकर नहीं की गई कोई कार्रवाई
बता दें कि यमुना नहर के पानी की मांग को लेकर जिले के विभिन्न गांवों में धरना दिया जा रहा है. वहीं, जिले के सिंघाना रोड स्थित लाल चौक बस स्टैंड पर 2 जनवरी 2024 से किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसके बावजूद अभी तक प्रशासन की तरफ से इस समस्या को लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है. दरअसल, साल 1994 में एक समझौता किया गया था कि झुंझुनूं जिले को यमुना नहर का पानी दिया जाएगा, लेकिन पिछले तीन दशकों से कई सरकारें बदलीं, लेकिन अभी तक जिले को समझौते अनुसार पानी नहीं मिल पाया है.