मिर्ज़ा ग़ालिब पर लोहिया कॉलेज में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन।
मिर्ज़ा ग़ालिब पर लोहिया कॉलेज में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन।

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : अंसार मुज़्तर
चूरू : राजकीय लोहिया महाविद्यालय चूरू के उर्दू विभाग की ओर से 27 जनवरी शनिचर को मिर्ज़ा ग़ालिब पर एक दिवसीय सेमिनार “ग़ालिब गदर के पसमंजर में, ” विषय पर आयोजित किया गया। सेमिनार का आगाज मौलाना जमील अख्तर ने कुरआन की आयतों से किया और अतिथियों ने माँ सरस्वती को पुष्प अर्पित कर किया। असि प्रोफेसर मोहम्मद जावेद खान और डॉ शमशाद अली ने अतिथियों की गुलपोशी की और गुलदस्ता पेश कर उनका इस्तकबाल किया।असि प्रोफेसर डाॅ. शमशाद अली ने गालिब की गदर के दौरान की जिंदगी पर अपना रिसर्च पेपर प्रस्तुत करते हुए कहा कि गालिब ने मुश्किल हालात में भी लेखन कार्य को ज़ारी रखा और फारसी किताब ‘दस्तंबू’ लिखकर 1857 के हालात से हमें रुशनास कराया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसीबी झुंझुनू इस्माइल खान थे। उन्होंने गालिब की शायरी के माध्यम से 1857 की प्रथम जंगे आजादी के दौर में जिसे अंग्रेज़ों ने गदर का नाम दिया था, गालिब के साहित्यिक कारनामों पर गुफ्तगु की। इस अवसर पर उर्दू डिपार्टमेंट को फर्नीचर उपलब्ध करवाने पर मोमेंटो देकर इस्माइल खान का लोहिया महाविद्यालय की ओर से सम्मान भी किया गया।
हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है।
तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तुगू क्या है।
उर्दू सेमिनार के मुख्य वक्ता प्रोफेसर एस डी सोनी ने गालिब की अदबी जिंदगी पर तफ़्सील से रोशनी डालते हुए कहा कि ग़ालिब के खतों के माध्यम से हम प्रथम स्वतंत्रता संग्राम और गालिब को बखूबी समझ सकते हैं। उन्होंने गालिब को भारत की अनमोल धरोहर बताते हुए कहा कि ऐसे शायर सदियों में जन्म लेते हैं। प्राचार्य डाॅ जे बी खान ने कहा कि उर्दू भाषा और साहित्य के विकास के लिए इस प्रकार के सेमिनार आयोजित कर उर्दू विभाग सराहनीय कार्य कर रहा है।
उर्दू विभागाध्यक्ष मोहम्मद जावेद खान ने गालिब की अदबी काविशों को उर्दू के लिए बे बहा गौहर बताते हुए अपना रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया और अतिथियों का आभार भी व्यक्त किया।
इस अवसर पर शाहरुख खान, मोहम्मद शफीक आदि ने भी अपने रिसर्च पेपर प्रस्तुत किये। सेमिनार में बड़ी तादाद में उर्दू विद्यार्थी मौजूद रहे। सेमिनार को सफल बनाने में फैसल खान, आफताब आलम, हारून, आसमा, जुनैद, सरोज आदि ने सराहनीय योगदान दिया।