अपराध की दुनिया छोड़कर रोजगार करना चाहते कैदी:BA MA और लॉ की कर रहे पढ़ाई, जेल के अंदर होता सेंटर
अपराध की दुनिया छोड़कर रोजगार करना चाहते कैदी:BA MA और लॉ की कर रहे पढ़ाई, जेल के अंदर होता सेंटर

जोधपुर : जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद कैदी अपने गुनाह की सजा काटने के साथ ही पढ़ाई भी कर रहे हैं। हर दिन पांच घंटे अनुशासित स्टूडेंट की तरह किताबों के साथ नजर आते है। बीए, एमए, लॉ के साथ ही अन्य परीक्षा की तैयारी कर रहे ये कैदी अपराध की दुनिया को छोड़कर रिहाई के बाद आत्मनिर्भर होकर जीवन गुजारना चाहते हैं।
सेंट्रल जेल में वर्तमान में 348 बंदियों ने पढ़ाई के लिए फॉर्म भरा था। जिसमें से 142 कैदी परीक्षा दे रहे हैं। जेल में कैदियों की पढ़ाई का पूरा इंतजाम जेल प्रशासन करता है। कैदियों को बाहर जाने की अनुमति नहीं रहती।

इग्नु के सहयोग से करवाए जा रहे सभी कोर्स
ये कैदी लॉ, आपदा प्रबंधन, भोजन व पोषण, एनजीओ प्रबंधन, बीए, एमए आदि की पढ़ाई कर रहे हैं। इसके अलावा कई कैदी कम्पयूटर का कोर्स भी कर रहे है। जेल में सभी कोर्स इग्नु के सहयोग से करवाए जा रहे हैं। कैदी बीए, एमए के अलावा कई सार्टिफाइड कोर्स भी कर रहे हैं। मेल कैदियों के साथ 34 महिला बंदी भी शामिल है।
जेल के अंदर ही होता सेंटर
वरिष्ठ जेल अधीक्षक राजपाल सिंह ने बताया कि एक आईटीआई का कोर्स भी करवाया जा रहा है। इसके लिए जेल में ही सेंटर बना हुआ है। सभी प्रकार की परीक्षा जेल में ही होती है। हर साल इस तरह से बंदियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। यहां से कई बंदियों ने परीक्षाएं देकर शिक्षा अर्जित की है। इसका उद्देश्य है कि उनका भविष्य सुनहरा हो और उन्हें रोजगार मिल सकें। इसी को ध्यान में रखते हुए सुधारात्मक गतिविधियों के तहत बंदियों को यह पढ़ाई करवाई जा रही है। जिससे अपने जीवन में बंदी सुधार कर सकें और अपराध जगत में वापस नहीं आए।

अपराध की दुनिया छोड़कर रोजगार करना चाहते कैदी
वरिष्ठ जेल अधीक्षक का कहना है कि कई कैदी सजा पूरी होने के बाद खुद का रोजगार शुरू करना चाहते हैं। अपराध जगत की दुनिया से बाहर आकर एक नई जिंदगी जीने के उद्देश्य के साथ इन कैदियों को पढ़ाई करवाई जा रही है। कम्पयूटर की पढ़ाई कर खुद का काम भी शुरू करना चाहते हैं। जेल में इन कैदियों को किताबें सहित शिक्षण सामग्री जेल प्रशासन की और से ही उपलब्ध करवाई जाती है। बैरकवार क्लास भी लगाई जा रही है।
जेल में बंद कैदी कमलेश ने बताया कि वो 6 साल से जेल में सजा काट रहे हैं। जेल प्रशासन की ओर से कैदियों के लिए कई तरह के कोर्स चलाए जा रहे हैं। इसी में इग्नू की ओर से हमें विभिन्न प्रकार के डिग्री और सर्टिफिकेट कोर्स भी करवाए जा रहे हैं। यहां पर आईटीआई का कोर्स भी चलाया जा रहा है। जिसमें मैंने दो कोर्स किए हैं। इसमें कारपेंटर और कंप्यूटर का कोर्स भी शामिल है। जिंदगी में पढ़ाई की वजह से आगे सुधरने का मौका मिल रहा है ।
वहीं 1996 से जेल में सजा काट रहे एक कैदी ने 6 डिग्री कोर्स पूरे किए हैं । कैदी ने जेल में रहकर ही आपदा प्रबंधन, भोजन एवं पोषण, पर्यटन, मानव अधिकार पर डिप्लोमा कोर्स भी कर चुके हैं। इसके अलावा फ़िटर ट्रेड में ITI भी कर चुके हैं। वर्तमान में कंप्यूटर का कोर्स कर कर रहे हैं। उन्होंने जेल प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे कोर्स की सराहना की।
जेल में हाल ही में हुई थी भागवत कथा
बता दें की जेल प्रशासन की ओर से कैदियों के लिए सुधारात्मक गतिविधियों के तहत कई तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं। इसी कड़ी में जेल में 7 से 14 जनवरी तक श्रीमद भागवत कथा भी करवाई गई। जिसमें मथुरा के जुगल किशोर महाराज ने कैदियों को भागवत कथा सुनाई। इसमें बड़ी संख्या में जेल के कैदियों ने हिस्सा लिया।