[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

मुख्यमंत्री बनने के डेढ़ माह बाद राजे से मिले भजनलाल:राजे आवास पर पहुंचकर की मुलाकात, रिश्ते सामान्य करने की कोशिश


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
जयपुरटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

मुख्यमंत्री बनने के डेढ़ माह बाद राजे से मिले भजनलाल:राजे आवास पर पहुंचकर की मुलाकात, रिश्ते सामान्य करने की कोशिश

मुख्यमंत्री बनने के डेढ़ माह बाद राजे से मिले भजनलाल:राजे आवास पर पहुंचकर की मुलाकात, रिश्ते सामान्य करने की कोशिश

जयपुर : मुख्यमंत्री बनने के करीब डेढ़ महीने बाद आज सीएम भजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मिलने उनके सरकारी आवास पर पहुंचे। सीएम भजनलाल करीब 35 मिनट तक राजे आवास में रहे। दोनों के बीच हुई इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे है।

लेकिन सबसे दिलचस्प बात इनकी मुलाकात की टाइमिंग हैं। गुरुवार को पीएम मोदी जयपुर आए थे। एयरपोर्ट पर सीएम भजनलाल शर्मा औऱ पूर्व सीएम राजे एयरपोर्ट पर मौजूद थी।

वहीं इसके अगले दिन सीएम भजनलाल शर्मा का राजे से मिलने पहुंचना, दिल्ली से मिले किसी मैसेज का भी इशारा माना जा रहा हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सीएम बनने के बाद भजनलाल शर्मा शिष्टाचार के नाते भी राजे से मिलने नहीं आए थे।

पीएम मोदी जब गुरुवार को जयपुर आए थे, तब वसुंधरा राजे ने उनका एयरपोर्ट पर स्वागत किया था।
पीएम मोदी जब गुरुवार को जयपुर आए थे, तब वसुंधरा राजे ने उनका एयरपोर्ट पर स्वागत किया था।

रिश्ते समान्य कोशिश करने की कोशिश
सीएम भजनलाल शर्मा की वसुंधरा राजे से मुलाकात को आपसी रिश्ते सामान्य करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि जब से भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री बने है। तभी से वसुंधरा राजे ने सरकारी व पार्टी के कार्यक्रमों से पूरी तरह से किनारा कर लिया था। कार्यक्रमों में नहीं जाकर राजे लगातार अपनी नाराज़गी जता रही हैं।

यहां तक की भजनलाल सरकार के मंत्रिमण्डल विस्तार, पीएम मोदी के विधायक व पार्टी पदाधिकारियों के साथ डिनर कार्यक्रम, लोकसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर दिल्ली रोड पर आयोजित हुई चुनिंदा नेताओं की बैठक में भी राजे शामिल नहीं हुई।

वहीं अब सामने लोकसभा चुनाव हैं। ऐसे में वसुंधरा राजे की नाराज़गी पार्टी को भारी पड़ सकती हैं। सरकार बनने के बाद से ही फैसले लेने में हो रही देरी से भजनलाल सरकार की नेगेटिव छवि जा रही हैं। विधानसभा में भी पहले दिन सरकार का फ्लोर मैनेजमेंट कमजोर साबित हुआ। मंत्री विपक्ष के सवालों का ठीक से जवाब नहीं दे पाए। वहीं वसुंधरा गुट के विधायक इस स्थिति में न्यूट्रल भूमिका में ही बने रहे। ऐसे में राजे को साधना पार्टी के लिए काफी जरूरी हो गया हैं।

राजे को लोकसभा चुनावों में भी नहीं मिली कोई जिम्मेदारी
वसुंधरा राजे बीजेपी के वरिष्ठ औऱ करिश्माई नेताओं में शामिल हैं। प्रदेश बीजेपी में वो एक मात्र चेहरा है। जो लोकसभा चुनावों की कमान सबसे बेहतर तरीके से संभाल सकती थी। लेकिन पार्टी ने अभी तक उन्हें लोकसभा चुनावों की कोई जिम्मेदारी नहीं दी हैं।

पार्टी ने प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों को 8 कलस्टर में बांटकर उनके कलस्टर प्रभारी नियुक्त किए हैं। लेकिन इसमें भी राजे समर्थक किसी नेता को कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई हैं।

Related Articles