I.N.D.I Alliance: पश्चिम बंगाल और पंजाब के बाद अब यहां टूटेगा गठबंधन! क्या पहले से ही लिखी गई है पटकथा?
गठबंधन से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ने के ममता बनर्जी के फैसले पर कांग्रेस पार्टी मान मनौवल की मुद्रा में है। कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि लंबे रास्ते में स्पीड ब्रेकर आते हैं। लेकिन ममता बनर्जी और टीएमसी के बिना गठबंधन की कल्पना नहीं की जा सकती। वे इंडिया गठबंधन का अहम हिस्सा हैं...

I.N.D.I Alliance: ममता बनर्जी के गठबंधन से अलग चुनाव लड़ने के बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी ने भी इसी तरह का फैसला लिया है। दो राज्यों में गठबंधन से अलग होकर विपक्षी दलों के प्रमुख सहयोगियों के इस फैसले से देश की सियासत में उफान आ गया है। सियासी गलियारों में अब चर्चा इस बात की सबसे ज्यादा हो रही है पंजाब और पश्चिम बंगाल के बाद तीसरा राज्य कौन होगा जहां पर गठबंधन के सहयोगी अलग चुनाव लड़ेंगे। गठबंधन में शामिल सूत्रों की मानें, तो इन दो राज्यों के बाद केरल एक ऐसा राज्य होने वाला है जहां पर गठबंधन से अलग होकर बंगाल और पंजाब की तरह ही सियासी फाइट होने वाली है। हालांकि राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जिन राज्यों में गठबंधन को लेकर सियासी हलचल मचने की उम्मीद थी, गठबंधन वहीं पर अलग-अलग चुनाव लड़ रहा है।
देश के सियासत में बड़ा उफान तब आया, जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ने की घोषणा की। उसके थोड़ी देर बाद पंजाब में भी गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ने की बात सामने आई। सियासी जानकारों का कहना है कि पश्चिम बंगाल और पंजाब में जिस तरीके का फैसला हुआ है, वह कोई अप्रत्याशित फैसला नहीं है। राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार दामोदर बनर्जी कहते हैं कि गठबंधन में शुरुआत से ही यह चर्चा हो रही थी कि गठबंधन में कुछ ऐसे दल और राज्य हैं, जहां पर फ्रेंडली फाइट की संभावनाएं बन रही है। पश्चिम बंगाल समेत पंजाब और दक्षिण में केरल माना जा रहा था। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अभी पश्चिम बंगाल और पंजाब से अलग-अलग चुनाव लड़ने की जानकारी आई है। जानकारों की मानें तो इसी तरीके का फैसला केरल से भी आ सकता है।
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक एन. सुदर्शन कहते हैं कि गठबंधन में वामदलों का केरल एक ऐसा राज्य है, जो कि विपक्षियों के साथ शामिल तो है, लेकिन उसकी सत्ता में मजबूती इस वक्त इसी राज्य में है। ऐसे में माना यही जा रहा था कि लेफ्ट अपनी सियासत को कांग्रेस के साथ मिलकर इस राज्य में आगे नहीं बढ़ा सकता। वह कहते हैं अभी तक केरल को लेकर गठबंधन में सीटों के लिहाज से भी कोई फैसला नहीं हुआ है। लेकिन अनुमान यही लगाया जा रहा है कि इस राज्य में भी पश्चिम बंगाल और पंजाब की तरह ही गठबंधन में शामिल प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के साथ फ्रेंडली फाइट हो सकती है। हालांकि गठबंधन में शामिल एक प्रमुख वरिष्ठ नेता का मानना है कि 31 जनवरी तक सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर काम करते हुए गठबंधन में शामिल सभी दलों को सीटों का बंटवारा कर दिया जाएगा।