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R-Day Parade: ‘यह सात करोड़ कन्नड़ लोगों का अपमान’, कर्नाटक की झांकी शामिल ना होने पर केंद्र पर बरसे सीएम


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R-Day Parade: ‘यह सात करोड़ कन्नड़ लोगों का अपमान’, कर्नाटक की झांकी शामिल ना होने पर केंद्र पर बरसे सीएम

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 'यह प्रतिशोध का मोदी मंत्र है। वह अभी तक मई 2023 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली हार को भूले नहीं हैं।'

R-Day Parade: कांग्रेस ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर प्रतिशोध की राजनीति करने के आरोप लगाए। दरअसल इस साल गणतंत्र दिवस की परेड में कर्नाटक की झांकी को शामिल नहीं किया गया है। इसे लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। सीएम ने सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा कि केंद्र ने कर्नाटक की झांकी को इसलिए गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल नहीं किया है क्योंकि कर्नाटक में अभी कांग्रेस की सरकार है।

जयराम रमेश ने केंद्र सरकार को घेरा
सिद्धारमैया की पोस्ट पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ‘यह प्रतिशोध का मोदी मंत्र है। वह अभी तक मई 2023 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली हार को भूले नहीं हैं। वह असल में एक छोटे व्यक्ति हैं।’ सिद्धारमैया ने बताया कि इस साल कर्नाटक की झांकी में मैसूर के राजा नलवाडी कृष्णराजा वडियार के साथ,  रानी लक्ष्मीबाई की तरह अंग्रेजों से लड़ने वाली रानी चेनम्मा और बेंगलूरू के संस्थापक नादप्रभु केम्पगौड़ा के जीवन को प्रदर्शित करने का प्रस्ताव था। सिद्धारमैया ने अपने पोस्ट में लिखा कि ‘केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की झांकी में कर्नाटक की झांकी को शामिल ना करके सात करोड़ कन्नड़ लोगों का अपमान किया है।’

मुख्यमंत्री ने बताया कन्नड़ लोगों का अपमान
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘बीते साल भी कर्नाटक को ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा था, जब केंद्र सरकार ने शुरुआत में कर्नाटक की झांकी को शामिल करने से मना कर दिया था, लेकिन बाद में विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए झांकी को शामिल करने की मंजूरी दे दी थी। इस बार केंद्र सरकार ने फिर से कन्नड़ लोगों के अपमान का ट्रेंड जारी रखा है। कर्नाटक से झांकी के लिए कई प्रस्ताव भेजे गए थे लेकिन केंद्र सरकार ने सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया।’ सिद्धारमैया ने लिखा कि ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा कर्नाटक के सांसद भी इस अन्याय पर चुप हैं। वह नरेंद्र मोदी की कठपुतली बन गए हैं। वह किसके हितैषी हैं? कन्नड़ लोगों के या फिर नरेंद्र मोदी के?’

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