बचा लो सर, अफसरों ने फोर्स को खोखला कर दिया:BSF जवान के नाम से सुसाइड नोट; बेटा बोला- जांच में सच निकला तो कोर्ट जाएंगे
बचा लो सर, अफसरों ने फोर्स को खोखला कर दिया:BSF जवान के नाम से सुसाइड नोट; बेटा बोला- जांच में सच निकला तो कोर्ट जाएंगे

बचा लो सर..खोखला कर दिया है इन अधिकारियों ने फोर्स को..आपके पैसों की बरबादी अलग से कर रहे हैं..सेवादार, वीआईपी रहन-सहन…गाड़ियों की फिजूलखर्ची..भ्रष्टाचार..खरीद-फरोख्त और फिर जवानों को तंग करना..माफी चाहता हूं मरने के लिए– आपका फौजी
BSF के एक जवान के नाम से एक सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। यह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नाम लिखा गया है। जिस जवान के नाम से यह लिखा गया है उसकी 29 दिसंबर को मौत हो गई थी। सेना के अधिकारियों से इसे सुसाइड बताया था, जबकि परिवार का दावा था कि गन की सर्विस के दौरान गोली चलने से मौत हुई। कथित सुसाइड नोट में BSF के दो अधिकारियों पर तंग करने के संगीन आरोप लगाए हैं।
पंजाब के फिरोजपुर में 155 बटालियन में हेड कॉन्स्टेबल मांगीलाल का 29 दिसंबर को ड्यूटी के दौरान निधन हो गया था। 31 दिसंबर रविवार को पार्थिव शरीर भीमसर गांव पहुंचा और अंतिम संस्कार कर दिया गया था। अब मांगीलाल के नाम से यह सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
सबसे पहले वह सुसाइड नोट जो जवान मांगीलाल का बताया जा रहा है। जनमानस शेखावती न्यूज़ इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।
बेटा बोला- सुसाइड नोट की जांच कराएंगे, सच निकला तो कोर्ट जाएंगे
मांगीलाल के बेटे राजेश ने सुसाइड नोट को लेकर कहा- इस सुसाइड नोट के बारे में हमें ज्यादा जानकारी नहीं है। हमारे पास भी आया है और हमारी जानकारी में भी आया। हम इस सुसाइड नोट की एफएसएल से जांच करवाएंगे। इसकी पुष्टि करवाएंगे। बैंक से डॉक्यूमेंट निकलवा रहे हैं। पापा के बैंक में जो हस्ताक्षर हैं उनका मिलान करवाया जाएगा। अगर यह मेरे पिताजी का लिखा हुआ ही सुसाइड नोट है तो हम आरोपी बीएसएफ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बीएसएफ के उच्च अधिकारियों से मिलेंगे और कोर्ट भी जाएंगे। अभी यह नहीं कह सकते कि यह सुसाइड नोट पिताजी का ही लिखा हुआ है।

SDM को मिली थी सुसाइड की सूचना
जवान मांगीलाल डेढ़ महीना पहले ही घर पर छुट्टी बिताकर गए थे। मंडावा एसडीएम प्रकाश चंदेलिया के पास सेना का लेटर आया था। इसी लेटर में जवान मांंगीलाल के सुसाइड करने की बात लिखी थी। परिवार ने इस बात को मानने से इनकार किया था। बेटे का कहना था कि राइफल की सर्विस के दौरान गोली चरने से निधन हुआ।
जवान मांगीलाल के बेटे राजेश ने कहा था- 29 दिसंबर सुबह जानकारी की मिली थी पिता का निधन हो गया। हमें न तो पोस्टमॉर्टम के समय बुलाया, न ही पार्थिव देह को लाने का रास्ता बताया। पार्थिव शरीर आया तो सेना के अधिकारी लगातार गुमराह करते रहे। पहले बोले राजगढ़ थाने पहुंचाई है, फिर कहा झुंझुनूं के मंडावा मोड़ पहुंचा दी। पार्थिव शरीर घर के पास पहुंचने पर हमें बताया। हम ससम्मान लेकर आते।

6 घंटे वार्ता के बाद बनी सहमति
पार्थिव शरीर भीसमर पहुंचने के बाद परिजन नाराज हो गए। करीब 6 घंटे की वार्ता के बाद मौत की फोरेंसिक जांच, परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी व 50 लाख के मुआवजे पर सहमति बनी। इसके बाद तिरंगा यात्रा निकाली गई। अंतिम संस्कार किया गया। बेटे राजेश ने मुखाग्नि दी थी। प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे।
सोशल मीडिया के जरिए सामने आए लेटर के बाद हड़कंप मचा है। सेना के दो अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किया जा रहा है। जवान ने पत्र में फोर्स के हालात बयान किए हैं।

फेसबुक आईडी से शेयर किया गया सुसाइड नोट
इस सुसाइड नोट को फेसबुक पर ‘अगले मुख्यमंत्री हनुमान बेनीवाल (आरएलपी)’ के नाम से बने बने पेज पर शेयर किया गया है। इसमें सुसाइड नोट के साथ पोस्ट में लिखा है- झुंझुनूं के भीमसर गांव के जवान मांगीलाल ने बीएसएफ अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर दर्दनाक मौत को गले लगाया और सुसाइड नोट भी छोड़ा। इस पोस्ट को पीएम नरेन्द्र मोदी, पीएमओ इंडिया और हनुमान बेनीवाल को टैग किया गया है।