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पुलिस की लापरवाही; लॉरेंस गैंग ने अप्रैल में विधायक भाकर को दी थी धमकी, 10 से ज्यादा चिट्‌ठी लिखने पर मिली थी सुरक्षा


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पुलिस की लापरवाही; लॉरेंस गैंग ने अप्रैल में विधायक भाकर को दी थी धमकी, 10 से ज्यादा चिट्‌ठी लिखने पर मिली थी सुरक्षा

पुलिस की लापरवाही; लॉरेंस गैंग ने अप्रैल में विधायक भाकर को दी थी धमकी, 10 से ज्यादा चिट्‌ठी लिखने पर मिली थी सुरक्षा

सीकर : श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के विरोध में बुधवार को जिला मुख्यालय सहित जिले के कई इलाके बंद रहे। इस दौरान दुकानों के साथ ही कई कोचिंग संस्थान बंद रहे। आवश्यक सेवाओं की दुकानों को बंद नहीं किया गया। इस दौरान सर्व समाज द्वारा गोगामेड़ी के हत्यारों को जल्द गिरफ्तार कर फांसी की सजा देने की मांग रखी। जल्द गिरफ्तारी न होने पर अनिश्चितकालीन बंद व जयपुर कूच कर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी। इस दौरान श्री राजपूत करणी सेना के जिला प्रभारी सूरजभान चैनपुरा ने कहा कि हत्यारों को फांसी न देने पर राजपूत समाज आने वाली सरकार का शपथ ग्रहण समारोह नहीं होने देगा।

रूपेंद्र सिंह बोची ने कहा कि अपराध पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश में सरकार को सख्त कदम उठाने होंगे। बंद के दौरान राजपूत समाज के जिलाध्यक्ष मदन सिंह गोगावास, सुदर्शन सिंह खुड़ी, विक्रम सिंह वाहिदपुरा, शोभ सिंह अनोखू, प्रभु सिंह सेवद, कुलदीप सिंह सबलपुरा, अजय सिंह पाटोदा, लोकेंद्र सिंह छापोली, दूजोद सरपंच विक्रम सिंह, सांवलोदा सरपंच विजेंद्र सिंह, सिंहासन के पूर्व सरपंच संदीप सिंह, तारपुरा पूर्व सरपंच श्रवण सिंह, गजेंद्र सिंह नाथावतपुरा, कॉमर्स कॉलेज अध्यक्ष सौरभ सिंह, नवरंग सिंह चिराणा, रामसिंह पिपराली, भगवान सिंह घाणा आदि मौजूद रहे। इस बीच दांतारामगढ़, फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़, श्रीमाधोपुर, रींगस सहित जिले के कई इलाकों में बाजार बंद रहे। सर्वसमाज की ओर से शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए। संबंधित समाचार पेज 14 पर सीकर | श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं और वे पुलिस सुरक्षा की मांग कर रहे थे।

राजस्थान पुलिस ने उन्हें सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई और नतीजा ये हुआ कि मंगलवार को जयपुर में दो शूटर्स ने फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी। इस हत्याकांड के बाद हमरी मीडिया टीम ने सुरक्षा उपलब्ध कराने के मामले में पुलिस का रिकॉर्ड खंगाला, तो सामने आया कि पुलिस के आला अधिकारी पहले भी ऐसी लापरवाही बरत चुके हैं। लाडनूं विधायक मुकेश भाकर सहित कुछ जनप्रतिनिधियों ने जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की डिमांड की थी, लेकिन सीएम से लेकर डीजीपी को 10 से ज्यादा पत्र लिखने के बाद ही उन्हें सुरक्षा गार्ड और एस्कॉर्ट दी गई। विधायक मुकेश भाकर ने बताया कि मुझे इस साल 3 अप्रैल को रात 11 बजे लॉरेंस बिश्नोई गैंग की ओर से जान से मारने की धमकी मिली थी। मेरे मोबाइल पर दो अलग-अलग नंबरों से फोन आया। धमकी देने वाले ने खुद को रोहित गोदारा बताया और कहा कि वह मुझे जान से मार देगा। इसके बाद मैंने नागौर एसपी को इसकी जानकारी दी।

स्थानीय पुलिस ने कुछ नहीं किया, तो मुझे सुरक्षा के लिए सीएम व डीजीपी को करीब 10 पत्र लिखने पड़े। कार्रवाई नहीं हुई, तो मैंने कठोर शब्दों में फिर लैटर लिखा, तब जाकर मुझे दो गार्ड उपलब्ध कराए गए। धमकी का मुकदमा दर्ज कराने के बाद पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ा भी था। इधर, सादुलपुर विधायक मनोज न्यांगली को चुनाव से पहले धमकी मिली थी। पुलिस के अफसरों की लापरवाही के कारण उन्हें सीएम से लेकर डीजीपी को करीब 15 चिट्ठियां लिखनी पड़ी। न्यांगली ने बताया कि ढाई महीने पहले राजगढ़ पुलिस की गिरफ्त में आए बदमाश कपिल पंडित व इससे पांच महीने पहले चूरू पुलिस के हाथ लगे लॉरेंस गैंग से जुड़े हरियाणा के बदमाश ने पूछताछ में बताया था कि उनका अगला टारगेट मैं और मेरा भाई नेपू सिंह था। इसके बाद मैंने पुलिस से सुरक्षा मांगी थी। इसके बाद दो पीसीओ व एस्कॉर्ट मिली, लेकिन कुछ समय बाद एस्कॉर्ट हटा ली गई। इसके बाद कई बार एक तो कभी दो पीएसओ या होमगार्ड सुरक्षा में रहे।

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