कांग्रेस ने विधायक जितेंद्र सिंह का टिकट काटकर नए चेहरे मनीषा को उतारा, भाजपा से तीन बार हारे धर्मपाल ही मैदान में, बसपा के मनोज…
कांग्रेस ने विधायक जितेंद्र सिंह का टिकट काटकर नए चेहरे मनीषा को उतारा, भाजपा से तीन बार हारे धर्मपाल ही मैदान में, बसपा के मनोज...

खेतड़ीनगर : विधानसभा चुनाव में इस बार खेतड़ी सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है। यहां बसपा ने मुकाबले को रोचक बना दिया है। भाजपा व कांग्रेस के साथ बसपा ने मुकाबले को रोचक बना दिया है। यहां 2013 में भी बसपा जीत चुकी है। इनके अलावा यहां अन्य कोई मजबूत दावेदार नहीं है। भाजपा ने यहां इंजीनियर धर्मपाल गुर्जर को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने वर्तमान विधायक डॉ. जितेंद्र सिंह का टिकट काटकर नए चेहरे के रूप में प्रधान मनीषा गुर्जर पर भरोसा जताया है। मनीषा पहले भाजपा से टिकट मांग रही थी। लेकिन टिकट उनके चाचा इंजीनियर धर्मपाल गुर्जर को मिल गया। टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस में शामिल होकर टिकट पा लिया। बसपा ने यहां मनोज घुमरिया को टिकट दिया है। तीनों ही प्रत्याशी व उनके कार्यकर्ता इन दिनों चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं।
सीट का ट्रेंड : 1998 के बाद यहां हर बार बदलता है विधायक
यहां से भाजपा-कांग्रेस के साथ बसपा, जनता दल, जनता पार्टी, स्वतंत्र पार्टी व निर्दलीय भी जीत हासिल कर चुके हैं। 1998 के बाद से यहां किसी भी पार्टी का कोई प्रत्याशी लगातार दूसरी बार नहीं जीता। खेतड़ी विधानसभा क्षेत्र में सबसे पहले 1952 में राम राज्य परिषद से रघुवीर सिंह विधायक चुने गए थे। इसके बाद 1957 से दो बार शीशराम ओला जीते। 1977 में जनता पार्टी से मालाराम गुर्जर विधायक बने। इसके बाद वे 1980 व 1985 में भाजपा की टिकट पर जीते। वे एक मात्र ऐसे विधायक थे जो लगातार तीन बार जीते। यहां से 2013 में पहली बार बसपा ने जीत हासिल की थी। 2003 के बाद भाजपा ने जीत दर्ज नहीं की।
अंदरखाने क्या : दोनों ही दलों को भितरघात की आशंका
खेतड़ी सीट पर भाजपा से धर्मपाल गुर्जर को टिकट देने पर पूर्व विधायक दाताराम व उनकी बेटी मनीषा गुर्जर ने खिलाफत शुरू कर दी। हालांकि बाद में मनीषा गुर्जर ने कांग्रेस पार्टी की टिकट हासिल कर ली। ऐसे में कांग्रेस के मौजूदा विधायक डॉ. जितेंद्रसिंह का खेमा खफा हो गया। अब अंदरखाने चर्चा है कि दोनों ही दलों को यहां भितरघात का सामना करना पड़ सकता है।
सीट की स्ट्रेटजी : 17 चुनाव में से 9 बार कांग्रेस तो तीन बार भाजपा जीती
खेतड़ी विधानसभा सीट पर अब तक 18 चुनाव हुए हैं। जिसमें कांग्रेस 9 बार जीत चुकी है, जबकि भाजपा तीन बार जीती है। इनके अलावा स्वतंत्र पार्टी के प्रत्याशी दो बार, राम राज्य परिषद, जनता पार्टी व बसपा एक-एक बार जीत चुकी है। एक निर्दलीय भी जीते हैं। 2013 के चुनाव में बसपा ने दोनों पार्टियों को हराकर जीत हासिल कर ली थी। इसके अलावा 1993 से यहां कांग्रेस व भाजपा में ही मुकाबला रहा है। यहां 1969 व 1988 में उपचुनाव हुए थे। दोनों बार कांग्रेस जीती।
क्षेत्र की सबसे बड़ी मांग : खेतड़ी को जिला बनाने की
क्षेत्र में जिला बनाने का मुद्दा सबसे हावी है। जयपुर स्टेट के समय खेतड़ी दूसरी बड़ी रियासत हुआ करती थी। राज्य सरकार की ओर से बनाए गए नीमकाथाना व कोटपूतली जिला भी खेतड़ी रियासत के अधीन ही आते थे। लेकिन इसके बावजूद खेतड़ी जिला नहीं बना, बल्कि खेतड़ी को नीमकाथाना जिले में शामिल कर दिया गया। इसके साथ ही पानी का मुद्दा भी बड़ा है।
क्या सोच कर वोट देंगे : पार्टी की बजाय चेहरे पर लड़ा जा रहा चुनाव
हरियाणा राज्य की सीमा से लगने वाले क्षेत्र में बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाने, भ्रष्टाचार मिटाने, केंद्र सरकार की नीतियों व राज्य सरकार की योजनाओं की समीक्षा कर मतदान करने के मूड में है। यहां स्थानीय मुद्दे हावी हैं। पार्टियों की बजाय यहां चेहरे पर चुनाव लड़ा जा रहा है।
कास्ट फैक्टर : गुर्जर बाहुल्य सीट
यहां जातिगत फैक्टर हावी रहता है। दोनों ही प्रत्याशी गुर्जर जाति से होने के कारण यहां क्षेत्र का वर्गीकरण कर वोट हासिल किए जाते हैं। गुर्जर बाहुल्य इस सीट पर एससी एसटी, सैनी, राजपूत, जाट के वोट निर्णायक हैं।
जातिगत समीकरण
- गुर्जर : 50,000
- एससी एसटी: 40,000
- राजपूत : 28,000
- सैनी: 25,000
- जाट: 18,000
- ब्राह्मण-महाजन : 22,000
- कुमावत: 15,000
- अन्य : 25,000
बगावत : यहां खुलकर बगावत नहीं है।
सभाओं का असर : यहां कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में सीएम अशोक गहलोत व बसपा प्रत्याशी के समर्थन में बहन मायावती सभा कर चुकी हैं।
महिला वोटर की सोच : महिलाएं इस बार महिला सुरक्षा कानून को सख्त बनाने को लेकर मतदान करने का मानस बना रही हैं।
2018 में हुए चुनाव में वोट मिले
- कांग्रेस के डॉ. जितेंद्र सिंह को -57153
- भाजपा के धर्मपाल गुर्जर को -56196
- बसपा के पूर्णमल सैनी को -35166
इस बार कुल मतदाता : 223093
- पुरुष मतदाता : 118105
- महिला मतदाता : 104988
- सर्विस मतदाता : 4759
- फर्स्ट टाइम वोटर : 10689