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फौजी और किसानों की विरोधी है केंद्र सरकार, अब जवाब देना जरूरी : मलिक


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फौजी और किसानों की विरोधी है केंद्र सरकार, अब जवाब देना जरूरी : मलिक

नवलगढ़ : युवा विकास मंच की ओर से कोलसिया में किसान सम्मेलन हुआ। मुख्य अतिथि पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने झुंझुनूं जिले को नमन करते हुए कहा कि किसी भी तीर्थ से बढ़कर हैं झुंझुनूं के वो गांव, जहां शहीदों की मूर्तियां लगी हुई हैं।

देश के लिए शहादत देना झुंझुनूं की परंपरा है। उन्होंने कहा कि देश की केंद्र सरकार में बैठी राजनीतिक ताकतों ने किसान, किसानी और फौज को खत्म करने का फैसला कर लिया है। पुलवामा अटैक में देश के जवानों की शहादत पर पीएम ने संवेदना का एक शब्द नहीं बोला और फोटो शूट करवाने में व्यस्त रहे। मैंने केंद्र सरकार पर प्रश्नचिन्ह लगाए तो चुप रहने के लिए उपराष्ट्रपति पद का ऑफर दिया गया। किसान आंदोलन के दौरान जब मैंने पीएम नरेंद्र मोदी से किसानों से बात करने के लिए कहा तो उन्होंने साफ मना कर दिया। मैंने कहा कि आज भी ना बोले तो धिक्कार है।

अग्निवीर योजना लागू करके केंद्र सरकार ने भारतीय सेना को ठेके पर देने का काम किया है। कोई भी युवा सिर्फ चार साल के लिए सेना में जाना नहीं चाहेगा। झुंझुनूं जिले को शहीदों का जिला कहा जाता है, लेकिन किसान-जवान विरोधी केंद्र सरकार ने अग्निवीर योजना लागू करके यहां के युवाओं के सपने चूर चूर करने का काम किया है। आज भारत का संविधान खतरे में है। लोकतंत्र की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सम्मेलन में विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा समेत अनेक जनप्रतिनिधियों व कार्यकर्ताओं ने पूर्व राज्यपाल मलिक को किसान प्रतीक हल, जेळी, दंताली और प्रतीक चिन्ह भेंट किए। इस दौरान प्रधान व कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिनेश सुंडा, जय किसान आंदोलन के प्रदेशाध्यक्ष कैलाश यादव, संजय बासोतिया, किसान सभा मदन यादव, विजेंद्र कुलहरी, कपिल ऐचरा, अरविंद गढ़वाल, मूलचंद कारगवाल, गणेश खैंटा, हेमाराम खेदड़, हरलाल यादव आदि मौजूद थे।

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