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193 साल पहले व्यापारियों को लुभाने दुकान की दीवारों पर सोने की स्याही से उकेरा था मां लक्ष्मी का भित्ति चित्र


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झुंझुनूंटॉप न्यूज़देशबिसाऊराजस्थान

193 साल पहले व्यापारियों को लुभाने दुकान की दीवारों पर सोने की स्याही से उकेरा था मां लक्ष्मी का भित्ति चित्र

193 साल पहले व्यापारियों को लुभाने दुकान की दीवारों पर सोने की स्याही से उकेरा था मां लक्ष्मी का भित्ति चित्र

महनसर : महनसर में 193 साल पूर्व सोने की स्याही से दीवारों पर बनाए गए लक्ष्मी जी व गणेश के भित्ति चित्रों की आज भी पूजा की जाती है। पोदार परिवार पूर्वजों की परम्परा को निभा रहा है।

महनसर में सोने की साळ (दुकान) के नाम से प्रसिद्ध दुकान में वर्ष 1830 में सोने चांदी का व्यापार होता था। उस वक्त सेठ हरकंठराय पोद्दार ने विदेशों से आने वाले व्यापारियों को लुभाने के लिए दुकान की दीवारों पर सोने की परत चढ़वाई। दीवारों पर चारों ओर सोने की (परत) स्याही से रामायण उकेरी गई है। इसी से लक्ष्मी व गणेश के चित्र बनवाए थे। इन भित्ति चित्रों का निर्माण यूनान के चित्रकारों ने किया था। यह साळ श्योबक्सराय पोदार ट्रस्ट महनसर (बिसाऊ) की है। पोदार परिवार के सदस्य कुलदीप पोदार ने बताया कि इसकी लंबाई 100 फीट व चौड़ाई 20 फीट है। इसके तीन हिस्से हैं। एक िहस्से में रामायण (राम जन्म से लेकर राम के राजतिलक तक), दूसरे हिस्से में कृष्ण लीलाओं से संबंधित चित्रों और तीसरे हिस्से में फुलवारी को सोने पर उकेरा गया है।

यह साळ दो शताब्दी पहले की बनी होने के कारण इसमें कितना सोना लगा है, इसके बारे में सही से बताया नहीं जा सकता। सोने की (साळ) दुकान के अंदर एक कमरे में बने भित्ति चित्र में लक्ष्मी जी अष्ट कमल की चौकी पर विराजमान है। चार हाथी जिन पर महावत बैठे हुए हैं। इनमें से दो हाथी लक्ष्मी जी को अभिषेक कर रहे हैं। दो हाथी माता के चरणों को पखार रहे हैं। इसके बाहर मुख्य द्वार पर गणेशजी का चित्र बना हुआ है। जिसमें दो महिलाएं चंवर ढुला रही हैं और दो पुरुष हाथ जोड़े गणेश जी की स्तुती करते नजर आ रहे हैं।

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