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नेताओं का शहर से ज्यादा गांवों पर फोकस:शहरों से ज्यादा मतदान बूथ गांवों में, गांव से बना रहे चुनावी माहौल


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नेताओं का शहर से ज्यादा गांवों पर फोकस:शहरों से ज्यादा मतदान बूथ गांवों में, गांव से बना रहे चुनावी माहौल

नेताओं का शहर से ज्यादा गांवों पर फोकस:शहरों से ज्यादा मतदान बूथ गांवों में, गांव से बना रहे चुनावी माहौल

झुंझुनूं : 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर रण तैयार हो चुका है। शहर से ज्यादा गांव में उत्साह नजर आ रहा है। प्रत्याशी हो या प्रशासन सभी का ध्यान गांवों की तरफ है। प्रत्याशियों का तो पूरा ही फोकस गांवों पर है। सभी उम्मीदवार गांव-ढाणियों का दौरा कर रहे है।

निर्दलीय उम्मीदवार राजेंद्र भांभू ने कि गांव में सभा
निर्दलीय उम्मीदवार राजेंद्र भांभू ने कि गांव में सभा

गांवों से ही चुनाव माहौल तैयार किया जा रहा है। गांवों में बड़ी बड़ी सभाएं करवाई जा रही है। इसका करण यह भी है कि शहरों से ज्यादा मतदान बूथ गांवों में है। यहीं से चुनाव की हार-जीत का माहौल बनता है।

उदयपुरवाटी से राजेंद्र गुढ़ा भी गांव की ओर कर रहे हैं सभा
उदयपुरवाटी से राजेंद्र गुढ़ा भी गांव की ओर कर रहे हैं सभा

कई प्रत्याशी अपने प्रचार अभियान का रूट बना रहे हैं। वे रूट इस प्रकार का बना रहे हैं कि सुबह शुरू गांव से हो और दिन की आखिरी सभा भी गांव में हो। जिले में कुल बूथ 1737 हैं, इनमें शहरों में मात्र 252 हैं, जबकि ग्रामीण बूथों की संख्या 1485 है। खेतड़ी विधानसभा क्षेत्र में तो शहरी बूथों की संख्या मात्र बारह है।

भाजपा प्रत्याशी बबलू चौधरी की गांव की ओर कर रहे रुख
भाजपा प्रत्याशी बबलू चौधरी की गांव की ओर कर रहे रुख

प्रशासन का ध्यान भी गांवों में

केवल प्रत्याशी ही नहीं बल्कि प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों का फोकस भी गांवों में ही ज्यादा है। इसका कारण यह भी है कि पिछली बार जितनी छोटी-बड़ी वारदात हुई उनमें अधिकांश गांवों में ही हुई थी। इसके अलावा खेतड़ी, पिलानी व सूरजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अनेक गांवों की सीमा हरियाणा से जुड़ी हुई है। संवेदनशील बूथ भी गांवों में ही ज्यादा हैं। चुनाव के दौरान गांव से ही ज्यादा घटनाएं सामने आती है। ऐसे में प्रशासन का भी गांव की तरफ ज्यादा ध्यान है।

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