कॉल रिकॉर्डिंग से सामने आई लापता पत्नी की बेवफाई:दो पत्नियों को छोड़ चुके रिश्तेदार के साथ भागी; पति ने बच्चों के साथ खाया जहर
कॉल रिकॉर्डिंग से सामने आई लापता पत्नी की बेवफाई:दो पत्नियों को छोड़ चुके रिश्तेदार के साथ भागी; पति ने बच्चों के साथ खाया जहर

जयपुर : कोटपूतली के रहने वाले कृष्ण (25) और उसकी पत्नी रिंकू उर्फ रीना। 8 साल पहले शादी हुई। 6 साल की बेटी और 3 साल का बेटा। खुशहाल परिवार था, लेकिन एक सप्ताह पहले खुशियों को नजर लग गई। 22 अक्टूबर की सुबह कृष्ण उठा तो देखा पत्नी घर पर नहीं थी। बहुत ढूंढ़ा, लेकिन कहीं नहीं मिली। पूरा परिवार सदमे में आ गया। बच्चे दिनभर रोते, मम्मी कहां हैं, बुलाओ। बेसुध कृष्ण बच्चों को दिलासा देता। पत्नी की तलाश में दिनभर थाने के चक्कर लगाता। लेकिन, गुरुवार रात उसने घर में रखे मोबाइल पर पत्नी की रिकॉर्डिंग सुनी तो उसकी सारी उम्मीदें टूट गई। सामने आई पत्नी की बेवफाई शुक्रवार को उसने अपने दोनों बच्चों और भतीजे को जहर खिलाया और इसके बाद खुद भी खा लिया। इलाज के दौरान कृष्ण और उसकी बेटी की मौत हो गई। बेटे और भतीजे का इलाज चल रहा है।
पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

रीना को सौंप रखी थी घर की चाबियां
पड़ोसी सुरेश गिठाला ने बताया कि कृष्ण की करीब आठ साल पहले रीना से शादी हुई थी। शादी के बाद रीना ने अपने शांत स्वभाव से पूरे परिवार का भरोसा जीत लिया था। सास-ससुर से लेकर परिवार का हर सदस्य रीना पर आंख बंद करके भरोसा करता था। कृष्ण ने अपनी पत्नी पर भरोसा करके उसे घर की चाबियां दे रखी थी। घर में गहने और पैसे सबका हिसाब-किताब रीना ही रखती थी। दो बच्चे थे रुचि (6) और वंश (3)।
रिश्ते में भाई के साथ अवैध संबंध
एक तरफ कृष्ण और उसका परिवार आंख मूंद कर रीना पर भरोसा करते थे। वहीं, दूसरी तरफ रीना ने दूर के रिश्ते में भाई नरेश से नजदीकियां बढ़ा ली थी। नरेश उनके घर से कुछ दूरी पर रहता था। दोनों के बीच अफेयर की भनक परिवार में किसी को नहीं लगी। रीना ने नरेश के साथ भागने का प्लान बनाया। 21 अक्टूबर वह पति और बच्चों को सोता छोड़ नरेश के साथ भाग गई।

सदमे में आ गया पूरा परिवार
कृष्ण सुबह 5 बजे उठा तो पत्नी को नहीं देखकर चौंक गया। कृष्ण और उसके परिवार वाले काफी देर तक गांव और रिश्तेदारों के यहां रीना की तलाश करते रहे। कुछ देर बाद उन्हें पता लगा कि रीना नरेश के साथ भाग गई। यह खबर सुनकर कृष्ण सदमे में आ गया। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि जिस पत्नी पर वो आंख मूंद कर भरोसा करता था, वह अपने दो छोटे बच्चों को छोड़कर बॉयफ्रेंड के साथ भाग गई। कृष्ण ने पत्नी रीना और नरेश के खिलाफ प्रागपुरा थाने में मामला दर्ज करवाया।
दो पत्नियों को छोड़ चुका है नरेश
कृष्ण के दूर के साले सुनील जाट ने बताया कि आरोपी नरेश उनके गांव में ही रहता था। नरेश बदमाश प्रवृत्ति का है और नशे का आदी भी है। उसकी पहले भी दो शादियां हुई थी। उसने दोनों पत्नियों को छोड़ दिया था। दूसरी शादी से उसे एक बच्चा भी हुआ। दोनों पत्नियों को छोड़ने के बाद उसने रीना को फंसाया और अपने साथ भगा ले गया। सुनील ने बताया कि रीना के प्रेमी के साथ भागने के बाद कृष्ण डिप्रेशन में चला गया था। बच्चे दिनभर पूछते थे मम्मी कहां है? मम्मी के पास जाना है। अपनी पत्नी की तलाश में कृष्ण हर दिन थाने के चक्कर काट रहा था। पुलिस हर बार यही बताती थी कि उसकी लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है। कृष्ण पूरी तरह हताश हो गया था।

…फिर एक रिकॉर्डिंग ने तोड़ दी सारी उम्मीदें
रीना के पास अपना कोई मोबाइल नहीं था। कृष्ण ने एक मोबाइल घर पर दे रखा था, जिससे रीना नरेश से बातें करती थी। कृष्ण गुरुवार रात को घर वाले मोबाइल को चेक कर रहा था। मोबाइल में रीना और नरेश की एक कॉल रिकॉर्डिंग मिली। कॉल रिकॉर्डिंग का पता लगते ही कृष्ण पागलों की तरह मोबाइल लेकर घर से बाहर गया और अकेले में रिकॉर्डिंग सुनने लगा। रिकॉर्डिंग में रीना और नरेश घर से भागने का प्लान बना रहे थे। नरेश रीना से कह रहा था- ‘रात को भागने से पहले सबको नींद की गोली दे देना’। यह सुनकर कृष्ण सदमे में आ गया था। वो बार-बार कॉल रिकॉर्डिंग सुन रहा था।
घरवालों से बोला- मेरे मरने के बाद बच्चों को ध्यान रखना
कॉल रिकॉर्डिंग सुनने के बाद कृष्ण डिप्रेशन में चला गया था। शुक्रवार सुबह घरवाले जागे तो कृष्ण परेशान नजर रहा था। उसने सबसे कहा- ‘मैं अब मरूंगा। मेरे मरने के बाद मेरे बच्चों को ध्यान रखना’। सुनील ने बताया कि उसके घरवालों ने बहुत समझाया, लेकिन कृष्ण लगातार रो रहा था और मरने की बातें कर रहा था। इस पर हम सब उसके पास बैठकर उसका ध्यान रख रहे थे। वो बार-बार कॉल रिकॉर्डिंग का जिक्र कर रहा था, लेकिन उसने वो रिकॉर्डिंग किसी को नहीं सुनाई। इसके बाद उसने वो फोन भी छुपा दिया।

पत्नी का नाम नॉमिनी से हटाने का बहाना बनाकर घर से निकला था कृष्ण
शुक्रवार सुबह उठते ही कृष्ण मरने की बातें करने लगा तो उसके पिता और चचेरे भाई उसका ध्यान रख रहे थे कि कहीं वो कुछ गलत कदम न उठा ले। इसके बाद कृष्ण ने जब काम पर जाने के लिए कहा तो घरवालों ने बाहर जाने से उसे मना कर दिया। इस पर कुछ देर बाद कृष्ण ने कहा कि वो पत्नी का नाम एलआईसी, बैंक अकाउंट और दूसरे डॉक्युमेंट से हटाएगा। पत्नी का नाम नॉमिनी से हटाने का बहाना बनाकर वो बाइक लेकर घर से निकल गया।
सुबह 10 बजे : पीछा कर रहे साले को चकमा देकर गायब हुआ कृष्ण
सुनील ने बताया कि कृष्ण की बातों से हर किसी को डर था कि वो गलत कदम न उठा ले। कृष्ण बाइक लेकर सुबह घर से निकला तो हम दो लोग बाइक लेकर उसका पीछा करने लगे। कुछ दूरी पर जाने के बाद कृष्ण हमको चकमा देकर रास्ते में गायब हो गया। इसके बाद हम बाइक से उसे काफी देर तक ढूंढते रहे, लेकिन उसका कुछ पता नहीं लगा।

सुबह 11 बजे : दुकान मालिक को कहा आखिरी बार के लिए आया हूं
सुनील ने बताया कि तुलसीपुरा के पास स्थित पावटा में परचून की एक दुकान पर कृष्ण नौकरी करता था। हमें चकमा देकर कृष्ण उसी दुकान पर गया था। वहां उसने दुकान मालिक को कहा कि वो आखिरी बार इस दुकान पर आया है। कभी कोई गलती हुई है तो उसे माफ कर दें। अब वह हमेशा के लिए जा रहा है। दुकान मालिक कृष्ण की बातों को समझ नहीं पाया। उसे लगा कि वो शायद नौकरी छोड़ रहा है।
दोपहर 12 बजे : बच्चों को डॉक्टर के पास दिखाने का बहाना बनाकर स्कूल से ले गया
कृष्ण के बच्चे अलग-अलग निजी स्कूल में पढ़ते हैं। बेटे वंश की स्कूल के प्रिंसिपल राजेश कुमार पारीक ने बताया कि परचून की दुकान से कृष्ण स्कूल आया था। उसने क्लास टीचर से कहा कि वंश कुछ दिनों से बीमार है। वो उसे डॉक्टर को दिखाने के लिए ले जा रहा है। इस पर टीचर से कहा कि वह पहले प्रिंसिपल से पूछें, फिर वंश को लेकर जाए। प्रिंसिपल राजेश पारीक ने बताया कि कृष्ण मेरे पास नहीं आया, न ही उसने मुझे फोन किया। उसने मैडम से कहा कि प्रिंसिपल सर से बात हो गई है। इसके बाद वो वंश को लेकर चला गया। वंश को लेने के बाद कृष्ण दूसरी निजी स्कूल में पढ़ रही अपनी बेटी रुचि और भतीजे विनीत को लेने गया।

दोपहर 12:15 बजे : दादा ने स्कूल संचालक को कहा- बच्चों को कृष्ण के साथ मत भेजना
सुनील ने बताया कि जब कृष्ण हमें चकमा देकर गायब हो गया और काफी ढूंढने पर भी नहीं मिला तो हम घर गए और घरवालों को बताया। यह सुनकर कृष्ण के पिता अमीचंद घबरा गए थे। उन्होंने बच्चों के स्कूल में फोन करके कहा- कृष्ण स्कूल में बच्चों को लेने आए तो उसके साथ बच्चों को मत भेजना। लेकिन, अमीचंद का फोन आया तब तक कृष्ण वंश, रुचि और विनीत को अपने साथ स्कूल से लेकर चला गया था।
कृष्ण की हर बात मानती थी बेटी, बाेलते ही खा ली जहर की गोली
स्कूल से तीनों बच्चों को लेने के बाद कृष्ण गांव में सुनसान जगह स्थित झांझड़ मंदिर (धाम) गया। वो अपने साथ जहर की गोलियां और एक पानी की बोतल लेकर गया था। कृष्ण की सबसे ज्यादा लाडली उसकी बेटी रुचि थी। रुचि उसकी हर बात मानती थी। कृष्ण ने सबसे पहले जहर की गोली रुचि को दी। कृष्ण के कहते ही रुचि ने गोली खा ली। सबसे पहले जहर खाने के कारण ही अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई।

उल्टी करने के कारण बची वंश की जान
कृष्ण का बेटा वंश मां के घर से भागने के बाद ही बीमार हो गया था। दिनभर मां की याद में रोने के कारण उसे बुखार आ गया था। उसे घरवालों ने बुखार की टैबलेट देने का प्रयास किया, लेकिन वंश टैबलेट लेते ही उल्टी कर देता था। टैबलेट नहीं ले पाने के कारण उसे लिक्विड दवाई देनी पड़ती थी। शुक्रवार को जब कृष्ण ने वंश को टैबलेट दी तो वह निगल नहीं पाया। इस पर कृष्ण ने वंश को जहर की गोली तोड़कर देने का प्रयास किया। गोली लेते ही वंश को उल्टी हो गई।
जहर खाने के बाद पिता को फोन- मैं मरने जा रहा हूं
बेटी रुचि और बेटे वंश के बाद कृष्ण ने भतीजे विनीत को जहर की गोली खिला दी। इसके बाद उसने खुद भी वो गोलियां खा ली। जहर की गोलियां खाने के बाद उसने अपने पिता को फोन करके बताया कि वो बच्चों के साथ झांझड़ धाम आया है। वो बच्चों के साथ सुसाइड कर रहा है। यह सुनकर अमीचंद बेहोश होकर गिर पड़े। करीब 10 मिनट बाद अमीचंद को होश आया तो उन्होंने परिवार के लोगों को बताया। कृष्ण के पिता और रिश्तेदार धाम पर पहुंचे। वो लोग वहां पहुंचे तो वंश रो रहा था। कृष्ण, रुचि और विनीत जमीन पर गिरे हुए थे। परिवार वाले चारों को अस्पताल लेकर गए। रुचि ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। वहीं कृष्ण की शनिवार सुबह मौत हो गई। इधर, वंश और विनीत का जयपुर के निम्स अस्पताल में इलाज चल रहा है।

डेढ़ साल पहले भाई की मौत हो गई
पावटा के तुलसीपुरा में रहने वाले अमीचंद के दो बेटे थे- कृष्ण और घनश्याम। एक बेटी है। अमीचंद घर के पास किराना की दुकान चलाते हैं। कृष्ण बीए पास था। वो पावटा में परचून की दुकान में काम करता था। घनश्याम काफी समय से बीमार था। उसके फेफड़ों में इंफेक्शन था। करीब डेढ़ साल पहले घनश्याम की बीमारी से मौत हो गई थी।
भाई के परिवार की जिम्मेदारी भी कृष्ण पर थी
कृष्ण के बड़े भाई घनश्याम का एक बेटा विनीत (7) है। घनश्याम की मौत के बाद उसके परिवार की जिम्मेदारी भी कृष्ण पर आ गई थी। भाई की पत्नी और उसका बेटा कृष्ण के परिवार के साथ ही रहते थे। कृष्ण भाई के बेटे विनीत की परवरिश अपने बच्चों के साथ करता था। बच्चे एक साथ स्कूल जाते और एक साथ ही खेलते थे।
