उदयपुरवाटी के लोग बदलते है नेता और पार्टी:नेता जनता का नहीं समझ पाए मिजाज, राजेन्द्र गुढ़ा हर चुनाव में बदलते है पार्टी, जनता ने दो ही विधायकों को किया रिपीट
उदयपुरवाटी के लोग बदलते है नेता और पार्टी:नेता जनता का नहीं समझ पाए मिजाज, राजेन्द्र गुढ़ा हर चुनाव में बदलते है पार्टी, जनता ने दो ही विधायकों को किया रिपीट

उदयपुरवाटी : जिले की उदयपुरवाटी विधानसभा सीट पर क्षेत्र की जनता विधायक और पार्टी बदलती रही है। वर्ष 1951 से लेकर 2018 के विधानसभा चुनाव सिर्फ दो ही विधायक है जो रिपीट हुए हैं। शिवनाथ सिंह गिल चार मर्तबा और राजेन्द्र गुढ़ा दो मर्तबा रिपीट हुए हैं। इसके लिए अब तक एक बार जीतने के बाद कोई भी विधायक रिपीट नहीं हुआ है। रिवाज बदलने के लिए राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशियों को बदला और नेताओं ने पार्टियों को, लेकिन अब तक ज्यादातर विधायक यहां की जनता के मिजाज को समझ नहीं पाए।

इस बार भी राजनीतिक पार्टियां अपनी सरकार बनाने को लेकर जोरों से तैयारियों में जुटी है। भाजपा ने पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। कांग्रेस के प्रत्याशी की घोषणा का लोग अभी इंतजार कर रहे हैं, लेकिन दोनों ही पार्टियां की निगाहें कांग्रेस बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा पर है।
गुढा 2018 का चुनाव बसपा से लड़े थे और जीत भी गए थे। उसके बाद कांग्रेस में शामिल हो गए थे। लाल डायरी का मुद्दा गर्माने के बाद पार्टी ने उन्हें मंत्रीमंडल से बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद गुढ़ा शिव सेना(सिंदे गुट) में शामिल हो गए। यहां हर बार त्रिकोणीय मुकाबला होता है। यह झुंझुनूं जिले की सबसे हॉट सीट है। दोनों ही पार्टियां की निगाहे पर राजेन्द्र गुढ़ा पर हैं। राजेन्द्र गुढ़ा फिर पार्टी बदलकर शिव सेना से चुनाव लड़ते है या निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरते हैं। उदयपुवाटी विधानसभा में भाजपा ने दो मर्तबा ही परचम लहराया है। वहीं बसपा ने दो बार, जन शक्ति पार्टी ने एक बार चुनाव जीता है। शिवनाथ सिंह गिल उदयपुरवाटी (पहले गुढ़ा) विधानसभा से चार मर्तबा विधायक बने।
एक ही विधायक रिपीट हुए
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 1951 से अब तक निर्वाचित हुए विधायकों में से शिवनाथ सिंह एक मात्र ऐसे विधायक रहे जो चार बार रिपीट हुए है। उसके बाद कांग्रेस से बर्खास्त राजेन्द्र गुढ़ा दो बार विधायक निर्वाचित हुए है।
67 सालों में शिवनाथ सिंह गिल ही एक विधायक है जो लगतार दो बार चुनाव जीत पाए थे। शिवनाथ सिंह 1993 में विधायक बने, इसके बाद वे 1998 में फिर से विधायक बन गए। इसके अलावा कोई विधायक लगतार दो बार विधायक नहीं बन पाया है।
राजेन्द्र गुढ़ा भी बदल रहे है लगतार दल
वर्तमान विधायक राजेन्द्र गुढ़ा भी लगतार दल बदल रहे हैं। राजेन्द्र गुढ़ा ने 2008 में बसपा से चुनाव जीत गए। गुढ़ा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्हें मंत्री बनाया गया। इसके बाद राजेन्द्र सिंह गुढ़ा 2013 में बसपा छोडक़र कांग्रेस की टिकट पर उदयपुरवाटी से चुनाव लड़ा और भाजपा के शुभकरण चौधरी के सामाने चुनाव हर गए। इसके बाद तीसरी मर्तबार गुढ़ा ने फिर से पार्टी बदल ली, गुढ़ा 2018 के चुनाव में फिर से बसपा में शामिल हो गए और बसपा की टिकट पर चुनाव मैदान में उतर गए। गुढ़ा ने बसपा की टिकट पर 2018 का विधानसभा चुनाव जीत गए। गुढ़ा फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए और सरकार में मंत्री बन गए। इसके बाद गुढ़ा ने सरकार में रहते हुए मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद कर दिया। गुढ़ा फिर पार्टी बदली और शिव सेना में शामिल हो गए। अब गुढ़ा शिव सेना की टिकट पर चुनाव मैदान में उतरते है या निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरते हैं। यह कांग्रेस की टिकट घोषणा के बाद तय हो पाएगा।
वर्ष | विधायक | पार्टी |
1951 | देवी सिंह | राम राज्य परिषद |
1957 | शिवनाथ सिंह | कांग्रेस |
1962 | जीवराज | स्वराज पार्टी |
1967 | शिवनाथ सिंह | कांग्रेस |
1972 | रामेश्वर लाल | निर्दलीय |
1977 | इंदर सिंह | जनता पार्टी |
1980 | वीरेंद्र प्रताप सिंह | जनता पार्टी जेपी |
1985 | भोलाराम | कांग्रेस |
1990 | मदनलाल सैनी | बीजेपी |
1993 | शिवनाथ सिंह | निर्दलीय |
1998 | शिवनाथ सिंह | कांग्रेस |
2003 | रणवीर सिंह गुढ़ा | जनशक्ति पार्टी |
2008 | राजेंद्र गुढ़ा | बसपा |
2013 | शुभकरण चौधरी | भाजपा |
2018 | राजेंद्र गुढ़ा | बसपा |