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1 हजार क्राइम शो देख डॉक्टर ने लूटा बैंक:दृश्यम फिल्म देखकर पुलिस से बचने का बनाया प्लान; पकड़ने पर बोला- डॉक्टर हूं, ऐसा क्यों करूंगा


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1 हजार क्राइम शो देख डॉक्टर ने लूटा बैंक:दृश्यम फिल्म देखकर पुलिस से बचने का बनाया प्लान; पकड़ने पर बोला- डॉक्टर हूं, ऐसा क्यों करूंगा

1 हजार क्राइम शो देख डॉक्टर ने लूटा बैंक:दृश्यम फिल्म देखकर पुलिस से बचने का बनाया प्लान; पकड़ने पर बोला- डॉक्टर हूं, ऐसा क्यों करूंगा

मैं एक आम आदमी हूं….एक डॉक्टर भी…मैं इस तरह की वारदात कैसे कर सकता हूं..। मैं तो उस दिन अजमेर में था ही नहीं..। ये दलील थी एक डॉक्टर की, जब उसे पुलिस ने बैंक लूट के आरोप में पकड़ा। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि अजमेर के इस डॉक्टर ने अपने दोस्त के साथ बैंक में लूट की वारदात को अंजाम दिया।

वारदात को अंजाम देने के लिए डॉक्टर ने अपने साथी के साथ मिलकर क्राइम शो के एक हजार से ज्यादा एपिसोड देखे थे। इसके बाद इसकी पूरी प्लानिंग बनाई कि कैसे ​​पुलिस से बचा जा सकता है।

पढि़ए पूरी रिपोर्ट…

पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी। डॉक्टर को एक सर्टिफिकेट भी मिला है, जिस पर जयपुर और सीकर में हॉस्पिटल के बारे में लिखा है।
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी। डॉक्टर को एक सर्टिफिकेट भी मिला है, जिस पर जयपुर और सीकर में हॉस्पिटल के बारे में लिखा है।

अजमेर के किशनगढ़ का मदनगंज थाना..यहां 7 अक्टूबर 2023 को दोपहर करीब 3:15 बजे हेलमेट पहने दो बदमाश इंडियन बैंक में एंट्री करते हैं। एक के हाथ में पिस्तौल और एक के हाथ में डायनामाइट। बैंक में मौजूद कर्मचारियों और 2 ग्राहकों को बंधक बना लिया। धमकाया कि- किसी ने भी ​पुलिस को कॉल किया तो डायनामाइट का बटन दबा देंगे और सभी मर जाएंगे। इसकी आवाज 1 किलोमीटर तक सुनाई देगी।

फिर ये बदमाश बैंक के कैशियर पर पिस्तौल तानते हैं और महज 5 मिनट में 3 लाख 76 हजार रुपए लूट कर फरार हो जाते हैं।14 अक्टूबर शनिवार को अजमेर एसपी ने इस वारदात का खुलासा किया और बताया कि बैंक लूटने वाले कोई शातिर बदमाश नहीं बल्कि एक डॉक्टर कमलेश (26) पुत्र रामचंद्र वैष्णव है, जो अजमेर शहर के बापूनगर सुंदर विलास में रहता है। सर्जन डॉक्टर ने अपने दोस्त काजीपुरा निवासी आरोपी प्रेम सिंह (27) पुत्र मदन सिंह के साथ इस वारदात को अंजाम दिया।

पुलिस ने जब आरोपियों को हिरासत में लिया था तो कहानी बनाते रहे।
पुलिस ने जब आरोपियों को हिरासत में लिया था तो कहानी बनाते रहे।

1 हजार से ज्यादा क्राइम शो के एपिसोड देखे
पुलिस को आरोपी डॉक्टर ने बताया कि करीब साल भर पहले उसने पाली में एक हॉस्पिटल खोला था। इसके लिए करीब 11 से 12 लाख रुपए का लोन लिया था। हॉस्पिटल नहीं चला तो कर्जा उतारने में दिक्कत आने लगी। तभी ये साेचा​ क्यों न बैंक लूटकर कर्ज उतारा जाए। इसके लिए कमलेश पिछले 6 महीने से टीवी पर आने वाली दो स्पेशल क्राइम शो के एपिसोड देख रहा था।

उसने क्राइम पेट्रोल और सावधान इंडिया के 1 हजार से ज्यादा ऐपिसोड देख बैंक लूटने की प्लानिंग बनाई। इन्हीं शो से उसे नकली पिस्तौल और डायनामाइट का आइडिया मिला था। जब पुलिस ने मामले का खुलासा किया था तब ये बताया था कि दोनों ने लकड़ी और घड़ी से नकली पिस्तौल और डायनामाइट बनाया था।

सोशल मीडिया पर भी कई वीडियो की सर्च हिस्ट्री मिली
पुलिस ने जब डॉक्टर का मोबाइल खंगाला तो उसमें सोशल मीडिया पर क्राइम एपिसोड की सीरीज हिस्ट्री मिली। पुलिस ने बताया कि आरोपी डॉक्टर टीवी के अलावा फेसबुक और इंस्टाग्राम के अलावा दूसरे सोशल मीडिया पर भी इस तरह के वीडियो देखता था। ऐसे कई वीडियो डॉक्टर ने अपने मोबाइल में भी सेव कर रखे थे।

डॉक्टर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस तरह की कई फोटो और रिल्स शेयर कर रखी है।
डॉक्टर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस तरह की कई फोटो और रिल्स शेयर कर रखी है।

दृश्यम मूवी देख कर पुलिस को कर रहा था गुमराह
पूछताछ में सामने आया कि आरोपी डॉक्टर ने पुलिस से बचने के लिए भी प्लान बना रखा था। इसके लिए उसने 3 से 4 बार दृश्यम मूवी देखी और जब पकड़ा गया तो वह पुलिस को गुमराह करते रहा। पुलिस जब पूछताछ के लिए आरोपी डॉक्टर को लेकर आई तो वह उन्हें धमकाने लगा और कहने लगा कि मैं एक आम आदमी और डॉक्टर हूं। मैं इस तरह की वारदात कर ही नहीं सकता।

लेकिन, इससे पहले पुलिस डॉक्टर के साथी प्रेम ​सिंह से पूछताछ कर चुकी थी, उसने सारे कहानी बता दी थी। इसके बाद भी पुलिस पूछताछ करने लगी तो धमकाने लगा और कहने लगा कि वह उस दिन अजमेर में था ही नहीं।

कर्ज उतारना चाहता था, नशे की वजह से आरोपी दोस्त से हुई पहचान
ये भी सामने आया कि डॉक्टर कमलेश नशे का आदी था। इसी नशे की लत की वजह से वह प्रेम सिंह से मिला जो एसी मैकेनि​क है और पहले विदेश में भी नौकरी कर आ चुका है। प्रेम सिंह ही नशे का सामान डॉक्टर तक पहुंचाता था। इसी दौरान दोनों के बीच दोस्ती हुई और डॉक्टर कमलेश ने प्रेम सिंह को साथ लेकर प्लान बनाया।

डॉक्टर अपनी अमीरी का रौब भी दिखाता था, जबकि उस पर लाखों रुपए का कर्जा था।
डॉक्टर अपनी अमीरी का रौब भी दिखाता था, जबकि उस पर लाखों रुपए का कर्जा था।

प्रोफाइल पर लिखा, MBBS, MS लंदन, अमीरी का झूठा रौब दिखाता
पुलिस की इन्वेस्टिगेशन में उसकी इंस्टा और फेसबुक आईडी भी हाथ लगी। सोशल मीडिया प्रोफाइल पर आरोपी डॉक्टर ने अपने बायो में लिखा है- MBBS, MS LONDON। डॉक्टर ने पूछताछ में बताया कि उसने यूक्रेन से MBBS की थी और इसके बाद इंपीरियल कॉलेज लंदन से MS सर्जन की डिग्री ली। हालांकि पुलिस का कहना है कि आरोपी डॉक्टर की डिग्री को लेकर भी पड़ताल की जाएगी।

कमलेश कर्जे में डूबा होने के बाद भी अमीरी का झूठा रौब दिखाता था। उसने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर बाउंसर और क्लब के फोटो और वीडियो भी शेयर किए हुए हैं। जयपुर, मुंबई और दिल्ली के क्लब में नाचते हुए लोगों के वीडियो भी शेयर कर रखे हैं। कमलेश ने इंस्टाग्राम पर मरीजों को देखते हुए फोटो अपलोड किया है, जिसमें वह मरीज के लिए दवाई लिख रहा है। वहीं वर्ल्ड डॉक्टर्स डे, मलेरिया डे, लिवर डे पर भी वह पोस्ट शेयर करता रहता था।

अजमेर के किशनगढ़ की इसी बैंक में डॉक्टर और उसके दोस्त ने मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था।
अजमेर के किशनगढ़ की इसी बैंक में डॉक्टर और उसके दोस्त ने मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था।

महिला मित्र के यहां छुपा था, पहले भी दर्ज है मामले
बैंक लूटने के बाद आरोपी डॉ. कमलेश अजमेर में अपनी ​​महिला मित्र के यहां जाकर छुप गया था। इधर, जब कमलेश को पता चला कि पुलिस ने उसे ढूंढना शुरू कर दिया है तो उसने ​छुपने के लिए अलग-अलग ठिकाने देखे। जब क्राइम हिस्ट्री खंगाली गई ताे सामने आया कि डॉक्टर के खिलाफ पूर्व में चोरी और चेक बाउंस का भी मुकदमा दर्ज है, जिनके बारे में भी पुलिस जांच में जुटी है।

किशनगढ़ डिप्टी मनीष शर्मा ने बताया कि दोनों आरोपियों से अब तक पूछताछ में 1 लाख 76 लाख बरामद हुए हैं। दोनों आरोपियों से 2 नकली पिस्तौल और डायनामाइट बरामद हुआ है। पूछताछ में सामने आया कि आरोपी डॉक्टर की ओर से क्राइम सीरियल के जरिए आइडिया लेकर वारदात को अंजाम दिया गया था।

आरोपी ने नकली पिस्तौल और डायनामाइट दिखाकर बैंक कर्मचारियों को धमकाया था।
आरोपी ने नकली पिस्तौल और डायनामाइट दिखाकर बैंक कर्मचारियों को धमकाया था।

800 सीसीटीवी खंगाले थे
एसपी चूनाराम जाट ने बताया ​कि बदमाशों ने किशनगढ़ के मदनगंज थाना क्षेत्र स्थित इंडियन बैंक में लूट की वारदात को अंजाम दिया था। इस दौरान आरोपियों ने बैंक कर्मचारियों और ग्राहकों को बंधक बनाकर 40 लाख मांगे थे। आरोपी कैशियर के पास रखे 3 लाख 76 हजार 130 रुपए लेकर फरार हो गए थे।

बैंक मैनेजर कुलदीप सिंह ने मामला दर्ज करवाया था। इस पर टीम का गठन किया गया और 800 सीसीटीवी खंगाले थे। वारदात के बाद जब मामले की जांच की तो सामने आया कि इनमें से एक आरोपी ने लाल रंग का हेलमेट पहन रखा था। वारदात के बाद इसी हेलमेट को पहन ये आरोपी मुख्य गांवों से निकले थे। बताया जा रहा है कि इसी लाल हेलमेट से ये आरोपी पकड़ में आए थे।

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