Armed Forces: सेना को सरकारी योजनाओं का प्रचार, तो CAPF जवान खंगालेंगे इतिहास, क्या प्रयोगशाला बने सशस्त्र बल
बीएसएफ के पूर्व एडीजी संजीव कृष्ण सूद कहते हैं कि फौज हो चाहे सीएपीएफ, इन बलों को प्रयोगशाला न बनाया जाए। सेना और सीएपीएफ, अपनी ड्यूटी शानदार तरीके से करती है। बेहतर होगा कि ये बल, अपना नियमित कार्य करते रहें। उन्हें किसी प्रचारक की भूमिका में न लाया जाए...

Armed Forces : केंद्र सरकार में सशस्त्र बलों को मिल रहे नए टॉस्क, चर्चा का विषय बन गए हैं। एक तरफ भारतीय सेना को सरकारी योजनाओं के प्रचारक की तरह इस्तेमाल करने की बात हो रही है, तो दूसरी ओर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को इतिहास खोजने का टॉस्क दिया जा रहा है। बीएसएफ के पूर्व एडीजी संजीव कृष्ण सूद कहते हैं कि फौज हो चाहे सीएपीएफ, इन बलों को प्रयोगशाला न बनाया जाए। सेना और सीएपीएफ, अपनी ड्यूटी शानदार तरीके से करती है।
देश की खातिर बड़े से बड़ा बलिदान देने के लिए इन बलों के जवान तैयार रहते हैं। बेहतर होगा कि ये बल, अपना नियमित कार्य करते रहें। उन्हें किसी प्रचारक की भूमिका में न लाया जाए। कांग्रेस पार्टी के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा, हमारी बहादुर सेना, कभी भी देश की आंतरिक राजनीति का हिस्सा नहीं बनी। महंगाई, बेरोजगारी और दूसरे कई मोर्चों पर विफलता का सामना करने के बाद मोदी सरकार अब सेना से अपना राजनीतिक प्रचार पाने का बहुत घटिया प्रयास कर रही है।
सेनाओं के लिए तय किए सेल्फी प्वाइंट
केंद्र सरकार, अपनी कई अहम योजनाओं की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने के लिए सैन्य संगठनों की मदद लेने जा रही है। नारी सशक्तिकरण और उज्जवला जैसी कई योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए कई शहरों में सेल्फी प्वाइंट बनाने की बात कही जा रही है। करीब आठ सौ से अधिक सेल्फी प्वाइंट में से भारतीय सेना के हिस्से सौ प्वाइंट आए हैं। एयरफोर्स के हिस्से 75, नेवी के लिए 75, बीआरओ के हिस्से में 50, डीआरडीओ के लिए 50 और सैनिक स्कूलों के लिए 50 स्थान तय किए गए हैं। अन्य रक्षा संगठनों में भी ऐसी ही चार सौ से अधिक जगह सुनिश्चित की गई हैं। सेल्फी प्वाइंट पर पीएम मोदी की फोटो के साथ उस योजना की जानकारी रहेगी। लोगों को यह विकल्प भी दिया गया है कि वे अपनी सेल्फी, सोशल मीडिया पर अपलोड कर सकते हैं। कांग्रेस पार्टी ने इस मुहिम को अपने राजनीतिक प्रचार के लिए ‘घटिया प्रयास’ बताया है। सरकार अपने प्रचार के लिए सेना का इस्तेमाल कर रही है। पार्टी नेता जयराम रमेश ने इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।