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झुंझुनूं के बाद मंडावा में भाजपा से बगावत:सांसद को टिकट देने का विरोध, पूर्व प्रधान बोले- चुनाव लड़ने का ऐलान करेंगे


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झुंझुनूं के बाद मंडावा में भाजपा से बगावत:सांसद को टिकट देने का विरोध, पूर्व प्रधान बोले- चुनाव लड़ने का ऐलान करेंगे

झुंझुनूं के बाद मंडावा में भाजपा से बगावत:सांसद को टिकट देने का विरोध, पूर्व प्रधान बोले- चुनाव लड़ने का ऐलान करेंगे

मंडावा : भारतीय जनता पार्टी ने 41 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की तो बगावत के सुर भी उठे। झुंझुनूं के बाद अब मंडावा विधानसभा क्षेत्र में भी विरोध शुरू हो गया है। मंडावा से टिकट मांग रहीं भाजपा की पूर्व प्रत्याशी सुशीला सीगड़ा व पूर्व प्रधान गिरधारी खीचड़ बगावत पर उतर आए हैं।

दोनों पदाधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सांसद नरेन्द्र खीचड़ को मंडावा से टिकट देने पर नाराजगी जताई। गिरधारी खीचड़ ने कहा कि टिकट वितरण से मंडावा के कार्यकर्ता असंतुष्ट हैं। पूर्व प्रधान ने भाजपा के सभी 41 टिकट पर सवाल उठा दिए।

गिरधारी खीचड़ बोले- चाहता हूं चुनाव लड़ूं

उन्होंने कहा- भाजपा ने उसकी टिकट भी काट दी जिसने पिछला चुनाव 31 हजार वोट से जीता था। सांसदों को चुनाव लड़ाने से जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहा है। मंडावा के कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है। कार्यकर्ता कह रहे है कि निर्णय गलत हुआ है। कार्यकर्ताओं की भावना को जानता हूं। वो चाहते हैं कि मैं चुनाव लड़ूं। जल्दी ही चुनाव का ऐलान होगा। मंडावा विधानसभा में चुनाव की रणभेरी बजेगी और ऐसा चुनाव होगा जो आज तक मंडावा विधानसभा क्षेत्र के इतिहास में नहीं हुआ।

सुशीला सीगड़ा ने कहा- पार्टी सर्वोपरि

सुशीला सीगड़ा ने कहा- टिकट वितरण से कार्यकर्ताओं में मायूसी है। पदाधिकारियों के साथ मिलकर बात की जाएगी। पार्टी सर्वोपरि है। कार्यकर्ताओं की भावना से प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ को अवगत करवाया जाएगा और कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर की जाएगी। सुशीला सीगड़ा 2019 के उपचुनाव में मंडावा से भाजपा की प्रत्याशी रही थीं। लेकिन रीटा चौधरी के सामने चुनाव हार गई थीं।

सांसद नरेंद्र खीचड़ पर वंशवाद के आरोप

पूर्व प्रधान ने सांसद नरेन्द्र खीचड़ पर वंशवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। कहा- 2018 के चुनाव में सांसद को एमपी का चुनाव लड़ना था तो विधायक का चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। एमपी की चाह में 2019 में हुए उपचुनाव में सीट छोड़ दी। अपनी पुत्रवधु को जिला प्रमुख बना दिया। अब फिर से मंडावा विधानसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। हमें पता है कि वे चुनाव जीतने के बाद फिर से एमपी के टिकट की मांग करेंगे।

उन्होंने कहा- विधानसभा क्षेत्र की जनता को वे बीच मझधार में परेशान होने के लिए छोड़ देंगे। भाजपा के कार्यकर्ता इस बात को समझ चुके हैं। इस टिकट वितरण से कार्यकर्ता खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि चार दिन में प्रमुख कार्यकर्ताओं से बात करके सभा के बाद चुनाव लड़ने का ऐलान कर देंगे।

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