गदर के एक्टर के शूटिंग में पापा से मिला चांटा:एक्टर वरुण शर्मा ने कहा- सिक्स पैक ऐप्स होते तो चूचा किरदार नहीं बनता, मिश्रा बोले- अब दिल नहीं टूटते, ब्रेकअप होता है
गदर के एक्टर के शूटिंग में पापा से मिला चांटा:एक्टर वरुण शर्मा ने कहा- सिक्स पैक ऐप्स होते तो चूचा किरदार नहीं बनता, मिश्रा बोले- अब दिल नहीं टूटते, ब्रेकअप होता है
जयपुर : दिमाग में मचे गदर के प्रेशर को कम करने की प्रैक्टिस करें। सुसाइड जैसी चीज न करें क्योंकि आपके मेंटली प्रेशर से बड़ा प्रेशर वो प्रेशर होगा जो आप अपने अपने माता पिता को देकर जाएंगे। इसीलिए पेशेंस रखें। यह बात गदर फेम उत्कर्ष शर्मा ने एसके फाइनेंस और संस्कृति युवा संस्था की ओर से आयोजित एसके वर्ल्ड हेल्थ एंड वेलनेस फेस्ट में कही। दो दिन चले हेल्थ एंड वेलनेस का यह महाकुंभ रविवार को संपन्न हुआ। अंतिम दिन बॉलीवुड एक्टर उत्कर्ष शर्मा के अलावा फुकरे फेम वरुण शर्मा और पीयूष मिश्रा, राजेंद्र सेतिया के सेशन हुए। साथ ही डॉ. बीआर बगड़िया, डॉ. संजीव शर्मा, डॉ. बिस्वरूप राय चौधरी, फिल्म समीक्षक कोमला नाहटा और आईजी विकास कुमार ने अलग-अलग विषयों पर अपनी राय रखी।
एसके डबल्यूएचडब्ल्यूएफ के सह-संस्थापक मुकेश मिश्रा और नरिशंत शर्मा ने बताया कि दोनों दिनों में 48 सेशंस और वर्कशॉप हुई। शाम को भांगड़ा जुंबा डांस भी किया गया जिसका वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए अप्लाई किया गया है। आयोजन समिति के चेयरमैन अमित अग्रवाल और संस्कृति युवा संस्था के अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा ने बताया कि दूसरे दिन की शुरुआत सुबह योग गुरु ढाकाराम की ओर से ओशो डायनेमिक मेडिटेशन के साथ हुई।
72 घंटे की लगातार शूटिंग में झपकी आई तो पापा ने मारा चांटा: उत्कर्ष शर्मा
गदर फेम उत्कर्ष शर्मा ने अपने सेशन गदर से वेलनेस तक में अपने अनुभव शेयर किए। उन्होंने बताया कि गदर-1 में आना मेरे लिए एक्सीडेंटल था। उस समय ऐसा बच्चा चाहिए था, जो छोटे-मोटे स्टंट कर ले और स्कूल से छह महीने की छुट्टी भी ले सके। ऐसे में पिता अनिल शर्मा ने मुझे ही ले लिया। हालांकि गदर के बाद भी मैंने पढ़ाई को ही इंपोर्टेंस दी। उन्होंने एक वाकया सुनाया कि गदर की लखनऊ में 72 घंटे से लगातार शूटिंग कर रहे थे। एक सीन में सनी देओल और अमरीश पुरी के साथ मैं भी था। सीन के दौरान मुझे झपकी आ गई तो अचानक से पीछे से चांटा पड़ा। मैं चौंक कर देखने लगा तो पीछे से पापा ने कहा मैंने मारा है। जैसे सब 100 प्रतिशत दे रहे वैसे तुम भी दो।
सिक्स पैक एब्स होते तो आज चूचा न होता
फुकरे फेम वरुण शर्मा ने अपने सेशन ‘फुकरी जिंदगी जीने का अपना तरीका’ में अपने अनुभव शेयर किए। उन्होंने बताया कि मैंने बचपन से ही तय कर रखा था कि मुझे एक्टर बनना है। 12वीं के बाद जब पेरेंट्स ने पूछा तब भी उन्होंने यही बताया। पेरेंट्स ने बहुत सपोर्ट किया। उन्होंने कहा कि मैं असिस्टेंट कास्टिंग डायरेक्टर था, तब कई आर्टिस्ट अपना ऑडिशन इसीलिए नहीं देते थे, क्योंकि उनके एब्स या जॉ लाइन आने में टाइम लगता था। मैंने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया। अगर सिक्स पैक एब्स पर ध्यान देता तो आज चूचा नहीं बनता।
म्यूजिक और म्यूजिकलिटी में फर्क करना पड़ेगा: पीयूष मिश्रा
अपने सेशन हील विथ म्यूजिक ने पीयूष मिश्रा ने कहा कि म्यूजिक और म्यूजिकलिटी में फर्क होता है। जिसे म्यूजिक की पहचान होती है वो सुर का ज्ञाता होता है। कई शो करेगा, रियाज करेगा। लेकिन जिसमें म्यूजिकलिटी होती है उसके अंदर म्यूजिक बसा होता है, जैसे गुलजार साहब। आजकल के प्रेम संबंधों पर उन्होंने कहा कि अब दिल टूटने जैसी घटना तो होती ही नहीं। अब दिल नहीं टूटते, ब्रेकअप होते हैं। हमारे जमाने में मोहल्ले में किसी का दिल टूटता था तो सब जगह चर्चा होती थी।
कई सेशंस में हुई हेल्थ एंड वेलनेस पर बात –
डॉ. आदित्य सोरल ने रनिंग के दौरान होने वाली घुटने की और मांसपेशियों की समस्या के बारे में जानकारी दी। डॉ. संजीव शर्मा ने हार्ट डिजीज के इलाज में आई नई तकनीकों की जानकारी दी। नारायणा हॉस्पिटल की ऑन्कोलॉजी टीम ने कैंसर के इलाज से जुड़ी जानकारी प्रदान की। वहीं सीनियर जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. बी.आर. बगड़िया ने अपने सेशन चलोगे आप तो दौड़ेंगी जिंदगी में घुटने और कूल्हे के जोड़ प्रत्यारोपण पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत में हर साल सात से आठ लाख जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी हो रही हैं। समय के साथ इसकी लागत में कमी और परिणाम बेहतर हो गए हैं। डॉ. संदीप जैन ने पेट से संबंधित रोगों के बारे में बात की। डॉ. विजय कपूर और डॉ. एस कुमार ने डायबिटीज पर सेशन लिया। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश माथुर ने शब्द और वेलनेस पर अपने विचार रखे। ज्योतिषविद् डॉ. लता श्रीमाली ने सफेद दाग और एस्ट्रोलॉजी के संबंध में जानकारी दी। वहीं आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया, मनीष गुप्ता और विकास जैन ने अपने सेशन में सोलर एनर्जी पर बात की। उन्होंने कहा कि इंसान प्रकृति का ही हिस्सा हैं। अगर हम अपने आपको भी मॉनिटर करें तो प्रकृति को नुकसान से बचा सकते हैं। एसके फाइनेंस के एमडी राजेंद्र सेतिया ने अपने सेशन में फाइनेंस मैनेजमेंट पर बात की। उन्होंने फाइनेंशियल सिक्योरिटी का मंत्र दिया।