झुंझुनूं : सरकार ने दैनिक उपयोग की खाद्य वस्तुओं का स्टॉक लिमिट 200 टन से घटाकर 50 टन कर दिया है। अब खाने-पीने और रसोई की जरूरत के सामान को 50 टन से ज्यादा स्टॉक नहीं किया जा सकता। इससे रसोई का बजट सुधरने की उम्मीद है।
खाद्य पदार्थों के दाम बीते 9 महीने में करीब 25 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गए। इससे घरेलू बजट गड़बड़ा गया। खाद्य तेल को छोडक़र दाल, आटा, मैदा, रवा, काबुली चना जैसी दैनिक उपयोग की अधिकतर चीजों के दामों में तेजी रही।
मसालों की कीमतों में 10 से लेकर 20 फीसदी तक उछाल आया है। दालों में 15 से 20 फीसदी की तेजी आई, लेकिन अब दीपावली तक दलहन व तिलहन के भावाें में कमी की संभावना व्यक्त किए जाने से रसोई बजट में कमी आने की उम्मीद है।
व्यापारियों के अनुसार सरकार ने स्टॉक लिमिट को 200 टन से 50 टन कर दिया है। व्यापारी को माल निस्तारण करना है। इसी प्रकार उत्पादक को भी पहले तीन माह के स्टॉक की अनुमति थी। लेकिन अब एक माह की है। ऐसे में माल बाजार में आने से भाव गिरे। छोटे दुकानदारों को राहत मिलेगी।
खाद्य तेल में नरमी
देश में 70 प्रतिशत खाद्य तेल मलेशिया, इंडोनेशिया से आयात होता है। पाम तेल की आवक जारी रहने से खाद्य तेलों के भाव सामान्य हैं। इससे रसोई का बजट कुछ नियंत्रण में आया है। हालांकि आने वाले त्योहारी सीजन में इसमें और कमी आने की उम्मीद है।
सोयाबिन के तेल का पर्याप्त आयात होने से मांग की तुलना में माल अधिक होने से पिछले तीन माह में भावों में खासी गिरावट आई है। दुकानदार शंकरलाल ने बताया कि सोया तेल के पीपा 2800 से गिरकर 1625 रुपए तक आ गया। तेल के भाव बहुत गिरे हैं। त्योहारों में तेल का सर्वाधिक उपयोग होता है। ऐसे में लोग इसके साथ अन्य अतिरिक्त वस्तुएं खरीद सकेंगे।
प्रकाश कुमार ने बताया कि दालों के भावों में बढ़ोतरी हुई, लेकिन कुछ समय से भाव स्थिर हैं। दीपावली तक भावों में और कमी की उम्मीद है।
भाव (प्रति किलोग्राम)
प्रमुख दलहन
अरहर – 145 से 165
चना – 73 से 75
मूंग – 102 से 106
उड़द – 110 से 120
मसूर – 74 से 76
तिलहन
सोयाबिन – 90 से 115
फॉर्चून – 110
मूंगफली – 200
सरसों – 150
मैदा – 40
सूजी – 40 से 42
आटा – 30 से 42 रुपए प्रति किलोग्राम तक।