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बॉर्डर की आरटीडीसी हॉटल को मेवाड़ी शैली में विकसित करें:टूरिज्म विजन 2030 पर मंथन मे आए सुझाव, होटलों के ट्रेड लाइसेंस पर्यटन दें, होटल इंडस्ट्री में 30 प्रतिशत स्थानीय को मिले जॉब


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बॉर्डर की आरटीडीसी हॉटल को मेवाड़ी शैली में विकसित करें:टूरिज्म विजन 2030 पर मंथन मे आए सुझाव, होटलों के ट्रेड लाइसेंस पर्यटन दें, होटल इंडस्ट्री में 30 प्रतिशत स्थानीय को मिले जॉब

बॉर्डर की आरटीडीसी हॉटल को मेवाड़ी शैली में विकसित करें:टूरिज्म विजन 2030 पर मंथन मे आए सुझाव, होटलों के ट्रेड लाइसेंस पर्यटन दें, होटल इंडस्ट्री में 30 प्रतिशत स्थानीय को मिले जॉब

उदयपुर : राजस्थान मिशन-2030 के तहत मंगलवार की शाम को पर्यटन इंडस्ट्रीज से जुड़े लोग व उद्यमियों के साथ संवाद कार्यक्रम हुआ। इसमें उदयपुर के टूरिज्म को लेकर कई सुझाव आए। टूरिज्म से जुड़े लोगों ने अपने विचार रखे और कई ने लिखित में सुझाव सबमिट किए।

उदयपुर नगर निगम के सुखाड़िया रंगमंच पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पर्यटन विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ थी। विशिष्ट अतिथि श्रमिक कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं राज्यमंत्री जगदीश राज श्रीमाली, संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट, जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल, टीएडी आयुक्त ताराचंद मीणा, समाजसेवी गौरव वल्लभ, फतहसिंह राठौड़, कचरूलाल चौधरी, दिनेश श्रीमाली, यूसीसीआई अध्यक्ष व उद्योगपति संजय सिंघल थे।

मुख्य अतिथि गायत्री राठौड़ ने कहा कि पर्यटन के लिए एक इको सिस्टम बनाने की जरूरत है जिसके तहत पर्यटकों को सभी तरह की सुविधाएं एवं सुरक्षा का वातावरण मिल सके। सरकार के मिशन 2030 में इस बात को सम्मिलित करने के लिए यह कार्यक्रम रखा गया है ताकि संबंधित उ़द्यमियों से प्राप्त सुझावों के आधार पर नीति निर्धारण किया जा सके।

टूरिज्म के संवाद कार्यक्रम में शामिल पर्यटन इंडस्ट्रीज के प्रमुख लोग व अधिकारी। - Dainik Bhaskar
टूरिज्म के संवाद कार्यक्रम में शामिल पर्यटन इंडस्ट्रीज के प्रमुख लोग व अधिकारी।

राज्यमंत्री श्रीमाली ने कहा कि पर्यटन उ़द्योग को बढ़ावा देना है लेकिन इसके साथ ही पूर्वजों द्वारा दी गई विरासत का संरक्षण भी जरूरी है। सरकार सुझावों पर गंभीरता से विचार करेगी और 2030 तक प्रदेश की प्रगति की गति 10 गुणा करने में सफल रहेगी।

संभागीय आयुक्त भट्ट ने कहा कि सरकार के इस मिशन 2030 के तहत प्रदेशभर से तीन करोड़ से अधिक सुझाव प्राप्त हो चुके है। इनके आधार पर विजन डोक्यूमेंट तैयार किया जाना है। समाजसेवी गौरव ने कहा कि आमजन एवं विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों से सुझाव प्राप्त करना असली लोकतांत्रिक नेतृत्व की निशानी है।

प्रारंभ में जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने स्वागत करते हुए सरकार के इस कार्यक्रम की जानकारी दी। कार्यक्रम में कार्यक्रम नोडल अधिकारी ओपी बुनकर, यूनाइटेड हॉटेलियर्स ऑफ उदयपुर के अध्यक्ष यू.बी.श्रीवास्तव, ट्रेवल एजेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष नरपत सिंह आदि मौजूद थे। संचालन राजेन्द्र सेन ने किया। अंत में पर्यटन उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने सभी का आभार जताया।

ये दिए महत्वपूर्ण सुझाव

  • उद्योगपति संजय सिंघल ने कहा कि पब्लिक प्राइवेट पाटर्नरशिप को लेकर अच्छी पॉलिसी की आवश्यकता है और इसे लेकर सरकारी तंत्र के माइन्ड सेट में सकारात्मक बदलाव होना चाहिए। शहर में ग्रीन स्पेस को बढ़ाने का सुझाव भी उन्होंने दिया। विभिन्न उद्योगों के लिए बकाया पर्यावरण स्वीकृति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सभाग स्तर पर कमेटी बनाने की जरूरत बताई। उन्होने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रोड व हवाई कनेक्टीविटी बढ़ाने, उदयपुर एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने, वाहन पंजीकरण शुल्क कम करने जैसे कई सुझाव भी दिए।
  • पर्यटन विकास समिति के सदस्य नवल सिंह ने रतनपुर बोर्डर पर आरटीडीसी हॉटल को मेवाड़ी शैली में विकसित करने का सुझाव दिया। इससे गुजरात व दक्षिणी भारत से आने वाले पर्यटकों को राजस्थान की सीमा पर ही सारी जानकारी मुहैया हो सकेगी और राजस्थान के आतिथ्य का अनुभव हो सकेगा।
  • गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय राणावत ने कहा कि उदयपुर होटल इंडस्ट्री में 30 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार मिलना चाहिए। उन्होंने गाइड के ग्रीन कार्ड को समयबद्ध तरीके से येलो कार्ड में बदलने का सुझाव भी दिया। सज्जनगढ़ मानसून पैलेस पर गाइड का फ्री प्रवेश, नागदा मंदिर में वेडिंग शूट का समय अल सुबह निर्धारित करने, पैलेस ऑन व्हील्स में रोटेशन पर स्थानीय गाइड लगाने जैसे सुझाव भी दिए।
  • होटल एसोसिएशन अध्यक्ष धीरज दोषी ने नगर निगम द्वारा लिए जाने वाले यात्री कर को समाप्त करने का सुझाव दिया। जीएसटी नहीं देने वाले छोटे होटल व्यवसायियों को भी बिजली बिल में छूट दिये जाने की मांग रखी। होटलों के ट्रेड लाइसेंस स्थानीय निकाय की बजाय पर्यटन विभाग द्वारा ही जारी करने का सुझाव भी दिया।
  • माइनिंग प्रतिनिधि हितांशु कौशल ने गुजरात व मध्यप्रदेश में कम रॉयल्टी दर का हवाला देते हुए प्रदेश में खनिज पर बढ़ाई गई रॉयल्टी दर कम करने की मांग रखी।
  • होटल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने लिखित में दिए सुझाव में कहा कि अभी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 20 रूम तक के होटल को ग्रीन कैटेगिरी में वन टाइम या 15 साल की मंजूरी दी जा रही है। इसमें 15 की जगह 50 रूम तक के होटल को इसमें शामिल किया जाए।

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