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पिता को याद कर जनसभा में रोने लगे बलजीत यादव:विधायक बोले- मैंने नई पार्टी के लिए अप्लाई कर दिया है; नेता टिकट मांगने बहरोड़ आएंगे


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पिता को याद कर जनसभा में रोने लगे बलजीत यादव:विधायक बोले- मैंने नई पार्टी के लिए अप्लाई कर दिया है; नेता टिकट मांगने बहरोड़ आएंगे

पिता को याद कर जनसभा में रोने लगे बलजीत यादव:विधायक बोले- मैंने नई पार्टी के लिए अप्लाई कर दिया है; नेता टिकट मांगने बहरोड़ आएंगे

बहरोड : बहरोड विधायक बलजीत यादव सोमवार को एक समारोह में भावुक हो गए। विकास कार्यों की चर्चा करते हुए उन्होंने अपने पिता को याद किया तो मंच पर रोने लगे। उन्होंने कहा कि मेरे पिता बीमार थे। मैंने एक दिन भी छुट्टी नहीं ली। मेरे पिता कहते थे कि बहरोड़ की जनता की सेवा करना। अगर आज मेरे पिता होते तो भीड़ देखकर बहुत खुश होते। लेकिन, आज वह जहां भी होंगे देख रहे होंगे।

उन्होंने कहा कि मैं भगवान से कहता हूं मेरा सब कुछ ले ले, लेकिन मेरे पिता मुझे वापस दे दे। बहुत याद आती है उनकी। मेरे पिता इस दुनिया में नहीं हैं। आज बलजीत बिना बाप का बेटा होकर रह गया है।

इस बीच, उन्होंने अपनी नई पार्टी की घोषणा करते हुए कहा कि इसके रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई कर दिया है।

बलजीत यादव का उनके समर्थकों ने जेसीबी से फूल बरसा कर स्वागत किया। इस दौरान समर्थकों ने उनको अपने कंधों पर उठा रखा था।
बलजीत यादव का उनके समर्थकों ने जेसीबी से फूल बरसा कर स्वागत किया। इस दौरान समर्थकों ने उनको अपने कंधों पर उठा रखा था।

दरअसल, बहरोड में अलग-अलग विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास समारोह महात्मा गांधी स्कूल के स्टेडियम में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में 42 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले बहरोड़ के राजकीय जिला अस्पताल के भवन का शिलान्यास करवाया। बहरोड़ और बर्डोद में बन रहे राजकीय कन्या कॉलेज का उद्घाटन किया। क्षेत्र की विभिन्न सड़कों का शिलान्यास भी किया गया।

नई पार्टी के लिए अप्लाई कर दिया है-बलजीत यादव
बलजीत यादव ने कहा- कृष्ण भगवान से कहता हूं कि मेरा तो एक ही सपना है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आप (जनता) को बैठाऊं और एक दिन ऐसा आएगा, जब राजस्थान का मुख्यमंत्री बहरोड़ की जनता होगी।

मैंने नई पार्टी के रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई कर दिया है। आगामी 5 साल में राजस्थान के प्रत्येक गांव जाऊंगा और 36 बिरादरी की सरकार बनाकर रहूंगा। बहरोड़ के नेता टिकट मांगने नहीं जाएंगे बल्कि राजस्थान के नेता टिकट मांगने के लिए बहरोड़ की धरती पर आएंगे।

गौरतलब है कि 15 दिन पहले उन्होंने राष्ट्रीय जनता सेना के नाम से पार्टी के लिए अप्लाई कर दिया था। रजिस्ट्रेशन होने के बाद वे विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी से उम्मीदवार उतारेंगे।

विधायक बलजीत यादव का समर्थकों ने कंधे पर बैठाकर स्वागत किया।
विधायक बलजीत यादव का समर्थकों ने कंधे पर बैठाकर स्वागत किया।

षड्यंत्रकारी रास्ता रोकेंगे
विधायक बलजीत ने कहा कि षड्यंत्र से कुछ नहीं होगा, कोई नेकी के रास्ते पर चलेगा तो मंथरा बहुत मिलेंगी। वह रोकने का प्रयास करेगी, लेकिन भगवान श्री राम ने कहा कि मंथराओं से डरने की जरूरत नहीं है।

आगामी सरकार भी निर्दलीयों के दम पर बनेगी। क्योंकि हाल ही में सर्वे हुआ है, जिसमें भाजपा की 70 और कांग्रेस की 90 सीटें आ रही हैं। ऐसे में इस बार फिर से निर्दलीय के दम पर सरकार बनेगी और हमारी पहले से 10 गुना ज्यादा चलेगी।

राजस्थान की 200 विधानसभा में मिला समर्थन
बलजीत यादव ने कहा कि राजस्थान की दो विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री भी नहीं जा पाए। लेकिन, मैंने पाकिस्तान बॉर्डर से लगते हुए पोकरण से राजस्थान में दौड़ लगाने की शुरुआत की थी। मुझे हर विधानसभा क्षेत्र में समर्थन मिला। मैंने युवा, किसान, गरीब, मजदूर और आमजन की समस्याओं को विधानसभा में पुरजोर तरीके से उठाया था। मैं सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक युवाओं और राजस्थान के लोगों के लिए दौड़ा। मेरे पैरों के नाखून उखड़ गए, खून की उल्टियां हुई, लेकिन मैं लगातार दौड़ता रहा।

चाहे किसान की फसल के मुआवजे का मुद्दा हो, चाहे एमएसपी पर खरीदने का मुद्दा हो, चाहे जवान के रोजगार का मुद्दा हो, ओपीएस पेंशन का मुद्दा हो, मजदूर का मुद्दा हो, प्रत्येक मामला विधानसभा में उठाया। जनता के लिए मैंने सबसे ज्यादा सवाल किए।

विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास समारोह में आए लोग।
विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास समारोह में आए लोग।

अलवर सांसद नोटों की गड्डियां देकर भेजते हैं
विधायक बलजीत ने अलवर सांसद बालक नाथ पर भी तंज कसा। बहरोड़ में बीजेपी-कांग्रेस धर्म भाई बन गई हैं। सांसद अपने लोगों को नोटों की गड्डियां देकर भेजता है, ताकि वह मेरे बारे में गांव की चौपाल पर बुरा-भला कह सके। लेकिन, सर्वे हुआ है कि बीजेपी के टिकट से लड़ने वालों की जमानत जब्त होगी। इस दौरान विधायक ने स्टूडेंट्स से विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास करवाया।

वर्ष 2018 में भी बलजीत हुए थे भावुक
बलजीत यादव ने विधानसभा का पहला चुनाव वर्ष 2013 में लड़ा था, लेकिन वे हार गए। 2018 में वे कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे। इसके लिए वह पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह, दिल्ली में एआईसीसी के शीर्ष नेताओं और राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी। लेकिन, उनको टिकट नहीं मिला। फिर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। इस दौरान कुंड रोड पर हुई जनसभा में वे भावुक हो गए थे। इसके बाद बहरोड़ की जनता ने दोनों पार्टियों को नकार कर निर्दलीय प्रत्याशी को जिताकर विधानसभा भेजा था। विधायक बनने के बाद बलजीत यादव ने कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया।

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